विक्रम सम्वत 2082वे साल में पड़ने वाली एकादशी | Ekadashi Tithi in 2025

Ekadashi 2025 List in Hindi: हिंदू धर्म में व्रतों और त्योहारों का विशेष महत्व होता है| एकादशी व्रत का भी सभी व्रत में विशेष महत्व है| एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है| हिन्दू पंचांग के अनुसार एकादशी व्रत हर माह में 2 बार पड़ता है एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में| इस तरह से साल में 24 एकदशी पड़ती हैं| जिस साल अधिक मास या मलमास होता है तब वर्ष में 26 एकादशी होती हैं| जैसे साल 2023 में अधिकमास पड़ा था, जिससे मार्च महीने में शुरू होने वाले नववर्ष विक्रम सम्वत 2080 में 12 के बदले 13 महीने हुए| इस प्रकार विक्रम सम्वत 2080वे साल में पड़ने वाली एकादशी भी 26 हुई| इसी प्रकार 2026 में अगला अधिकमास लगेगा| आइये जानते हैं ग्रेगोरियन वर्ष 2025 के मार्च में शुरू होने वाले हिन्दू नव वर्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथियां (Ekadashi 2025 List):  

ekadashi 2025 date list

साल में कितनी एकादशी पड़ती हैं 
प्रत्येक पक्ष में 15 तिथियाँ होती हैं जिसमें से 11वी तिथि को एकादशी कहा जाता है| इसका अर्थ है किसी एक माह में दो एकादशी होंगी और किसी एक वर्ष में 12x2 = 24 एकादशी| जिस साल अधिकमास पड़ता है उस साल में दो अधिक, यानी 26 एकादशी पड़ती हैं| 

एकादशी का महत्व 
हिन्दू मान्यताओं अनुसार एकादशी का विशेष महत्व है| जैन समाज के लिए भी एकादशी एक आध्यात्मिक दिन है जब आमतौर में उपवास रख कर इसे मनाया जाता है| पुराणों की कथा अनुसार एकादशी का व्रत जो व्यक्ति रखता है उसके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है| 
                
माह कृष्ण पक्ष एकादशी  शुक्ल पक्ष एकादशी 
चैत्र 
पापविमोचनी एकादशी
(25 मार्च 2025) 
कामदा एकादशी
(08 अप्रैल 2025) 
वैशाख  
वरुथिनी एकादशी
(24 अप्रैल 2025) 
मोहिनी एकादशी
(08 मई 2025)  
ज्येष्ठ  
  अपरा एकादशी
(23 मई 2025) 
आषाढ़  
  योगिनी एकादशी
(21 जून 2025)  
शायनी एकादशी
(06 जुलाई 2025) 

श्रावण  
 कामिका एकादशी
   (21 जुलाई 2025) 
  पुत्रदा एकादशी
(05 अगस्त 2025)  

भाद्रपद  
    अजा एकादशी
(19 अगस्त 2025) 
परिवर्तिनी एकादशी
(03 सितम्बर 2025) 
आश्विन  
   इंदिरा एकादशी
(17 सितम्बर 2025) 
पापांकुषा एकादशी
(03 अक्टूबर 2025)
कार्तिक  
  रमा एकादशी
(17 अक्टूबर 2025) 
प्रबोधिनी एकादशी
(01 नवंबर 2025) 
मार्गशीर्ष 
   उत्पन्ना एकादशी
(15 नवंबर 2025)  
मोक्षदा एकादशी
(01 दिसंबर 2025) 
पौष  
   सफला एकादशी
(15 दिसंबर 2025)  
पौष पुत्रदा एकादशी
(30 दिसंबर 2025) 
माघ  
   षटतिला एकादशी
(14 जनवरी 2026) 
जया एकादशी
(29 जनवरी 2026) 
फाल्गुन 
विजया एकादशी
(13 फरवरी 2026) 
आमलकी एकादशी
(27 फरवरी 2026)  

चैत्र माह में पापमोचिनी एकादशी और कामदा एकादशी आती है| कामदा एकादशी के दिन की तपस्या से राक्षस आदि योनि से छुटकारा मिलता है और सर्वकार्य सिद्ध होते हैं| वहीँ कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली पापविमोचनि एकादशी व्रत से पाप का नाश होता है संकटों से मुक्ति मिलती है| 

वैशाख में आने वाली वरुथिनी एकादशी सौभाग्य देने, सभी पापों का नष्ट करने तथा मोक्ष देने वाली है| और मोहिनी एकादशी से विवाह, सुख-समृद्धि और शांति के वरदान के साथ मोह-माया के बंधनों से मुक्ति मिलती है| 

ज्येष्ठ माह में अपरा और निर्जला एकादशी आती हैं| जहाँ अपरा एकादशी के व्रत से मनुष्य को अपार खुशियां मिलती हैं वहीँ निर्जला एकादशी के दिन निर्जल और निराहार रहकर व्रत करने से हर प्रकार के मनोरथ की  सिद्धि होती है| 

आषाढ़ महीने में योगिनी एकादशी का उपवास रखने से समस्त पाप दूर हो जाते हैं और व्यक्ति को पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है| शुक्ल पक्ष में आने वाली देवशयनी एकादशी का व्रत करने से सिद्धि प्राप्त होती है| 

श्रावण माह में आने वाली कामिका एकादशी के दिन का उपवास रख कर भक्तजन सभी पापों से मुक्त हो जाता है| इस महीने की श्रावण पुत्रदा एकादशी के व्रत से संतान सुख प्राप्त होता है| 

भाद्रपद में आनन्दा एकादशी से पुत्र पर कोई संकट नहीं आता, दरिद्रता दूर होती है और खोया हुआ पुनः प्राप्त हो जाता है| परिवर्तिनी एकादशी के व्रत से सभी दुःख दूर होकर मुक्ति मिलती है| 

आश्विन माह में इंदिरा और पापांकुशा एकादशी आती है| जहाँ पितरों को अधोगति से मुक्ति देने वाली इंदिरा एकादशी के व्रत से स्वर्ग की प्राप्ति होती है वहीँ पापांकुशा एकादशी सभी पापों से  अपार धन, समृद्धि और सुख प्रदान करती है| 

कार्तिक मास में रमा एकादशी व्रत करने से सभी सुख और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है| प्रबोधिनी एकादशी के दिन व्रत करने से भाग्य जाग्रत होता है| 

मार्गशीर्ष में उत्पन्ना एकादशी करने से हज़ार वाजपेय और अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है| वहीँ शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली मोक्षदा एकादशी मोक्ष देने वाली होती है| 

पौष में आने वाली सफला एकादशी सभी शुभ कार्यों को सफल करने वाली होती है| वहीँ इस महीने पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी के दिन पुत्र की प्राप्ति के लिए व्रत करना चाहिए| 

माघ महीने में आने वाली षटतिला एकादशी व्रत रखने से दुर्भाग्य, दरिद्रता और अनेक प्रकार के कष्ट दूर होकर मोक्ष की प्राप्ति होती है| जया एकादशी का उपवास रखकर व्यक्ति मोक्ष प्राप्त करता है और भूत-पिशाच आदि योनियों में नहीं जाता है|

फाल्गुन महीने में विजया और आमलकी आती है| विजया एकादशी से भयंकर परेशानी से व्यक्ति मुक्त होता है और उसके शत्रुओं का नाश होकर उसे विजय मिलती है| आमलकी एकादशी व्रत से भक्त सभी तरह के रोगों से मुक्त होता है| 

हर 2-3 साल में आने वाले अधिकमास में भी एकादशी व्रत का महत्व है| इस महीने पद्मिनी एवं परमा एकादशी आती है| पद्मिनी एकादशी के व्रत से जहाँ सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं वहीँ परमा एकादशी धन-वैभव देती है और पापों को नाश कर उत्तम गति प्रदान करती है|                  

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