भगवान गणेश जी के 108 नाम | 108 name of Lord Ganesh

भगवान गणेश जी के 108 नाम: गणपति, विनायक, लम्बोदर और पिल्लैयार के रूप में भी जाने जाने वाले भगवान गणेश, हिंदू देवताओं में सबसे प्रसिद्ध और सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवताओं में से एक हैं| हर पूजा से पहले गणेश जी को याद किया जाता है| गणेश की भक्ति व्यापक रूप से फैली हुई है और जैन और बौद्ध और भारत से परे फैली हुई है| आइये जाप करते हैं गणेश जी के 108 नामों का (108 name of Lord Ganesh): 

108 names of lord ganesha in hindi

1. गजानन - गज के मुख वाले

ॐ गजाननाय नमः।

2. गणाध्यक्ष - देवगणों के स्वामी

ॐ गणाध्यक्षाय नमः।

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3. विघ्नराज - विघ्नों को दूर करने वाले एवं विघ्नों के स्वामी

ॐ विघ्नराजाय नमः।

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4. विनायक - समस्त प्राणियों के स्वामी

ॐ विनायकाय नमः।

5. द्वैमातुर - दो माताओं वाले (देवी उमा एवं हस्तिनी)

ॐ द्वैमातुराय नमः।

6. द्विमुख - दो मुखों वाले

ॐ द्विमुखाय नमः।

7. प्रमुख - सृष्टि के मुख्य देव

ॐ प्रमुखाय नमः।

8. सुमुख - सुन्दर मुख वाले / मङ्गलमुखी

ॐ सुमुखाय नमः।

9. कृति - जो स्वयं सृष्टि स्वरूप हैं

ॐ कृतिने नमः।

10. सुप्रदीप - अज्ञान रूपी अन्धकार को नष्ट करने वाले

ॐ सुप्रदीपाय नमः।

11. सुखनिधी - सुख के सागर एवं सुख प्रदान करने वाले

ॐ सुखनिधये नमः।

12. सुराध्यक्ष - देवताओं के अधिपति

ॐ सुराध्यक्षाय नमः।

13. सुरारिघ्न - देवों के शत्रुओं का संहार करने वाले

ॐ सुरारिघ्नाय नमः।

14. महागणपति - जो सर्वोच्च एवं सर्वशक्तिमान हैं

ॐ महागणपतये नमः।

15. मान्य - जो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में मान्य (पूज्य) हैं

ॐ मान्याय नमः।

16. महाकाल - जो काल (समय / मृत्यु) के स्वामी हैं

ॐ महाकालाय नमः।

17. महाबल - जो अत्यधिक बलशाली हैं

ॐ महाबलाय नमः।

18. हेरम्ब - माता के प्रिय पुत्र

ॐ हेरम्बाय नमः।

19. लम्बजठर - लम्बे पेट वाले

ॐ लम्बजठरायै नमः।

20. ह्रस्वग्रीव - छोटी ग्रीवा (गर्दन) वाले

ॐ ह्रस्व ग्रीवाय नमः।

21. महोदरा - विशाल उदर (पेट) वाले

ॐ महोदराय नमः।

22. मदोत्कट - सदैव उन्मुक्त रहने वाले

ॐ मदोत्कटाय नमः।

23. महावीर - जो अत्यन्त वीर एवं पराक्रमी हैं

ॐ महावीराय नमः।

24. मन्त्रिणे - समस्त मन्त्रों के ज्ञाता एवं स्वामी

ॐ मन्त्रिणे नमः।

25. मङ्गल स्वर - जिनका स्वर अत्यन्त मङ्गलमयी है

ॐ मङ्गल स्वराय नमः।

26. प्रमध - जो सृष्टि के समस्त अवयवों का मूल हैं

ॐ प्रमधाय नमः।

27. प्रथम - सर्वप्रथम पूजे जाने वाले, प्रथमपूज्य

ॐ प्रथमाय नमः।

28. प्रज्ञ - जो अत्यधिक बुद्धिमान हैं

ॐ प्राज्ञाय नमः।

29. विघ्नकर्ता - विघ्न उत्पन्न करने वाले

ॐ विघ्नकर्त्रे नमः।

30. विघ्नहर्ता - विघ्न नष्ट करने वाले

ॐ विघ्नहर्त्रे नमः।

31. विश्वनेत्र - सम्पूर्ण सृष्टि पर अपनी दृष्टि रखने वाले / जो सृष्टि के नेत्र स्वरूप हैं।

ॐ विश्वनेत्रे नमः।

32. विराट्पति - जो विराट् सृष्टि के स्वामी हैं।

ॐ विराट्पतये नमः।

33. श्रीपति - सौभाग्य प्रदान करने वाले

ॐ श्रीपतये नमः।

34. वाक्पति - वाणी के देवता

ॐ वाक्पतये नमः।

35. शृङ्गारिण - जो लाल सिन्दूर से सुशोभित हैं।

ॐ शृङ्गारिणे नमः।

36. अश्रितवत्सल - शरणार्थियों पर करुणा करने वाले

ॐ अश्रितवत्सलाय नमः।

37. शिवप्रिय - जो भगवान शिव को अति प्रिय हैं

ॐ शिवप्रियाय नमः।

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38. शीघ्रकारिण - शीघ्र मनोकामना पूर्ण करने वाले

ॐ शीघ्रकारिणे नमः।

39. शाश्वत - जो अपरिवर्तनशील एवं अविनाशी हैं

ॐ शाश्वताय नमः।

40. बल - जो स्वयं बल स्वरूप हैं

ॐ बलाय नमः।

41. बलोत्थित - जिनके बल में निरन्तर वृद्धि होती है

ॐ बलोत्थिताय नमः।

42. भवात्मज - सृष्टि के पुत्र के रूप में पूजे जाने वाले

ॐ भवात्मजाय नमः।

43. पुराण पुरुष - जो आदि पुरुष एवं पुराणों के ज्ञाता हैं।

ॐ पुराण पुरुषाय नमः।

44. पूष्णा - प्राणियों का पोषण करने वाले

ॐ पूष्णे नमः।

45. पुष्करोत्षिप्त वारिण - कमल पुष्प युक्त सरोवर में क्रीडा करने वाले

ॐ पुष्करोत्षिप्त वारिणे नमः।

46. अग्रगण्य - जो सभी देवगणों में अग्र (श्रेष्ठ) हैं

ॐ अग्रगण्याय नमः।

47. अग्रपूज्य - सर्वप्रथम जिनकी पूजा की जाती है

ॐ अग्रपूज्याय नमः।

48. अग्रगामिन् - नेतृत्व एवं मार्गदर्शन करने वाले

ॐ अग्रगामिने नमः।

49. मन्त्रकृत - मन्त्रों की रचना करने वाले

ॐ मन्त्रकृते नमः।

50. चामीकरप्रभ - सूर्य के समान आभामण्डल वाले

ॐ चामीकरप्रभाय नमः।

51. सर्व - जो सम्पूर्ण सृष्टि के स्वरूप में स्थित हैं

ॐ सर्वाय नमः।

52. सर्वोपास्य - जो समस्त सृष्टि में पूज्य हैं

ॐ सर्वोपास्याय नमः।

53. सर्व कर्त्र - समस्त कार्यों के कर्ता एवं नियन्त्रक

ॐ सर्व कर्त्रे नमः।

54. सर्वनेत्र - सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की गतिविधियों पर दृष्टि रखने वाले

ॐ सर्वनेत्रे नमः।

55. सर्वसिद्धिप्रद - समस्त प्रकार की सिद्धियाँ प्रदान करने वाले

ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः।

56. सिद्ध - जो स्वयं सिद्ध हैं / समस्त सिद्धियों के स्वामी

ॐ सिद्धये नमः।

57. पञ्चहस्त - पाँच हाथों (चार हाथ एवं एक सूँड) वाले

ॐ पञ्चहस्ताय नमः।

58. पार्वतीनन्दन - जो माता पार्वती के प्रिय पुत्र हैं।

ॐ पार्वतीनन्दनाय नमः।

59. प्रभव - जो सम्पूर्ण चराचर जगत के आदि स्रोत हैं / जो समस्त प्राणियों के परमात्मा हैं।

ॐ प्रभवे नमः।

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60. कुमारगुरु - जो कुमार (कार्तिकेय) के गुरु हैं / जो गुरु स्वरूप में स्थित हैं

ॐ कुमारगुरवे नमः।

61. अक्षोभ्य - जो अभेद्य एवं अनश्वर हैं

ॐ अक्षोभ्याय नमः।

62. कुञ्जरासुर भञ्जन - कुञ्जरासुर का वध करने वाले

ॐ कुञ्जरासुर भञ्जनाय नमः।

63. प्रमोद - सदैव प्रसन्न रहने वाले / प्रसन्नता प्रदान करने वाले

ॐ प्रमोदाय नमः।

64. मोदकप्रिय - जिन्हें मोदक अत्यन्त प्रिय हैं

ॐ मोदकप्रियाय नमः।

65. कान्तिमत् - जिनके मुखमण्डल पर अद्भुत तेज विद्यमान है

ॐ कान्तिमते नमः।

66. धृतिमत् - जो धैर्यशाली एवं दृढ हैं

ॐ धृतिमते नमः।

67. कामिने - कामनाओं की पूर्ति करने वाले

ॐ कामिने नमः।

68. कपित्थपनसप्रिय - जिन्हें कपित्थ (कैथा) एवं पनस (कटहल) के फल प्रिय हैं

ॐ कपित्थपनसप्रियाय नमः।

69. ब्रह्मचारी - ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने वाले

ॐ ब्रह्मचारिणे नमः।

70. ब्रह्मरूप - जो स्वयं ब्रह्म स्वरूप हैं।

ॐ ब्रह्मरूपिणे नमः।

71. ब्रह्मविद्यादि दानभुव - ब्रह्मविद्या के स्वामी एवं दाता

ॐ ब्रह्मविद्यादि दानभुवे नमः।

72. जिष्णु - सदैव विजय प्राप्त करने वाले

ॐ जिष्णवे नमः।

73. विष्णुप्रिय - जो भगवान विष्णु को प्रिय हैं

ॐ विष्णुप्रियाय नमः।

74. भक्त जीवित - भक्तों के जीवन की रक्षा करने वाले

ॐ भक्त जीविताय नमः।

75. जितमन्मध - मन एवं इन्द्रियों को वश में करने वाले / काम को वश में करने वाले

ॐ जितमन्मधाय नमः।

76. ऐश्वर्यकारण - ऐश्वर्य के स्वामी एवं दाता

ॐ ऐश्वर्यकारणाय नमः।

77. ज्यायस - जो सर्वोच्च एवं सर्वश्रेष्ट हैं

ॐ ज्यायसे नमः।

78. यक्षकिन्नेर सेवित - यक्ष एवं किन्नर जिनकी सेवा में तत्पर हैं

ॐ यक्षकिन्नेर सेविताय नमः।

79. गङ्गा सुत - जो माँ गङ्गा के पुत्र हैं

ॐ गङ्गा सुताय नमः।

80. गणाधीश - जो समस्त गणों के अधिपति एवं नायक हैं

ॐ गणाधीशाय नमः।

81. गम्भीर निनद - गम्भीर नाद उत्पन्न करने वाले

ॐ गम्भीर निनदाय नमः।

82. वटु - जो बालस्वरूप में विराजमान हैं

ॐ वटवे नमः।

83. अभीष्टवरद - मनोवाञ्छित वर प्रदान करने वाले

ॐ अभीष्टवरदाय नमः।

84. ज्योतिष - जो ज्योतिष शास्त्र के ज्ञाता हैं / जो स्वयं ज्योतिष स्वरूप हैं

ॐ ज्योतिषे नमः।

85. भक्तनिधि - जो भक्तों के सर्वस्व हैं

ॐ भक्तनिधये नमः।

86. भावगम्य - जिन्हें मात्र भक्तिभाव द्वारा प्राप्त करना सम्भव है

ॐ भावगम्याय नमः।

87. मङ्गलप्रद - जीवन में मङ्गल प्रदान करने वाले

ॐ मङ्गलप्रदाय नमः।

88. अव्यक्त - मूल प्रकृति जिनसे सम्पूर्ण सृष्टि उत्पन्न हुई है

ॐ अव्यक्ताय नमः।

89. अप्राकृत पराक्रम - अतुलनीय पराक्रम के स्वामी

ॐ अप्राकृत पराक्रमाय नमः।

90. सत्यधर्मी - सत्य के पथ पर चलने वाले

ॐ सत्यधर्मिणे नमः।

91. सखा - जो भक्तों के सखा व मित्र हैं

ॐ सखये नमः।

92. सरसाम्बुनिधि - जिन्हें दूर्वा घास प्रिय है

ॐ सरसाम्बुनिधये नमः।

93. महेश - जो देवताओं में सबसे महान हैं / जो भगवान शिव के पुत्र हैं

ॐ महेशाय नमः।

94. दिव्याङ्ग - जिनके समस्त अङ्ग दिव्य एवं तेजोमयी हैं

ॐ दिव्याङ्गाय नमः।

95. मणिकिङ्किणी मेखाल - मणियुक्त मेखला (कटिसूत्र) धारण करने वाले

ॐ मणिकिङ्किणी मेखालाय नमः।

96. समस्त देवता मूर्ति - समस्त देव जिनकी उपासना करते हैं

ॐ समस्त देवता मूर्तये नमः।

97. सहिष्णु - शान्त एवं सहनशील स्वभाव वाले

ॐ सहिष्णवे नमः।

98. सततोत्थित - सदैव प्रगति करने वाले

ॐ सततोत्थिताय नमः।

99. विघातकारी - भक्तों की सुरक्षा करने वाले

ॐ विघातकारिणे नमः।

100. विश्वग्दृश - सम्पूर्ण विश्व के क्रियाकलापों पर दृष्टि रखने वाले

ॐ विश्वग्दृशे नमः।

101. विश्वरक्षाकृत - सृष्टि की रक्षा करने वाले

ॐ विश्वरक्षाकृते नमः।

102. कल्याणगुरु - गुरु के रूप में कल्याण करने वाले

ॐ कल्याणगुरवे नमः।

103. उन्मत्तवेष - सदैव आनन्दमग्न रहने वाले

ॐ उन्मत्तवेषाय नमः।

104. अपराजित - जिन्हें पराजित करना असम्भव है

ॐ अपराजिते नमः।

105. समस्त जगदाधार - समस्त ब्रह्माण्ड को धारण करने वाले

ॐ समस्त जगदाधाराय नमः।

106. सर्वैश्वर्यप्रद - नाना प्रकार के धन-ऐश्वर्य प्रदान करने वाले

ॐ सर्वैश्वर्यप्रदाय नमः।

107. आक्रान्त चिद चित्प्रभ - जो समस्त सृष्टि के ज्ञान एवं बुद्धि के स्रोत हैं

ॐ आक्रान्त चिद चित्प्रभवे नमः।

108. श्री विघ्नेश्वर - समस्त विघ्नों को नष्ट करने वाले

ॐ श्री विघ्नेश्वराय नमः।


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