साल 2024 में महालक्ष्मी व्रत कब है | Mahalakshmi Vrat 2024

Mahalakshmi Vrat 2024: हिंदू धर्म में महालक्ष्मी व्रत का विशेष महत्व माना जाता है| यह त्योहार धन और भाग्य की देवी माता लक्ष्मी को समर्पित है| महालक्ष्मी व्रत को सोलह दिनों तक रखा जाता है| सोलवें दिन इस व्रत का उद्यापन किया जाता है| अगर आप 16 दिनों तक व्रत नहीं रख सकतीं तो आरंभ के तीन या अंत के तीन व्रत भी रखे जा सकते हैं| मान्यता है कि महालक्ष्मी व्रत रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है| आइये जानते हैं साल 2024 में महालक्ष्मी व्रत कब है? पूजन की सामग्री क्या है, पूजा की विधि क्या है और चंद्रोदय का समय क्या रहेगा? 

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साल 2024 में महालक्ष्मी व्रत कब है (महालक्ष्मी व्रत 2024) 

हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन महालक्ष्मी व्रत रखा जाता है| आश्विन माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी के दिन इस व्रत का समापन होता है| इस प्रकार महालक्ष्मी व्रत लगातार सोलह दिनों की अवधि के लिए मनाया जाता है|  ग्रेगोरियन कैलेंडर में यह अवधि सितंबर-अक्टूबर के महीने में आती है| इस साल 2024 में महालक्ष्मी व्रत 11 सितम्बर 2024 को रखा जाएगा| अष्टमी तिथि की शुरुआत मंगलवार, 10 सितम्बर 2024 को रात 11 बजकर 11 मिनट पर होगी और बुधवार, 11 सितम्बर रात्रि 11 बजकर 46 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी| इस वर्ष सम्पूर्ण महालक्ष्मी व्रत के कुल 14 दिन होंगे| यानि 11 सितम्बर 2024 को महालक्ष्मी व्रत का प्रारम्भ होगा और 24 सितम्बर 2024 को महालक्ष्मी व्रत पूर्ण होंगे| 

महालक्ष्मी व्रत 

महालक्ष्मी व्रत, गणेश चतुर्थी के चार दिन पश्चात् आता है| महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्ठमी से आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तक निरन्तर सोलह दिनों तक मनाया जाता है| तिथियों के घटने-बढ़ने के आधार पर, उपवास की अवधि पन्द्रह दिन अथवा सत्रह हो सकती है| इस व्रत का पालन धन व समृद्धि की देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिये किया जाता है| यह व्रत भारत के उत्तरी क्षेत्रों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में पूरे उत्साह और समर्पण के साथ मनाया जाता है।

भाद्रपद शुक्ल अष्टमी को देवी राधा की जयन्ती के रूप में भी मनाया जाता है| देवी राधा जयन्ती को राधा अष्टमी के नाम से जाना जाता है। जिस दिन महालक्ष्मी व्रत आरम्भ होता है, वह दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन दूर्वा अष्टमी व्रत भी होता है| दूर्वा अष्टमी पर दूर्वा घास की पूजा की जाती है| इस दिन को ज्येष्ठ देवी पूजा के रूप में भी मनाया जाता है, जिसके अन्तर्गत निरन्तर त्रिदिवसीय देवी पूजन किया जाता है| इसी कारण कई लोग , जो 16 दिनों तक व्रत नहीं रख सकते, तीन दिनों का भी व्रत रखते हैं| 

महालक्ष्मी व्रत का महत्व

महालक्ष्मी व्रत देवी लक्ष्मी के सम्मान में मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु की पत्नी हैं और उन्हें मां शक्ति का एक रूप भी माना जाता है| महालक्ष्मी व्रत हिंदू पुरुषों और महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण उपवास दिन है| इस पवित्र व्रत की महिमा भगवान श्रीकृष्ण ने पांडव भाइयों में सबसे बड़े राजा युधिष्ठिर को बताई थी| महालक्ष्मी व्रत की महानता 'भविष्य पुराण' जैसे धार्मिक ग्रंथों में भी बताई गई है| 

महालक्ष्मी व्रत की तिथि (Mahalakshmi Vrat Date)

महालक्ष्मी व्रत 2020 : मंगलवार, 25 अगस्त 2020

महालक्ष्मी व्रत 2021 : सोमवार, 13 सितम्बर 2021

महालक्ष्मी व्रत 2022 : शनिवार, 03 सितम्बर 2022

महालक्ष्मी व्रत 2023 : शुक्रवार, 22 सितम्बर 2023

महालक्ष्मी व्रत 2024 : बुधवार, 11 सितम्बर 2024

महालक्ष्मी व्रत 2025 : रविवार, 31 अगस्त 2025

महालक्ष्मी व्रत 2026 : शुक्रवार, 18 सितम्बर 2026 

महालक्ष्मी व्रत 2027 : मंगलवार, 07 सितम्बर 2027

महालक्ष्मी व्रत 2028 : रविवार, 27 अगस्त 2028

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