संविधान हत्या दिवस कब मनाया जाएगा | Samvidhan Hatya Diwas 2024

Samvidhan Hatya Diwas 2024: दुनिया में हर एक दिन का एक इतिहास होता है, फिर चाहे वह सही मायनों में याद किया जाए या फिर काले दिवस के रूप में| भारत में एक ऐसा ही दिन था जब यहाँ पर आपातकाल लगा दिया गया था और जिसे याद कर उस समय के लोग आज भी भयभीत हो उठते हैं| इस दिन को अब भारत की सरकार ने अब संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है| आइये जानते हैं कब मनाया जाएगा संविधान हत्या दिवस (Samvidhan Hatya Divas 2024) और क्या है इसको लेकर विवाद:

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संविधान हत्या दिवस कब मनाया जाएगा | Samvidhan Hatya Diwas 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने 12 जुलाई 2024, शुक्रवार को घोषणा की कि 1975 के आपातकाल के पीड़ितों के सम्मान में 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जाएगा| यह घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की| प्रथम संविधान हत्या दिवस वर्ष 2025 में मनाया जाएगा| 

अमित शाह ने ट्वीट किया, '25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तानाशाही मानसिकता का निर्लज्ज प्रदर्शन करते हुए देश पर आपातकाल थोप कर लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था| लाखों लोगों को बिना किसी गलती के सलाखों के पीछे डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को खामोश कर दिया गया|"

भारत सरकार ने हर साल 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है| यह दिन उन सभी के बड़े योगदान को याद करेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल की अमानवीय पीड़ाओं को सहन किया| गृह मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है, "जबकि, 25 जून, 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी, जिसके बाद तत्कालीन सरकार द्वारा सत्ता का घोर दुरुपयोग किया गया था और भारत के लोगों को ज्यादती और अत्याचार का सामना करना पड़ा था; और जबकि, भारत के लोगों की भारत के संविधान और भारत के लचीले लोकतंत्र की शक्ति में स्थायी विश्वास है|"

भारत सरकार ने 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' घोषित किया है, ताकि आपातकाल की अवधि के दौरान सत्ता के घोर दुरुपयोग के खिलाफ पीड़ित और लड़े सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की जा सके।

आधिकारिक बयान में यह भी कहा गया है कि भारत के लोगों को भविष्य में किसी भी तरह से सत्ता के सकल दुरुपयोग का समर्थन करने से बचने के लिए यह दिन मनाया जाएगा| केंद्रीय गृह मंत्री ने 10वीं तारीख को यह भी लिखा कि 'संविधान हत्या दिवस' हर भारतीय में स्वतंत्रता की लौ को जीवित रखेगा।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए निर्णय का उद्देश्य लाखों लोगों की भावना का सम्मान करना है, जिन्होंने एक दमनकारी सरकार के हाथों अकथनीय उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया।" उन्होंने कहा, 'संविधान हत्या दिवस' हर भारतीय में व्यक्तिगत स्वतंत्रता की शाश्वत लौ और हमारे लोकतंत्र की रक्षा को जीवित रखने में मदद करेगा, इस प्रकार कांग्रेस जैसी तानाशाही ताकतों को उन भयावहताओं को दोहराने से रोकेगा। 

पीएम मोदी ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने के अपनी सरकार के फैसले के बारे में भी एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें याद दिलाता रहेगा कि भारतीय संविधान को कब कुचला गया| 

संविधान हत्या दिवस पर विवाद

संविधान हत्या दिवस को लेकर विपक्षी राजनितिक पार्टियों में विवाद में उठ खड़ा हुआ है| दरअसल विपक्ष का मानना है कि आपातकाल का विषय संविधान के दायरे में है| और परिस्थति के हिसाब से राष्ट्रपति आपातकाल लगा सकता है| और रही बात इसे काला दिवस यानि 'हत्या' के रूप में मनाए जाने के तो इस प्रकार सत्ता धारी पार्टी के कई फैसलों को हत्या दिवस करार दिया जा सकता है| 

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