चेटी चण्ड 2023: चेटी चण्ड सिंधी समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है| भारत के साथ पाकिस्तान के सिंधी लोग चेटी चण्ड का त्यौहार मनाते हैं| चेटी चंड की तारीख हिंदू कैलेंडर के आधार पर तय की जाती है| आइये जानते हैं चेटी चण्ड कब मनाया जाता है (Cheti Chand 2023 Date):
चेटी चण्ड कब मनाया जाता है (Cheti Chand 2023 Date)
चेटी चण्ड का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है| दरअसल यह त्यौहार चाँद के दिखने पर निर्भर होता है| चैत्र माह में चाँद दिखने पर, चैती (चैत्र माह) चाँद त्यौहार मनाते हैं| ज्यादातर बार, यह उगादी और गुड़ी पड़वा के एक दिन बाद यानि चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर ही पड़ता है| यानि यह वह दिन होता है जब अमावस्या यानि नो मून डे के बाद चाँद दिखाई देता है| चैती मास (चैत्र माह) के दौरान चंद्रमा के पहली बार दिखाई देने के कारण इस दिन को चेटी चण्ड के नाम से जाना जाता है|
इस पर्व को सिंधी समाज के आराध्य देवता भगवान झूलेलाल के जन्मोत्सव के रूप में मनाते है| इसलिए इसे झूलेलाल जयंती (Jhulelal Jayanti 2023) के नाम से भी जानते हैं| चेटी चण्ड के साथ ही सिंधी नववर्ष की शुरुआत भी होती है| इस मौके पर सिंधी समाज के लोग जीवन में सुख समृद्धि की कामना के लिए वरुण देवता की पूजा करते हैं क्योंकि भगवान झूलेलाल को जल देवता का अवतार माना जाता है| इस साल चेटी चण्ड का त्यौहार 22 मार्च 2023, बुधवार को मनाया जाएगा| चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च 2023 को रात 10 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी और इसकी समाप्ति अगले दिन 22 मार्च 2023 को रात 08 बजकर 20 मिनट पर होगी| वहीँ द्वितीया तिथि 22 मार्च को शुरू होकर 23 मार्च 2023 को शाम 06 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी|
चेटी चण्ड 2023 (Cheti Chand 2023)
चेटी चण्ड के अवसर पर सिंधी समुदाय द्वारा भगवान झूलेलाल की शोभायात्रा निकाली जाती है| इसके अलावा इस दिन कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं| चेटी चण्ड की शुरुआत सुबह मंदिरों के दर्शन और बुजुर्गों के आशीर्वाद से होती है| चेटी चण्ड के दिन सिंधी समाज के लोग नदी और झील के किनारे पर बहिराणा साहिब की परंपरा को पूरा करते हैं| चेटीचंड के अवसर पर भक्त लकड़ी का मंदिर बनाकर उसमें एक लोटे से जल और ज्योति प्रज्वलित करते हैं, जिसे बहिराणा साहब भी कहा जाता है| इस परंपरा का उद्देश्य मन की इच्छा पूरी होने पर ईश्वर के प्रति आभार प्रकट करना होता है| इस मौके पर भगवान झूलेलाल की मूर्ति की पूजा की जाती है| भक्तजन झूलेलाल भगवान की प्रतिमा को अपने शीश पर उठाकर परम्परागत छेज नृत्य करते हैं| इस दौरान झांकी निकाली जाती है|
झूलेलाल जी इष्टदेव हैं| सागर के देवता, सत्य के रक्षक और दिव्य दृष्टि के महापुरुष के रूप में इन्हें मान्यता दी गई है| चेटी चण्ड (Cheti Chand 2023) की शाम को गणेश विसर्जन की तरह बहिराणा साहब की ज्योति विसर्जन किया जाता है|
झूलेलाल जयंती (Jhulelal Jayanti 2023)
जैसा कि ऊपर बताया गया है, सिंधी समुदाय ईष्टदेव उदेरोलाल की जयंती मनाने के लिए चेटी चंड का त्योहार मनाता है, जिसे सिंधियों के संरक्षक संत झूलेलाल के नाम से जाना जाता है| संत झूलेलाल का जन्म 10 वीं शताब्दी के दौरान सिंध में हुआ था| कहा जाता है, मिरखशाह नाम का एक अत्याचारी सिंधी हिंदुओं को धमकी दे रहा था कि या तो वे इस्लाम धर्म अपना लें या मौत का सामना करें| सिंधियों ने नदी भगवान से प्रार्थना की कि वे उन्हें जबरन धर्मांतरण से बचाएं| ऐसा कहा जाता है कि उनकी प्रार्थना चालीस दिनों की पूजा के बाद सुनी गई थी और वरुणदेव उदेरोलाल ने जलपति के रूप में मछली पर सवार होकर लोगों को दर्शन दिया और उन्हें वादा किया कि अत्याचारी से बचाने के लिए एक दिव्य बच्चे का जन्म होगा|
चैत्र शुक्ल द्वितीया के दिन नसरपुर में माँ देवकी, पिता रतनराय के घर चमत्कारी बालक ने जन्म लिया जिसका नाम उदयचंद रखा गया| बालक को संत झूलेलाल के नाम से जाना जाने लगा| सर्वधर्म समभाव तथा अमन का पैगाम देने वाले झूलेलाल जी एक दिव्य पुरुष थे| जब शासक मीरक शाह को यह खबर मिली तो उसने बालक का वध करने का प्रयास किया| लेकिन जब वह अपने प्रयासों में विफल रहा तो उसका अहंकार चूर चूर हो गया तथा वह झूलेलाल का परम शिष्य बनकर उनके विचारों को जन-जन तक पहुचाने के कार्य में जुट गया| शाह ने अपने आराध्य के लिए कुरुक्षेत्र में एक भव्य मंदिर का निर्माण भी करवाया|
चेटी चण्ड 2023 की शुभकामनाएं (Happy Cheti Chand 2023)
आयो मच्छी ते चड़ी, कन्दो मुरादा पूरी
थींदों नयाणि जो भलो भाग, व्यापारी थींदा शाहुकार
चओ आयो लाल झूले लाल, चेटी चण्ड की हार्दिक शुभकामनाएं!!!
आपको सिंधी नए साल चेटी चण्ड की हार्दिक शुभकामनाएं,
नया साल आपके लिए खुशियों से भरा हो,
आपकी हर मनोकामना पूरी हो !!!
0 Comments