रेलवे ट्रैक पर चेक रेल क्या होती है | Check Rail in Railway

Check Rail in Railway: भारतीय रेलवे दुनिया के शीर्ष रेल नेटवर्क में से एक है| किसी रेल ट्रैक पर कई बार हम देखते हैं कि दो पटरियों के बीच में एक और रेल बिछाई गई होती है, जिसे चेक रेल कहते हैं| आइये जानते हैं कि रेलवे ट्रैक पर चेक रेल क्या होती है और इसे क्यों लगाया जाता है (Check Rail in Railway):  
what is check rail in railway

चेक रेल क्या होती है (Check Rail in Railway)

चेक रेल (Check Rail) ट्रैक पर बिछाई गई रेलों के समानांतर (Parallel) बिछाई गई रेल को कहते हैं| चेक रेल, रेलगाड़ी के पहियों के ट्रैक से उतरने के जोखिम को कम करती है| इसे पॉइंट, रेल क्रॉसिंग और कर्व ट्रैक, लेवल क्रासिंग, इम्प्रूवड स्विच एक्सपेंशन जॉइंट पर लगाया जाता है| 

कर्व रेलवे ट्रैक पर चेक रेल (Check Rail Clearance in a curve)

check rail in curve

भारतीय रेलवे के मानकों के अनुसार अगर रेलवे ट्रैक में कर्व 8 डिग्री या उससे अधिक होता है तो उस कर्व ट्रैक पर चेक रेल दी जाती है| अगर ट्रेन की गति अधिक हो तो कम कर्व वाले ट्रैक पर भी चेक रेल दे सकते हैं| कर्व ट्रैक में चेक रेल की क्लीयरेंस न्यूनतम 44 मिलीमीटर होनी चाहिए| 

लेवल क्रासिंग पर चेक रेल (Clearance of check rail at level crossing) 

check rail at level crossing

लेवल क्रासिंग जहाँ पर रेल मार्ग और रोड मार्ग क्रॉस होते हैं वहां पर भी चेक रेल दी जाती है| लेवल क्रासिंग पर चेक रेल की न्यूनतम क्लीयरेंस 51 मिलीमीटर और अधिकतम क्लीयरेंस 57 मिलीमीटर होती है| 

पॉइंट्स और क्रासिंग पर चेक रेल (Clearance of check rail at points and crossing) 

check rail at turnout


पॉइंट्स और क्रासिंग जहाँ पर एक रेलवे ट्रैक से दूसरा ट्रैक अलग होता है (टर्नआउट) वहां पर क्रासिंग नोज के दूसरी तरफ वाली पटरी के पास भी चेक रेल लगाई जाती है| नोज ऑफ़ क्रासिंग के दूसरी तरफ की चेक रेल की  न्यूनतम क्लीयरेंस 44 मिलीमीटर और अधिकतम क्लीयरेंस 48 मिलीमीटर होती है| 

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