World Statistics Day 2023: सही सांख्यिकीय विश्लेषण के बिना नीति निर्माण और क्रियान्वयन प्रभावी नहीं हो सकता| अंतहीन सूचना और डेटा फ्लो के इस युग में सांख्यिकी की भूमिका और महत्व में तेजी से बढ़ोतरी हुई है| सभी के लिए सतत विकास को आगे बढ़ाने में आंकड़ों की भूमिका को उजागर करने के उद्देश्य से विश्व भर में एक दिन विश्व सांख्यिकी दिवस के तौर पर मनाया जाता है| आइये जानते हैं कब मनाते हैं विश्व सांख्यिकी दिवस (World Statistics Day 2023 Date):
विश्व सांख्यिकी दिवस कब मनाया जाता है (World Statistics Day 2023 Date)
दुनिया भर में हर पांच साल के अंतराल में 20 अक्टूबर को विश्व सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है| पिछला विश्व सांख्यिकी दिवस वर्ष 2020 में मनाया गया| दरअसल, फरवरी 2010 में अपने 41 वें सत्र में, संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग ने 20 अक्टूबर 2010 को विश्व सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया| एक विश्वसनीय, समय पर आंकड़े और नीतिगत निर्णयों के लिए देशों की प्रगति के संकेतकों, को स्वीकार करते हुए महासभा ने 3 जून 2010 को संकल्प 64/267 को अपनाया, जिसने आधिकारिक तौर पर 20 अक्टूबर 2010 को पहले विश्व सांख्यिकी दिवस के रूप में नामित किया| इसके बाद 2015 में, संकल्प 96/282 के साथ, महासभा ने 20 अक्टूबर 2015 को दूसरे विश्व सांख्यिकी दिवस के रूप में नामित करने का निर्णय लिया, साथ ही 20 अक्टूबर को हर पांच साल में विश्व सांख्यिकी दिवस मनाने का फैसला किया| इसका अर्थ हुआ अगला विश्व सांख्यिकी दिवस, वर्ष 2025 में मनाया जाएगा|
विश्व सांख्यिकी दिवस का विषय (World Statistics Day Theme)
तीसरा विश्व सांख्यिकी दिवस 20 अक्टूबर 2020 को दुनिया भर में "Connecting the world with data we can trust." की थीम पर मनाया गया| इसका अर्थ है ऐसे डेटा के साथ दुनिया को जोड़ना जिसपर हम भरोसा कर सकते हैं| यह विषय राष्ट्रीय सांख्यिकीय प्रणालियों में विश्वास, आधिकारिक डेटा, नवाचार और सार्वजनिक भलाई के महत्व को दर्शाता है|
World Statistics Day 2020 theme: "Connecting the world with data we can trust"
World Statistics Day 2015 theme: "Better data, better lives"
World Statistics Day 2010 theme: "Celebrating the many achievements of official statistics"
भारत में कब मनाया जाता है सांख्यिकी दिवस (Statistics Day in India)
भारत में सांख्यिकी दिवस 29 जून को मनाया जाता है| सांख्यिकी, सांख्यिकी प्रणाली और आर्थिक नियोजन के क्षेत्र में स्वर्गीय प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस द्वारा किए गए उल्लेखनीय योगदान को मान्यता देते हुए, भारत सरकार ने 2007 में राष्ट्रीय स्तर पर हर साल मनाए जाने वाले विशेष दिनों की श्रेणी में 29 जून को "सांख्यिकी दिवस" के रूप में नामित किया है| इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक नियोजन और नीति निर्माण में सांख्यिकी के महत्व के बारे में सार्वजनिक जागरूकता पैदा करना, प्रोफेसर महालनोबिस के योगदान को स्वीकार करना और उन्हें श्रद्धांजलि देना है|
जब हम किसी मानक के संबंध में भारत के स्थान के बारे में बात करते हैं, तो ये आंकड़े हैं| जब हम कहते हैं कि भारत युवाओं का देश है या इसका जनसांख्यिकी लाभ अधिक है, तो यह बात सांख्यिकी के आधार पर ही कही जाती है| भारत सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के एक नए चरण की दहलीज पर है| डिजिटल प्रौद्योगिकियों की बढ़ती पैठ ने सरकारी कामकाज में पारदर्शिता व दक्षता लाई है और ई-सरकार परिदृश्य को रूपांतरित कर दिया है| इन पहलों के माध्यम से आंकड़ों की उपलब्धता सरकार को प्रभावी निर्णय लेने में सहायता प्रदान करती है|
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