Goa Liberation Day 2022: गोवा भारत के सबसे छोटे राज्यों में से एक है| जब भारत में ब्रिटिश शासन शुरू हुआ उससे भी पहले से गोवा पुर्तगाली कब्जे में था| वास्को डि गामा वर्ष 1498 में भारत आए और इसके 12 वर्षों के भीतर पुर्तगलियों ने गोवा पर कब्जा जमा लिया| 1510 से शुरू हुआ पुर्तगाली शासन गोवा के लोगों को 451 सालों तक झेलना पड़ा| भारत को तो वर्ष 1947 में अंग्रेजी शासन से आजादी मिल गयी, परन्तु गोवा तब भी पुर्तगालियों के अधिकार में था| गोवा को आजादी भारत की स्वतंत्रता के 14 वर्षों बाद मिली| गोवा को जिस दिन आजादी मिली उसे गोवा मुक्ति दिवस यानि गोवा लिबरेशन डे (Goa Liberation Day) के तौर पर मनाया जाता है| आइये जानते हैं गोवा मुक्ति दिवस कब मनाते हैं और कैसे मिली गोवा को आजादी:
गोवा मुक्ति दिवस कब मनाते हैं (Goa Liberation Day 2022 Date)
हर साल 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है| गोवा के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक इसी दिन वर्ष 1961 में गोवा को पुर्तगालियों से आजादी मिली थी| 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद भी पुर्तगालियों ने गोवा छोड़ने से इनकार कर दिया| पुर्तगालियों के साथ कई असफल वार्ताओं और राजनयिक प्रयासों के बाद, तत्कालीन भारत सरकार ने गोवा की मुक्ति के लिए सैन्य विकल्प चुना| 18 दिसंबर, 1961 को भारत के सैन्य अभियान "ऑपरेशन विजय" के 36 घंटे के भीतर पुर्तगाली जनरल मैनुअल एंटोनियो वासलो ई सिल्वा ने आत्मसमर्पण के प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए|
गोवा मुक्ति दिवस गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त करने वाले भारतीय सशस्त्र बलों की स्मृति में मनाया जाता है| साथ ही इस दिन भारत यूरोपीय शासन से पूरी तरह मुक्त हुआ था| पुर्तगाली कब्जे से मुक्त होने के बाद, गोवा 1962 में भारत का हिस्सा बन गया| 16 जनवरी 1967 को गोवा, दमन और दीव के केंद्र शासित प्रदेश के भविष्य का फैसला करने के लिए गोवा में एक जनमत संग्रह आयोजित किया गया था| यह स्वतंत्र भारत में आयोजित होने वाला एकमात्र जनमत संग्रह था| जनमत संग्रह ने गोवा के लोगों को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में बने रहने या महाराष्ट्र राज्य के साथ विलय के बीच एक विकल्प की पेशकश की और बहुमत ने गोवा बने रहना चुना| 30 मई 1987 को, गोवा, दमन और दीव के केंद्र शासित प्रदेश को विभाजित किया गया था, और गोवा को भारत का पच्चीसवां राज्य बनाया गया था|
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