Uttarakhand Foundation Day 2023: ग्लेशियर, नदियां, घने जंगल और बर्फ से ढकी पर्वत चोटियां के साथ समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों का धनी राज्य है उत्तराखंड| इस राज्य में कई लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जैसे फूलों की घाटी, हेमकुंड साहिब, नैनीताल, बेदनी बुग्याल, मुनस्यारी, मसूरी, कौसानी आदि| बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री के रूप में चार सबसे पवित्र और पूजनीय हिंदू मंदिरों वाली देवभूमि-'उत्तराखंड राज्य' हर साल अपने स्थापना दिवस को बड़ी ही धूम-धाम से मनाता है| इस साल वर्ष 2023 में इस राज्य को बने 23 वर्ष पुरे हो रहे हैं| आइये जानते हैं उत्तराखंड स्थापना दिवस कब मनाते हैं और क्या है इस हिमालय राज्य में विशेष:
उत्तराखंड स्थापना दिवस कब मनाते हैं (Uttarakhand Foundation Day 2023 Date)
उत्तराखंड दिवस (Uttarakhand Day), राज्य उत्तराखंड के स्थापना दिवस के रूप हर साल मनाया जाता है| 9 नवंबर, 2000 को उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड राज्य का गठन भारत के 27 वें राज्य के तौर पर किया गया था|
दरअसल भारत की आजादी के बाद तत्कालीन संयुक्त प्रांत के हिमालयी जिलों ने क्षेत्रीय साहित्य में महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया था| वर्ष 1949 में टिहरी गढ़वाल रियासत के भारत संघ में विलय हो जाने के बाद साल 1950 में, संयुक्त प्रांत का नाम बदलकर 'उत्तर प्रदेश' कर दिया गया और इस तरह यह भारत का एक राज्य बन गया| आजादी के दशकों बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार हिमालयी क्षेत्र के लोगों के हितों को पूरा करने की उम्मीद पर खरी नहीं उतर सकी| बेरोजगारी, गरीबी, बेहतर अवसरों की तलाश में लोगों के पलायन ने अंततः एक अलग पहाड़ी राज्य के निर्माण की मांग को जन्म दे दिया| राज्य का दर्जा प्राप्त करने के उद्देश्य से उत्तराखंड क्रांति दल के गठन के बाद, विरोध ने गति पकड़ी और 90 के दशक में पूरे क्षेत्र में व्यापक राज्य आंदोलन का रूप ले लिया| 2 अक्टूबर 1994 को आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था, जब उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुजफ्फरनगर में प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर गोलीबारी की, जिसमें कई लोग मारे गए थे|
राज्य के कार्यकर्ताओं ने अगले कई वर्षों तक अपना आंदोलन जारी रखा| कई वर्षों के संघर्ष के बाद, 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य का विभाजन हुआ और उत्तरांचल के रूप में भारत को अपना 27वां राज्य मिला|
उत्तराखंड स्थापना दिवस 2023 (Uttarakhand Foundation Day 2023)
दुर्लभ प्रजाति के सुगंधित और औषधीय पौधों के साथ साथ जय विविधता में भी समृद्ध राज्य उत्तराखंड हर साल अपना स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाता है| इस साल उत्तराखंड अपना 23वां स्थापना दिवस (Uttarakhand Day 2023) मना रहा है| राज्य स्थापना दिवस पर उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर समारोह आयोजित किए जाते हैं, लेकिन मुख्य कार्यक्रम देहरादून के पुलिस लाइन में आयोजित किया जाता है|
09 नवंबर 2022 को उत्तराखण्ड ने बड़ी धूमधाम से अपना 22 वां स्थापना दिवस मनाया| राजधानी देहरादून में स्थापना दिवस का मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें पुलिस लाइन में पुलिस ने शानदार रैतिक परेड का आयोजन किया| इस कार्यक्रम में राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया| सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की| इस दौरान उत्तराखंड पुलिस द्वारा शानदार परेड की गई|
राज्य स्थापना दिवस के मौके पर सरकार ने 10 विभूतियों को उत्तराखंड गौरव सम्मान से भी नवाजा, जिसमें मशहूर लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी, फ़िल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष मशहूर गीतकार प्रसून जोशी, पर्यावरणविद अनिल जोशी, साहित्यकार रस्किन बॉन्ड, साहसिक खेल से बछेंद्री पाल समेत सीडीएस जनरल बिपिन रावत, जन कवि गिरीश तिवारी गिर्दा और साहित्यकार, पत्रकार और कवि वीरेन डंगवाल को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया है|
देहरादून के अलावा राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर भी उत्तराखंड स्थापना दिवस के मौके पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि जिलों के प्रभारी मंत्रियों ने शिरकत की|
उत्तराखंड दिवस पर उत्तराखंड राज्य की कुछ अहम् जानकारी (Happy Uttarakhand Day)
- देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड राज्य का नाम स्थापना पर "उत्तराँचल" रखा गया| 1 जनवरी 2007 को, उत्तरांचल का नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया, जिस नाम से इस क्षेत्र को राज्य के दर्जे से पहले जाना जाता था|
- उत्तराखंड राज्य को दो मंडलों, गढ़वाल और कुमाऊं में विभाजित किया गया है, जिसमें कुल 13 जिले हैं| गढ़वाल मंडल में सात जिले (चमोली, देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार, टेहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी) और कुमाऊं मंडल में छह जिले (अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, उधमसिंह नगर) आते हैं|
- उत्तराखंड की शीतकालीन राजधानी देहरादून, और ग्रीष्मकालीन राजधानी भरारीसैंण है|
- वैदिक युग के दौरान कुरु और पांचाल राज्यों (महाजनपदों) के एक हिस्से के रूप में भी राज्य का इतिहास में उल्लेख मिलता है| हिंदू पौराणिक कथाओं में भी, उत्तराखंड को प्रसिद्ध केदारखंड (अब गढ़वाल) और मानसखंड (कुमाऊं) के एक हिस्से के रूप में मान्यता दी गई है| यह भी माना जाता है कि प्रसिद्ध ऋषि व्यास ने उत्तराखंड में महाभारत के महाकाव्य की रचना की थी| उत्तराखंड राज्य के लोगों को क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है और कुमाऊं क्षेत्र के निवासियों को कुमाऊंनी और गढ़वाल क्षेत्र के निवासियों को गढ़वाली के रूप में बेहतर पहचाना जाता है| इन दो प्रमुख निवासियों के अलावा, उत्तराखंड भोटिया, जौनसरी, थारू, बोक्ष और राजियों जैसे जातीय समूहों का भी घर है|
- उत्तराखंड राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में स्थित है|
- उत्तराखंड राज्य का कुल क्षेत्रफल 53,483 वर्ग किलोमीटर है|
- भारत की दूसरी सबसे बड़ी चोटी नंदा देवी (7816 मीटर), उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है|
- उत्तराखंड का (State Flower of Uttarakhand) राजकीय पुष्प "ब्रह्म कमल", राजकीय वृक्ष बुरांश, राजकीय पक्षी हिमालयन मोनाल, राजकीय पशु कस्तूरी मृग, राजकीय लोककला ऐपण राजकीय पर्व हरेला, राजकीय खेल फुटबॉल है|
- उत्तराखंड की राजकीय भाषा हिंदी और संस्कृत है|
- उत्तराखंड की विधानसभा में सदस्यों की संख्या 71 (70 निर्वाचित + 1 मनोनीत) है| लोकसभा में राज्य की सदस्यों की संख्या 05 है|
- राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री (अंतरिम) नित्यानंद स्वामी थे| उत्तराखंड के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी थे| वर्तमान में उत्तराखंड के (10वे) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हैं|
- उत्तराखंड के प्रथम राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला थे|
0 Comments