2S Coach in Train: जब कोई यात्री रेलवे में सफर करता है तो उसके पास अलग-अलग श्रेणी वाले कोचों में यात्रा करने का विकल्प होता है| रेलवे के विभिन्न कोचों की श्रेणी में से एक श्रेणी सेकंड सिटिंग होती है जिसे 2S के जरिये दर्शाया जाता है| इसे यात्री सीटिंग क्लास भी कहते हैं| यह आरक्षित कोचों में भारतीय रेलवे का सबसे लोअर क्लास होता है| आइये जानते हैं सेकंड सिटिंग क्लास के बारे में (2S Coach in Train):
क्या होते हैं ट्रेन में 2S कोच (2S Coach in Train)
भारतीय रेलवे में कम दुरी वाली ट्रेनों में सीटिंग अरेंजमेंट वाले कोच भी लगाए होते हैं| कई इंटरसिटी एक्सप्रेस, जनशताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों इस क्लास के डब्बे होते हैं| क्लास कोड 2S वाले डब्बे नॉन ए.सी डब्बे होते हैं और इस प्रकार के कोच का कोड "डी" होता है| यानी ट्रेन में यात्रा करते समय कोच का नंबर D1, D2 आदि होता है| 2S कोच में कुल मिलाकर 108 सीट होती हैं जिनमें 36 विंडो सीट, 36 मिडिल सीट और 36 ऐसले (रास्ते वाली) सीट होती हैं|
2S कोच का किराया बहुत कम होता है| इन कोच में रिजर्वेशन वाले यात्री को सीट मिलती है तो वहीँ बिना रिजर्वेशन वाला व्यक्ति ट्रेन के जनरल डिब्बे में बिना सीट के यात्रा कर सकता है| ज्ञात हो जनरल डिब्बे का क्लास कोड 2S ही होता है और कोरोना के समय में भारतीय रेलवे ने इसको आरक्षित कोचों के रूप में इस्तेमाल किया था|
कम दुरी वाली ट्रेनों में लगे आरक्षित 2S कोच में 108 सीट होती हैं|
Class Code: 2S
2S Coach Code: D
2S Seat in Train: 108
ट्रेन में 2S कोच कैसे होते हैं
रेलवे में अलग-अलग श्रेणी के कोच होते हैं जैसे फर्स्ट ए.सी., सेकंड ए.सी, थर्ड ए.सी, थर्ड ए.सी इकॉनमी, स्लीपर, ए.सी चेयर कार, एग्जीक्यूटिव चेयर कार| 2S इन सभी में से सबसे लोअर क्लास होती है, और इन सभी की तुलना में इसका टिकट भी कम होता है|
2S में केवल बैठने के लिए सीट होती हैं जिसमें सीटें बेंच के रूप में होती हैं| यात्री ट्रेन में 2S सीट बुक करते हैं क्योंकि यह क्लास आरक्षित सेक्शन के अंतर्गत आती है| 2S श्रेणी भारतीय ट्रेनों की सबसे लोअर आरक्षित श्रेणी है और इसे द्वितीय सिटिंग क्लास के रूप में भी जाना जाता है| इसे नॉन ए.सी चेयर कार भी कहा जाता है| आम तौर पर इंटरसिटी ट्रेनों में इस तरह के कई कोच लगे होते हैं|
2S कोच छोटी दुरी के लिए चलनी वाली ट्रेनों में लगे होते हैं, जैसे दिल्ली से काठगोदाम, दिल्ली से आगरा आदि| इसमें सोने की व्यवस्था नहीं होती और छोटी दुरी के लिए चलने वाले ट्रेन में लगे आरक्षित 2S कोच में यात्री अपनी रिजर्व्ड सीट पर बैठ कर यात्रा कर सकता है|
कैसा होता 2S कोच का सीटिंग अरेंजमेंट (2S Seating Arrangement)
2S श्रेणी में कोच नंबर को D से दर्शाया जाता है और ट्रेन में लगी हर बोगी D1, D2... के क्रम में होती है| 2S कोच में एक तरफ, दो कोनों में और एक मध्य में, तीन दरवाजे होते हैं| प्रत्येक कोच में 3+3 क्रम में 108 सीटें होती है|
कोरोना के समय जब भारतीय रेलवे ने जनरल कोच के डिब्बों में सीट आरक्षण शुरू किया था, जिसे अब फिर से हटाया जा रहा है, यानि जनरल कोच को फिर से शुरू किया जा रहा है| जनरल कोच को भी बुकिंग के समय '2S' से दर्शाया गया है|
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