वाल्मीकि जयंती कब है | Maharishi Valmiki Jayanti 2023 Date

Valmiki Jayanti 2023 Date: भारत की पावन धरती पर एक से बढ़कर एक ऋषि मुनियों ने जन्म लिया है| महान ऋषि मुनियों की धरती भारत भूमि में एक ऐसे ही ऋषि वाल्मीकि का जन्म हुआ जिन्होनें रामायण जैसे महाकाव्य की रचना की जिसने दुनिया को विश्वबन्धुता-भाईचारे का सन्देश दिया| इनके जन्मदिवस को वाल्मीकि जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध त्यौहार है| आइये जानते हैं इस साल वाल्मीकि जयंती कब है और क्या है इस दिन का महत्त्व: 
valmiki jayanti 2022 date

महर्षि वाल्मीकि कौन थे

महर्षि वाल्मीकि रामायण के रचयिता हैं| उन्होंने संस्कृत में रामायण की रचना की थी| उनके द्वारा रची गई रामायण को लोग वाल्मीकि रामायण के नाम से जानते हैं| संस्कृत के प्रथम महाकाव्य की रचना करने के कारण उन्हें आदि कवि भी कहा जाता है| असाधारण प्रतिभा के धनी महर्षि वाल्मीकि का जीवन हमें सही मार्ग में चलने को प्रेरित करता है और यह भी समझाता है कि जीवन में घटने वाली प्रत्येक घटना, चाहे वह कितनी भी छोटी न हो, उससे मनुष्य प्रेरणा लेकर अपने जीवन में परिवर्तन ला सकता है| वाल्मीकि जी के जीवन में घटी एक घटना ने उनके जीवन को देखने का नजरिया ही बदल दिया और उनको एक डाकू रत्नाकार से महा पूजनीय ऋषि की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया| 

महर्षि वाल्मीकि, भृगु के वंश के ब्राह्मण थे| भाग्य ने उन्हें बचपन में ही लुटेरों के परिवार को सौंप दिया था जहाँ उनका पालन-पोषण हुआ| बड़े होने पर वे एक डाकू बन गए| उनकी आजीविका लूटपाट पर निर्भर रहती थी| एक दिन जब वे जंगल में छुपकर लूटने के लिए किसी राहगीर का इंतज़ार कर रहे थे, तो वहां नारद मुनि प्रकट हुए| नारद मुनि उस समय पृथ्वी लोक के भ्रमण पर थे| ऋषि नारद के साथ आकस्मिक संपर्क ने उनका जीवन पूरी तरह बदल दिया| रामनाम या राम के नाम की पुनरावृत्ति से, उन्होंने 'महर्षि' की सर्वोच्च उपाधि प्राप्त की| तपस्या की लंबी अवधि और तपस्या की अवस्था के दौरान उनके शरीर पर एक 'वाल्मिका' या एक 'एंथिल' बढ़ गई थी, इसलिए उन्हें 'महर्षि वाल्मीकि' के रूप में जाना जाने लगा| 

वाल्मीकि जयंती कब है (Valmiki Jayanti 2023 Date) 

वाल्मीकि जयंती हर साल आश्विन के महीने में शरद पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है| इसी दिन महर्षि वाल्मीकि जी का जन्म हुआ था| पुरे देश में वाल्मीकि जयंती पुरे हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाई जाती है| इस दिन वाल्मीकि जी की पूजा करके उनकी शोभा यात्रा निकाली जाती है, जिसमें लोग बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं| इस वर्ष 2023 में वाल्मीकि जयंती (Valmiki Jayanti 2022) 28 अक्टूबर को शनिवार के दिन पड़ रही है| शरद पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 28 अक्टूबर 2023 को सुबह 04 बजकर 17 मिनट पर होगी और यह तिथि अगले दिन 29 अक्टूबर 2023 को सुबह 01 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी|      

वाल्मीकि जयंती के दिन राम नाम का जप करना बहुत शुभ माना जाता है| इसलिए इस दिन लोग राम नाम का जाप करते हैं और पूरी लगन और श्रद्धा के साथ पूजा पाठ करते हैं|    

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