International Translation Day 2023: दुनिया भर में हज़ारों बोली जाने वाली भाषाएँ हैं| ऐसे में भाषा का अनुवाद बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है| भारत जैसे बहुभाषिक और बहुसांस्कृतिक देश में जहाँ 1600 से भी अधिक भाषाओं का लिखित एवं मौखिक रूप से प्रचलन है वहां भाषा के अनुवाद के महत्त्व को समझा जा सकता है| अनुवाद के वैश्विक महत्त्व को समझते हुए दुनिया भर में एक दिन अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस के रूप में मनाया जाता है| आइये जानते हैं कब मनाते हैं विश्व अनुवाद दिवस और क्या है इस साल का विषय (International Translation Day 2023 Theme):
अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस कब मनाते हैं (International Translation Day is celebrated on)
अनुवाद जगत के लिए अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस बहुत महत्वपूर्ण है| प्रत्येक वर्ष 30 सितम्बर के दिन इंटरनेशनल ट्रांसलेशन डे के रूप में मनाते हैं| यह दिन बहुत विशेष होता है क्यूंकि अनुवाद के वैश्विक महत्व को स्वीकार करते हुए सयुंक्त राष्ट्र महासभा ने 24 मई 2017 को एक संकल्प पारित करके 30 सितम्बर के दिन को अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस के रूप में मान्यता प्रदान की थी| अनुवाद दिवस का आयोजन बाइबल के प्रसिद्ध एवं प्राचीनतम अनुवादक एवं सरंक्षक 'सेंट जेरोम' की स्मृति में प्रतिवर्ष मनाया जाता है| सेंट जेरोम ने हिब्रू बाइबिल का अध्ययन कर इसका लैटिन में अनुवाद किया था|
द इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ ट्रांसलेटर्स (FIT) ने 1953 में अपनी स्थापना से ही 'अनुवाद दिवस' को सेंट जेरोम के सम्मान व भाषाविदों के अपने समुदाय और अनुवाद के पेशे का समर्थन करने के तरीके के रूप में मनाया था| हालाँकि 1991 तक इसे धार्मिक तौर पर मनाया जाता था क्यूंकि सेंट जेरोम बाइबिल के अनुवादक थे| लेकिन बाद में 1991 में FIT ने इसे "अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस" (International Translation Day) का नाम दिया| आधिकारिक तौर अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस को सयुंक्त राष्ट्र महासभा ने 24 मई 2017 में प्रस्ताव 71/288 को पारित करके स्थापित किया था और 30 सितम्बर के दिन को अंतराष्ट्रीय अनुवाद दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की|
अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस २०२३ (International Translation Day 2023)
अंतराष्ट्रीय अनुवाद दिवस का उद्देश्य सभी देशों की भाषाओं में हो रहे अनुवाद कार्यों एवं अनुवादकों, द्विभाषियों तथा भाषा एवं अनुवाद के क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों और संस्थाओं की भूमिका को महत्त्व देना और दुनिया भर के अनुवाद समुदाय के बीच एकता को बढ़ावा देना है|
इस दिन भारत सहित दुनिया भर के विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थानों और अनुवाद सेवी संस्थाओं में अनुवाद से सम्बंधित विभिन्न संवाद, परिसंवाद, सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है और अनुवाद की स्थिति, परिस्थिति, महत्व, तकनीक, संभावनाओं, इतिहास एवं भविष्य पर सार्थक चर्चा की जाती है|
किसी एक भाषा को खो देना बहुत बड़ा नुकसान होता है क्यूंकि भाषा में न केवल शब्दों का ही नहीं बल्कि संस्कृतियों का समावेशन होता है| किसी एक भाषा के लुप्त हो जाने से एक पूरी संस्कृति लुप्त हो जाती है| अनुवादक तथा द्विभाषीय एक प्रकार से सांस्कृतिक दूत अर्थात "कल्चरल एम्बेसडर" होते हैं| ऐतिहासिक रूप से देखें तो हमें ज्ञात होता है कि अनुवाद का उद्गम धर्म तथा धार्मिक ग्रंथों के प्रचार-प्रसार से हुआ है लेकिन धीरे-धीरे समय बदलते हुए अनुवाद न सिर्फ धार्मिक क्षेत्र बल्कि सभ्यता, संस्कृति, संचार, वाणिज्य, व्यवसाय, अंतर सांस्कृतिक संवाद, पर्यटन, सॉफ्टवेयर, इंटरनेट आदि के लिए आवश्यक ही नहीं अपितु अनिवार्य बन गया है|
भारत में साहित्य अकादमी, नेशनल बुक ट्रस्ट, प्रकाशन विभाग, राष्ट्रीय अनुवाद विभाग, केंद्रीय हिंदी संस्थान, हिंदी ग्रन्थ अकादमी आदि भाषा अकादमियों तथा संस्थाएं लिखित अनुवाद के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका अदा कर रही हैं| इसी के साथ-साथ आई.आई.टी, सी.डेक, टीडीआईएल आदि संस्थाएं मशीन अनुवाद करने का काम कर रही है| साहित्य अकादमी, नेशनल बुक ट्रस्ट जैसी कुछ संस्थाएं भारतीय भाषाओं से विदेशी भाषा तथा विदेशी भाषाओं से भारतीय भाषाओं में अनुवाद कार्य की परियोजनाएं चला रही हैं|
अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस 2023 की थीम (International Translation Day 2023 Theme)
हर अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस की एक थीम होती है| अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस 2023 का विषय "अनुवाद मानवता के कई चेहरों का अनावरण करता है" है|
International Translation Day 2023 Theme: "Translation Unveils the Many Faces of Humanity."
यूनेस्को के अनुसार, यह विषय अनुवाद के दायरे के भीतर शक्ति गतिशीलता की जांच करने पर, विशेष रूप से स्वदेशी भाषा समुदायों के बारे में विशेष जोर देता है|
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