Partition Horrors Remembrance Day 2022: हर राष्ट्र का दायित्व होता है कि वह अपने इतिहास को संजोकर रखे| इतिहास में हुई घटनाएं हमें सिखाती भी हैं और आगे बढ़ने की दिशा भी दिखाती हैं| जलियांवाला बाग़ जैसी ही एक और विभीषिका भारत ने विभाजन के समय भी देखी| पंजाब के परिश्रमी और जिंदादिल लोगों ने तो विभाजन को बहुत करीब से देखा है| विभाजन के समय जो कुछ भी हुआ, उसकी पीड़ा आज भी हिंदुस्तान के हर एक कौने में और विशेषकर पंजाब के परिवारों में हम अनुभव करते हैं| आज आजादी के 75 वर्षों बाद इस अमृत काल के दौरान लोगों को स्वतंत्रता की कीमत समझाने के लिए विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस एक अहम् दिन है| आइये जानते हैं कब मनाया जाता है विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (Partition Horrors Remembrance Day 2022) और क्या हैं इसके मायने:
15 अगस्त का दिन उन वीरों की गौरवगाथा और बलिदान का प्रतीक है, जिन्होंने अंगेजों के दमन से देश आजाद करने में अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया| 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान और 15 अगस्त 1947 को भारत को एक पृथक राष्ट्र घोषित कर दिया गया था| आजादी से एक दिन पहले यानि 14 अगस्त 1947 को देश ने बंटवारे का दर्द झेला था| पाकिस्तान जहाँ इसे अपनी आजादी के दिन के रूप में मनाता है तो वहीँ भारत में आज भी कई लोग हैं जिनके दिलों आज भी बंटवारे का दर्द और जख्म भरा नहीं है| विश्वास और धर्म के आधार पर एक हिंसक विभाजन की कहानी होने से अधिक यह इस बात की कहानी भी है कि कैसे एक लम्बे समय से साथ रहने वाले लोगों को अभूतपूर्व मानव विस्थापन और जबरन पलायन करना पड़ा|
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस कब मनाते हैं (Partition Horrors Remembrance Day 2022 Date)
आजादी के अमृत काल में स्वतंत्र भारत के इतिहास में पिछले वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के बंटवारे के दर्द को याद किया| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अभूतपूर्व पहल करते हुए भारत के स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले यानि 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का एलान किया था| इस वर्ष भारत अपनी आजादी के 75वां साल मना रहा है| ऐसे में आजादी के इस अमृत महोत्सव में स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले यानि 14 अगस्त 2022 को भारत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस 2022 मना रहा है|
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंटवारे के दर्द को याद करते हुए एक ट्वीट करते हुए लिखा था- "देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता| नफ़रत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी| उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है| #Partition Horrors Remembrance Day का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को ख़त्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय सवेंदनाएं भी मजबूत होंगी|"
एक अनुमान के मुताबिक 75 साल पहले हुए भारत के बंटवारे में करीब 20 लाख लोगों की मौत हुई थी और करीब इतने ही लोगों को अपना घर छोड़कर विस्थापित होने पर मजबूर होना पड़ा था| किसी भी देश के लिए अपने अतीत की ऐसी विभीषिकाओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए|
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस आने वाली पीढ़ी को याद दिलाएगी कि कितनी बड़ी कीमत चुकाकर भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई है और वह उस दर्द को समझ सकेंगे जो विभाजन के समय करोड़ो भारतीयों ने सही थी|
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस 2022 (Partition Horrors Remembrance Day 2022)
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विभाजन विभीषिका स्मरण दिवस 2022 के अवसर पर विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की| एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा: "आज, #PartitionHorrorsRemembranceDay पर, मैं उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवा दी, और हमारे इतिहास के उस दुखद दौर के दौरान पीड़ित सभी लोगों के साहस के साथ-साथ धैर्य की सराहना करता हूं|"
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