मत्स्य 6000 क्या है | MATSYA 6000 | Samudryan Mission

MATSYA 6000: समुद्रयान मिशन, भारत का पहला डीप ओसियन मिशन है, जिसमें समुद्र की गहराई में इंसानों को भेजा जाएगा| इस मिशन को पिछले साल अक्टूबर में चेन्नई में लांच किया गया| इस मिशन के कई हिस्सों में से एक है एक वाहन बनाना जिसमें इंसानों को समुन्द्र के अंदर भेजा जा सकेगा| इस वाहन को ही "मत्स्य 6000" कहा जा रहा है| आइये जानते हैं इसके बारे में कुछ और जानकारी (About Matsya 6000): 
     
matsya 6000 in hindi

मत्स्य 6000 (MATSYA 6000)

मत्स्य का अर्थ उससे है जिसके शरीर पर शल्क पाए जाते हैं अर्थात मछली| मत्स्य मछली के लिए एक संस्कृत शब्द है| मत्स्य हिन्दू धर्म में विष्णु भगवान के पहले अवतार को संदर्भित करता है| 

मत्स्य 6000 भारत के डीप ओसियन मिशन के अंतर्गत समुद्रयान मिशन के तहत एक भारतीय चालक दल वाला गहरा जलमग्न वाहन है जिसका उपयोग दुर्लभ खनिजों के गहरे समुद्र की खोज के लिए किया जाना है| वर्तमान में इसका निर्माण किया जा रहा है| इस वाहन में 2.1 मीटर के व्यास के साथ 80 मिमी मोटाई का एक टाइटेनियम मिश्र धातु क्षेत्र शामिल होगा जो 600 बार के दबाव का सामना कर सकता है| 

"मत्स्य 6000" बनाने की 'समुद्रयान परियोजना' को अंतिम मंजूरी 16 जून 2021 को मिली| 27 अक्टूबर 2021 को, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओसियन टेक्नोलॉजी ने बंगाल की खाड़ी में 'ओआरवी सागर निधि' का उपयोग करके माइल्ड स्टील से निर्मित 'कार्मिक क्षेत्र' का एक बिना इंसानों के परीक्षण किया| परीक्षण में इसे चेन्नई के तट से 600 मीटर की गहराई तक नीचे ले जाया गया| सफल परीक्षण और प्रमाणन प्राप्त करने के बाद, केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी जितेंद्र सिंह ने 29 अक्टूबर 2021 को औपचारिक रूप से इस परियोजना (समुद्रयान मिशन) की शुरुआत की| 

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