भारत की जनगणना 2021: किसी भी देश की निति निर्धारण के लिए देश के नागरिकों की सही जनसँख्या का पता होना बहुत जरुरी है| सामाजिक, आर्थिक जानकारी के सही आंकड़ों की बदौलत कमजोर से कमजोर व्यक्ति तक पहुंचा जा सकता है| और हर तबके के लिए सही निति बनाई जा सकती है| यह प्रक्रिया हर 10 साल में की जाती है| वक्त के साथ जनगणना के तरीकों में भी तेजी से बदलाव हुआ है| पैन-पेपर से शुरू हुआ यह सफर पूरी तरह डिजिटल हो चला है| भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में जनगणना की इतनी विस्तृत प्रक्रिया अपने आप में एक अद्धभुत सरंचना है| आइये जानते हैं कब से शुरू हुआ भारत में जनगणना का काम और क्या है जनगणना 2021 में विशेष:
जनगणना क्या होती है (What is Census)
जनगणना वह प्रक्रिया है, जिसके तहत एक निश्चित समयांतराल पर किसी भी देश में एक निर्धारित सीमा में रह रहे लोगों की संख्या, उनके सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन से सम्बंधित आंकड़ों को इकट्ठा कर उनका अध्ययन किया जाता है तथा सम्बंधित आंकड़ों को प्रकाशित किया जाता है| भारत में हर दस वर्ष की अवधि में जनगणना की जाती है|
प्राचीन साहित्यों में, कौटिल्य के अर्थशास्त्र में कराधान के उद्देश्य से जनगणना को राज्य की निति में शामिल करने पर बल दिया गया था| इसके बाद मुग़ल काल में भी अकबर के शासन के दौरान प्रशासनिक रिपोर्ट -आइन-ए-अकबरी में जनसँख्या, उद्योगों और समाज के अन्य पहलुओं को शामिल किया जाता था|
कब हुई भारत में पहली जनगणना (First Census in India)
आधुनिक इतिहास में भारत में पहली जनगणना गवर्नर जनरल लॉर्ड मेयो के शासनकाल में वर्ष 1872 में की गई थी| हालाँकि देश की पहली जनसँख्या प्रक्रिया को गैर समकालिक रूप से पूर्ण किया गया| वर्ष 1881 में पहली बार पुरे देश में लॉर्ड रिपन के शासनकाल में एक साथ जनगणना कराई गई| आजादी के बाद, मई 1949 में भारत सरकार ने जनगणना विभाग को केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कर दिया, तब से यह विभाग हर दस साल में जनगणना करवाता है|
भारत में जनगणना 2021 (Census 2021 in India)
वर्ष 1872 की जनगणना को जोड़कर, भारत में अब तक 15 जनगणना हो चुकी हैं| जनगणना 2021, अब तक की 16वीं और आजादी के बाद से 8वीं जनगणना होगी| जनगणना 2021 आयोजित करने के लिए सरकार की मंशा को 28 मार्च, 2019 को भारत के राजपत्र में अधिसूचित किया गया था|
लेकिन उसके बाद कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण, जनगणना 2021 और संबंधित क्षेत्र गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया| अब यह जनगणना डिजिटल तरीके से होगी, यानि आगामी जनगणना पहली डिजिटल जनगणना होगी| आंकड़ों के संग्रहण के लिए मोबाइल ऐप और जनगणना संबंधी विभिन्न कार्यकलापों के प्रबंधन और निगरानी के लिए एक जनगणना पोर्टल विकसित किया गया है|
जनगणना में, संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 और संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 के अनुसार, (समय-समय पर यथासंशोधित), जिन्हें अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के रूप में अधिसूचित किया जाता है, की गणना की जाती है| बिहार, महाराष्ट्र और ओडिशा की राज्य सरकारों ने आगामी जनगणना में जातिगत ब्यौरे एकत्र करने का अनुरोध किया है| भारत सरकार ने आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अलावा जातिवार जनसंख्या की गणना नहीं की है|
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