Taj Express Train: भारत में घूमने के लिए कई पर्यटक स्थलों में से एक है दुनिया के अजूबों में शुमार ताज महल| प्रतिवर्ष करोड़ों लोग ताज महल का दीदार करने देश-विदेश से उत्तरप्रदेश के आगरा शहर पहुंचते हैं| ऐसे में उनकी सहूलियत के लिए भारतीय रेलवे ने लगभग 60 वर्ष पहले, देश की राजधानी दिल्ली से आगरा के लिए एक ट्रेन चलाई थी| इस ट्रेन का नाम रखा गया ताज एक्सप्रेस और यह ट्रेन आज भी प्रतिदिन हज़ारों यात्रियों को दिल्ली से आगरा और वापसी का सफर करवाती है| आइये जानते हैं ताज एक्सप्रेस ट्रेन नंबर (Taj Express Train Number), रूट और इतिहास:
ताज एक्सप्रेस ट्रेन का इतिहास (Taj Express Train History)
ताज एक्सप्रेस का नाम आगरा के ताज महल पर रखा गया है| दिल्ली से आगरा तक यात्रा करने वाले पर्यटकों की सेवा के लिए ताज एक्सप्रेस 1964 में शुरू की गई थी| तब यह ट्रेन सुबह दिल्ली से निकलकर आगरा पहुँचती थी और घूमने के पर्याप्त समय देने के बाद ताज एक्सप्रेस शाम को वापस दिल्ली के लिए रवाना हुआ करती थी| इस कारण यह पर्यटकों, विशेष रूप से विदेशियों के बीच काफी लोकप्रिय ट्रेन बन गई| समय के साथ इसके इंजन और स्टेशनों में भी कुछ परिवर्तन हुआ है, लेकिन अभी भी ताज एक्सप्रेस रेल प्रेमियों के बीच एक ख़ास जगह रखती है|
ताज एक्सप्रेस एक चेयर कार ट्रेन है जिसमें सेकंड क्लास सीटिंग चेयर कार और एसी चेयर कार कोच होते हैं| इनके साथ इसमें जनरल कोच भी लगे हुए होते हैं| इसमें दिल्ली से आगरा पहुँचने में लगभग ढाई घंटे का समय लगता है| एक यात्री आगरा घूमने के लिए सुबह ताज महल एक्सप्रेस में दिल्ली से निकलकर आसानी से इसी ट्रेन में शाम को वापस दिल्ली आ सकता है|
ताज एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन (Taj Express Engine)
ताज एक्सप्रेस को शुरुआत में भाप इंजन द्वारा (WP-7003) ढोया गया था| बाद में अक्टूबर, 1982 में ताज एक्सप्रेस ने डीजल लोकोमोटिव (डब्ल्यूडीएम -2) का उपयोग करना शुरू किया| समय के साथ परिवर्तन की मांग के अनुसार 1986 में ताज एक्सप्रेस को पहली बार इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव द्वारा ढोया गया| वर्तमान में इस ट्रेन के पूरे मार्ग का विद्युतीकरण किया जा चूका है, इसलिए ट्रेन को आमतौर पर अपनी पूरी यात्रा के लिए गाजियाबाद से डब्ल्यूएपी -7 (WAP-7) द्वारा ले जाया जाता है| कभी-कभी इसे गाजियाबाद से डब्ल्यूएपी -5 (WAP-5) द्वारा भी ढोया जाता है|
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04 जनवरी 2016 को ताज एक्सप्रेस के डिब्बों को आईसीएफ से बदलकर अधिक सुरक्षित एलएचबी कोचों से बदला गया था|
ताज एक्सप्रेस रूट (Taj Express Route)
शुरुआत में ताज एक्सप्रेस को दिल्ली से आगरा और वापसी के रूट पर चलाया गया था| 1985 में तत्कालीन रेल मंत्री माधवराव सिंधिया ने ताज एक्सप्रेस को ग्वालियर जंक्शन तक बढ़ा दिया था| फिर बाद में 01 जुलाई 2006 से इसे झाँसी तक ले जाया जाने लगा| पहले ताज एक्सप्रेस को दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से चलाया जाता था, जिसे 21 फरवरी 2018 से नई दिल्ली स्टेशन कर दिया गया| वर्तमान में भी यह ट्रेन सुबह दिल्ली के नई दिल्ली स्टेशन से झाँसी के वीरांगना लक्ष्मीबाई जंक्शन स्टेशन तक जाती है और शाम को वापस दिल्ली आती है|
ताज एक्सप्रेस का ट्रेन नंबर और रूट (Taj Express Train Number and Route)
सुबह नई दिल्ली से झाँसी जाने वाली ताज एक्सप्रेस का ट्रेन नंबर 12280 है (Taj Express Train Number)| यह प्रतिदिन नई दिल्ली से सुबह 06 बजकर 55 मिनट पर निकलती है और हजरत निजामुद्दीन, फरीदाबाद, मथुरा, राजा की मंडी ठहरते हुए 09 बजकर 35 मिनट पर आगरा कैंट पहुंचती है, जिसके बाद आगे बढ़ते हुए यह रेलगाड़ी धौलपुर, मोरेना, ग्वालियर, डबरा, दातिया स्टेशन होते हुए दोपहर 02 बजे झाँसी के वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन पहुंचती है|
वापसी में ताज एक्सप्रेस का ट्रेन नंबर 12279 होता है और झाँसी से यह दोपहर 03 बजकर 20 मिनट पर चलती है और दातिया, डबरा, ग्वालियर, मोरेना, धौलपुर ठहरते हुए शाम 06 बजकर 15 मिनट पर यह आगरा कैंट स्टेशन पहुंचती है| वहां से राजा की मंडी, मथुरा, फरीदाबाद, निजामुद्दीन होते हुए ताज एक्सप्रेस का नई दिल्ली स्टेशन पहुंचने का समय रात 09 बजकर 35 मिनट है|
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