International Firefighters Day 2023: अग्निशामक वे लोग होते हैं जिनका काम आग बुझाना और लोगों को बचाना है| आग से लड़ने के अलावा, अग्निशामक लोगों और जानवरों को वाहन दुर्घटनाओं, ढह गई इमारतों, खतरनाक वातावरण और कई अन्य प्रकार की आपात स्थितियों से बचाते हैं| अग्निशामक जीवन बचाते हैं और इसलिए इनका पेशा एक अत्यधिक कुशल माना जाता है जो समुदाय के लिए भारी योगदान देता है| साल में एक दिन अग्निशामकों के पेशे को धन्यवाद देने के उद्देश्य से इंटरनेशनल फायरफाइटर्स डे मनाया जाता है| आइये जानते हैं अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस कब मनाते हैं (International Firefighters Day 2023) और क्या है इसका इतिहास:
अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस कब मनाया जाता है (International Firefighters Day is celebrated on)
फायरफाइटर्स यानि अग्निशामक समुदाय और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के यथासंभव प्रयास करते हैं| हर साल विश्व स्तर पर 04 मई को अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस मनाया जाता है| इसकी शुरुआत वर्ष 1999 में हुई थी| तब से लगातार अग्निशामकों के बलिदानों को चिन्हित और उन्हें सम्मानित करने के लिए यह दिन मनाया जा रहा है|
इंटरनेशनल फायरफाइटर्स डे का मुख्य उद्देश्य फायर फाइटरों को सम्मान और धन्यवाद देना है,जो अपनी जान दांव पर लगाकर लोगों और वन्य जीवों की जान आग से बचाते हैं| इस साहसिक काम में कई अग्निशामकों की मौत भी हो जाती है|
इस दिन को पहली बार वर्ष 1999 में बनाया गया था| दरअसल 02 दिसंबर 1998 को, एक दुखद घटना ने लिंटन समुदाय, ऑस्ट्रेलिया और दुनिया को हिला कर रख दिया| ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में मेलबर्न शहर के लगभग 150 किमी पश्चिम में लिंटन में अग्निशामक, एक बड़े जंगल की आग को बुझाने को गए थे| इस टीम के पांच सदस्य गैरी, क्रिस इवांस, स्टुअर्ट डेविडसन, जेसन थॉमस और मैथ्यू आर्मस्ट्रांग की विपरीत दिशा में हवा बहने से आग में झुलसकर कर मौत हो गयी थी| इनके सम्मान में हर साल 04 मई को अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस मनाया जाता है|
अंतर्राष्ट्रीय अग्निशामक दिवस के लिए चुनी गई तारीख 'सेंट फ्लोरियन' (सभी अग्निशामकों के संरक्षक संत) से जुड़ी हुई थी| सेंट फ्लोरियन रोमन साम्राज्य में एक अग्निशमन दस्ते के पहले ज्ञात कमांडर थे| 04 मई के दिन ही उन्होनें अपने जीवन के साथ-साथ अपने सहयोगियों को भी उन्हीं मानवीय विचारों की रक्षा के लिए खो दिया, जो दुनिया भर में अग्निशामक आज भी साझा करते हैं|
भारत में मनाया जाता है फायर फाइटर सर्विस डे (Fire Fighter Service Day)
भारत में 14 अप्रैल को फायर फाइटर सर्विस डे मनाया जाता है| इतिहास में इस दिन 1944 को ब्रिटिश मालवाहक एसएस फोर्ट स्टीकिन में आग लग गई थी, जिसमें 66 सैनिकों की मौत हो गयी थी| उनके सम्मान में देश में हर साल 14 अप्रैल को फायर फाइटर सर्विस डे मनाते हैं|
अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस का प्रतीक दो रंगीन रिबन हैं, जिसमें लाल रंग 'आग' को और नीला रंग 'पानी' को दर्शाता है|
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