बनारस लोकोमोटिव वर्क्स का इतिहास | Banaras Locomotive Works

Banaras Locomotive Works (BLW): भारत के वाराणसी में "बनारस लोकोमोटिव वर्क्स" (BLW) के नाम से भारतीय रेल की एक उत्पादन इकाई है जहाँ पर रेल के इंजन या लोकोमोटिव बनाए जाते हैं| आइये जानते हैं बनारस लोकोमोटिव वर्क्स कब बन कर तैयार हुई (Banaras Locomotive Works) और भारतीय रेल के लिए इसका क्या महत्त्व है: 

banaras locomotive works varanasi in hindi

बनारस लोकोमोटिव वर्क्स को शार्ट में BLW के नाम से जाना जाता है| 

BLW Full Form in Railway: "Banaras Locomotive Works" 

बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (BLW in Railway)

बनारस लोकोमोटिव वर्क्स यानि BLW को पूर्व में डीजल लोकोमोटिव वर्क्स (DLW) के नाम से जाना जाता था| यह भारतीय रेलवे की एक लोकोमोटिव उत्पादन इकाई है| "डीएलडब्ल्यू" ने मार्च 2019 में डीजल लोकोमोटिव का निर्माण बंद कर दिया था और अक्टूबर 2020 में इसका नाम बदलकर बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बीएलडब्ल्यू) कर दिया गया|   

DLW (Diesel Locomotive Works) की आधारशिला 23 अप्रैल 1956 को भारत के पहले राष्ट्रपति स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद ने रखी और अगस्त 1961 को  बनारस लोकोमोटिव वर्क्स  की स्थापना "डीएलडब्ल्यू" के रूप में हुई| इसके तीन साल बाद 3 जनवरी 1964 को (स्वर्गीय) श्री लाल बहादुर शास्त्री द्वारा DLW ने अपना ब्रॉड गेज लोकोमोटिव (डब्ल्यूडीएम-2) जारी किया| इसने 1960 के दशक के मूल ALCO डिजाइन के साथ 1990 के दशक के जीएम ईएमडी डिजाइनों पर आधारित कई वेरिएंट तैयार किये हैं| 

बनारस लोकोमोटिव वर्क्स ने लगातार भारतीय रेलवे की "सर्वश्रेष्ठ उत्पादन इकाई शील्ड 2015-16, 2016-17, 2017-18" जीती है| मार्च 2018 में इसने सफलतापूर्वक दो पुराने ALCO डीजल लोको WDG3A को इलेक्ट्रिक लोको WAGC-3 (WAG-10) में परिवर्तित कर, इतिहास रचा था| ऐसा दुनिया में पहली बार हुआ था| डीजल लोको उत्पादन बंद करने से पहले डीएलडब्ल्यू भारत में सबसे बड़ा डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव निर्माता था| कुल मिलाकर BLW ने 8298 डीजल और 1050* इलेक्ट्रिक रेल इंजिनों का निर्माण किया है|  

मार्च 2019 में, इसने देश का पहला द्वि-मोड लोकोमोटिव, WDAP-5 विकसित किया| आज के समय बनारस लोकोमोटिव वर्क्स ज्यादातर इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव WAP-7, WAG-9, WAG-11 का उत्पादन करता है|

dlw and blw in railway

इस कारखाने के कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और कुशलता के कारण कई देशों से इंजन बनाने के आर्डर मिल रहे हैं| भारतीय रेलवे के अलावा, बीएलडब्ल्यू नियमित रूप से श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, माली, सेनेगल, तंजानिया, अंगोला, मोजाम्बिक और वियतनाम जैसे देशों को लोकोमोटिव निर्यात करता है और भारत के भीतर कुछ उपयोगकर्ताओं जैसे बंदरगाहों, बड़े बिजली और इस्पात संयंत्रों और निजी रेलवे को अपनी सेवाएं देता है|

export of banaras locomotive works

वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बनारस लोकोमोटिव वर्क्स का रिकॉर्ड

बनारस लोकोमोटिव वर्क्स ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अब तक सबसे अधिक संख्या में लोकोमोटिव का निर्माण करके एक नया रिकॉर्ड स्थापित करके इतिहास रच दिया है| इस वर्ष मोजाम्बिक को निर्यात किए गए 04 लोकोमोटिव सहित कुल 367 लोकोमोटिव का  निर्माण किया गया, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है| इन 367 लोकोमोटिवों में 31 WAP7 यात्री लोकोमोटिव, 332 WAG9 फ्रेट लोकोमोटिव और मोजाम्बिक को निर्यात 04 लोकोमोटिव शामिल हैं।

blw in railway

इसके साथ ही बीएलडब्ल्यू को वित्त वर्ष 2021-22 में निर्यातित लोको से 60.68 करोड़ और 2011 से अब तक कुल 704 करोड़ और गैर-रेलवे ग्राहकों से 2011 से अब तक 1837 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं| वर्ष 2021-22 में, बीएलडब्ल्यू ने निर्यातित लोकोमोटिव पार्ट्स से 6.09 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले वर्ष 2020-21 के 1.08 करोड़ की तुलना 464 प्रतिशत अधिक था| इसी तरह, लोकोमोटिव पार्ट्स की आपूर्ति से गैर-रेलवे ग्राहकों से प्राप्त राजस्व पिछले वर्ष 2020-21 में 8.29 करोड़ की तुलना पिछले वित्त वर्ष 16.4 करोड़ रहा, जो तुलना में 98.6 प्रतिशत अधिक था|


Post a Comment

0 Comments