What is MEMU Train | मेमू ट्रेन क्या होती है | MEMU Train Meaning

What is MEMU Train: ईएमयू (EMU) या एमईएमयू (MEMU) ट्रेन सब-अर्बन रूट या छोटी दुरी में चलने वाली भारतीय रेलवे की एक यात्री सेवा है| आइये जानते हैं कैसे यह अलग होती है भारतीय रेलवे में चलने वाली दूसरी रेलगाड़ियों से? और कैसे यह अलग रेल इंजन वाली रेलगाड़ियों से बेहतर होती है?:

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एमईएमयू का फुल फॉर्म (MEMU Full Form)

MEMU: Mainline Electric Multiple Unit 

  

एमईएमयू (MEMU) ट्रेन क्या होती है?

भारतीय रेलवे की एमईएमयू भारत के अर्द्ध-शहरी और छोटी दुरी या मध्यम दुरी में और अधिक स्टॉपेज स्टेशन के साथ संचालित होने वाली रेलगाड़ी है| एमईएमयू (MEMU) ट्रेनों को भारतीय रेलवे द्वारा तेज तर्रार दुनिया के साथ बनाए रखने और बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए पेश किया गया है| इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका क्विक एक्सेलरेशन है| इसमें किसी अलग लोकोमोटिव का इस्तेमाल नहीं किया जाता है| इसके कोच (पावर कार/ मोटर कोच) के नीचे ट्रैक्शन मोटर लगा हुआ होता है, जिसके कारण यह जल्दी से अपनी गति हासिल कर लेता है| 

MEMU का पूरा नाम मेन-लाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट है| यह EMU की तरह इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट रेलगाड़ी ही है| इन रेलगाड़ियों का क्विक एक्सेलरेशन होता है क्यूंकि इनमें हर तीन कोच के बाद एक पावर कार (मोटर कोच) होती है, जिसकी उच्च गति 90-100 किलोमीटर प्रति घंटा और औसत गति 40-45 किलोमीटर प्रति घंटा होती है| 


मेमू में लगे पावर कार और ट्रेलर कार 

एमईएमयू (MEMU) ट्रेनों को एक अलग से रेल इंजन यानि लोकोमोटिव की जरुरत नहीं होती| इनमें लगे हुए कोचों को दो भागों में बांटा जा सकता है पहला मोटर कोच और दूसरा ट्रेलर कोच| एमईएमयू (MEMU) ट्रेन में एक मोटर कोच के बाद 03 ट्रेलर कोच लगे होते हैं| यदि 08 कोच की मेमू ट्रेन है तो उसमें 02 मोटर कोच और यदि 12 कोच की मेमू ट्रेन है तो उसमें 03 मोटर कोच लगे होंगे| 

मोटर कोच : एमईएमयू (MEMU) (या फिर EMU) में वह कोच जिनमें ट्रैक्शन मोटर लगा हुआ होता है उन्हें मोटर कोच कहते हैं| मोटर कोच में आधे कोच में इंजन और आधे में यात्री बैठे होते हैं| सबसे आगे लगे हुए मोटर कोच में लोको पायलट या ट्रेन का ड्राइवर बैठता है| मोटर कोचों में ही पैंटोग्राफ लगा होता है जिससे होते हुए ओवरहेड इलेक्ट्रिक सप्लाई मोटर कोच तक आती है| हर मोटर कोच में लगी ट्रैक्शन मोटर से ही मेमू ट्रेनों में पावर आती है इसलिए इन्हें पावर कार भी कहते हैं| 

ट्रेलर कोच: मोटर कोच के पीछे दो-तीन कोच लगे हुए होते हैं जिन्हें ट्रेलर कोच कहते हैं| इन ट्रेलर कोच के बाद फिर से एक दूसरा मोटर कोच (पावर कार) लगा हुआ होता है| 

दो मोटर कोच और 06 ट्रेलर कोच मेमू रेक बनाते हैं| स्टैण्डर्ड मेमू ट्रेन प्रति यात्रा 2402 यात्रियों को ले जा सकती है, जबकि उन्नत मेमू ट्रेन की क्षमता 2618 है| दो मोटर कोच अतिरिक्त 247 यात्रियों को समायोजित कर सकते हैं| 


एमईएमयू (MEMU) और ईएमयू (MEMU)

सही मायनों में एमईएमयू (MEMU) ट्रेन पहले की ईएमयू ट्रेनों का ही उन्नत संस्करण है| शुरुआत में ईएमयू ट्रेन को प्रमुख शहरों के उपनगरीय इलाकों के लिए चलाया गया जैसे मुंबई लोकल| इस प्रकार की ट्रेनों को कुछ परिवर्तन के बाद उपनगरीय खण्डों से अधिक दुरी के लिए चलाया जाने लगा और इन्हें एमईएमयू (MEMU) कहने लगे| 

नई एमईएमयू (MEMU) ट्रेनों, जिन्हें मेन लाइन पर कम दुरी के यात्रियों के लिए लाया गया था, में कई संशोधन किये गए थे जैसे इनमें वेस्टिब्युल सुविधा थी| एमईएमयू (MEMU) में यात्री एक डिब्बे से दूसरे में आ-जा सकते हैं

इसी के साथ मेमू ट्रेन में फुट-लैडर (जोड़े गए हैं), प्लेटफार्म से ऊंचाई (कम रखी गई है) आदि में ईएमयू की तुलना परिवर्तन किये गए हैं| भारतीय रेलवे में ईएमयू ट्रेन को सब-अर्बन एरिया (150 किलोमीटर तक) में ही चलाया जाता है, वहीँ एमईएमयू (MEMU) ट्रेन (300 से 500 किलोमीटर तक भी) चलाई जा सकती है|     

भारतीय रेलवे सभी लोकोमोटिव से चलने वाली धीमी या तेज चलने वाली इंटरसिटी ट्रेनों को एमईएमयू के साथ बदल रहा है| 

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एमईएमयू (MEMU) ट्रेन कब शुरू हुई?

एमईएमयू (MEMU) ट्रेनों का निर्माण भारतीय रेलवे ने 90 के दशक में शुरू कर दिया था| पहले इन रेलगाड़ियों के कोच 10 फ़ीट 08 इंच चौड़े (3250 मिमी) बनाये जाते थे| पहले एमईएमयू (MEMU) ट्रेन की सेवा 15 जुलाई 1995 को आसनसोल-आद्रा सेक्शन और 22 जुलाई 1995 को खड़गपुर टाटा सेक्शन में हुई| भारत का पहला 20 कोच वाला एमईएमयू (MEMU) वर्ष 2017 में सूरत और विरार के बीच चला| वर्ष 2018 में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने 110-130 किलोमीटर प्रति घंटा पर संचालित करने में सक्षम नया एमईएमयू (MEMU) लॉन्च किया|  


एमईएमयू (MEMU) ट्रेन कहाँ बनती है

एमईएमयू (MEMU) कोच का निर्माण रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला और इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई में होता है| इसी के साथ टिटलागढ़ कोच मेंटेनेंस शॉप में इनके रेक का रखरखाव होता है| मेमू ट्रेनों को सामान्य ट्रेनों के विपरीत हर 10-15 दिनों में केवल रखरखाव की जरुरत होती है| 

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मेमू और दूसरी रेल गाड़ियां (MEMU vs Locomotive-Hauled Passenger Train)     

एमईएमयू (MEMU) ट्रेन कई मायनों में रेल इंजन से खींची जाने वाली ट्रेनों से अलग है| जैसे:

  • एमईएमयू (MEMU) ट्रेन लोकोमोटिव से चलने वाली ट्रेन की तुलना कम ऊर्जा खपत करती है| 
  • एमईएमयू (MEMU) ट्रेन के पास लोकोमोटिव द्वारा ढोई जाने वाली ट्रेन की तुलना में अधिक पावर/वेट अनुपात होता है, क्यूंकि इनके पास एक एक भारी भरकम रेल इंजन नहीं होता, जो ट्रेन के कुल वजन में योगदान देता है पर यात्री नहीं ले जाता| इसलिए इनका क्विक एक्सेलरेशन होता है और कई स्टॉपेज स्टेशन पर रुकने के बाद यह कम वेट के कारण जल्दी गति प्राप्त कर लेते हैं| 
  • एमईएमयू (MEMU) ट्रेनों में दोनों सिरों पर पावर कैब लगाई जा सकती है, जिससे टर्नअराउंड समय कम लगने के साथ यह कम चालक-दल लागत और अधिक सुरक्षा प्रदान करता है| 
  • एमईएमयू (MEMU) ट्रेन में कई इंजन मोटर होने के कारण एक इंजन की विफलता ट्रेन पर असर नहीं डालती| हालाँकि एक से अधिक यूनिट के फेल होने से पूरी ट्रेन को खाली कराना पड़ सकता है| 
  • एमईएमयू (MEMU) ट्रेन का एक्सल-लोड कम होता है जिससे यह हल्की पटरियों पर भी संचालित की जा सकती है, जहाँ भारी लोकोमोटिव प्रतिबंधित होते हैं| 
  • एमईएमयू (MEMU) ट्रेन का वातावरण लोकोमोटिव ट्रेन की तुलना अधिक शोर वाला होता है और इसमें अधिक वाइब्रेशन भी होती है| 

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