Electrification of Railways in India: भारतीय रेलवे अपने सौ प्रतिशत रेल लाइन इलेक्ट्रिफिकेशन मिशन की ओर अग्रसर है| इसके लिए उसने सभी ब्रॉड गेज ट्रैक के विद्युतीकरण का लक्ष्य 2023 रखा है| वहीँ भारतीय रेलवे का लक्ष्य 2030 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन के साथ दुनिया का पहला सौ प्रतिशत हरित रेलवे बनना भी है|
इलेक्ट्रिकल ट्रैक्शन पर्यावरण के अनुकूल, प्रदुषण मुक्त और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है और ऊर्जा के स्रोत के रूप में फॉसिल फ्यूल के एक उत्कृष्ट विकल्प प्रदान करता है| भारतीय रेलवे में 1925 में 1500 वोल्ट डी.सी के साथ विद्युतीकरण का कार्य शुरू किया गया और बाद में 3000 वोल्ट डीसी प्रणाली स्थापित करके इसे विस्तारित किया गया था| वर्ष 1936 तक विद्युतीकरण 388 किलोमीटर मार्ग का विद्युतीकरण हुआ था|
1957 में भारतीय रेलवे ने 25 किलोवोल्ट एसी ट्रैक्शन सिस्टम को अपनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया और चयनित मुख्य लाइनों और उच्च घनत्व वाले मार्गों को नियोजित तरीके से एलेक्ट्रीफाई किया जाने लगा|
100 प्रतिशत रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन की ओर अग्रसित भारत
2030 तक हरित रेलवे बनने के प्रति भारत की निष्ठा इस बात से लगाई जा सकती है कि देश में पर्यावरण के अनुकूल रेलवे विद्युतीकरण 2014 के बाद से दस गुना बढ़ गया है| और इसके साथ ही वर्ष 2021 में कोरोना काल में 6038 रनिंग किलोमीटर का विद्युतीकरण कर भारतीय रेलवे ने एक साल में विद्युतीकरण, 2019 में हुए पिछले सर्वश्रेष्ठ 5637 आरकेएम का रिकॉर्ड तोड़ा है| (Railway Electrification Update)
ज्ञात हो 31 मार्च 2021 तक 45,881 रूट किलोमीटर ब्रॉड गेज (कुल का 71 प्रतिशत) का विद्युतीकरण कर लिया गया था|
पढ़ें: 30 जून 2022 तक भारतीय रेलवे के ब्रॉड गेज के इलेक्ट्रिफिकेशन के स्थिति
कोंकण रेलवे मार्ग भी हुआ पूरी तरह एलेक्ट्रीफाइड
हाल ही में कोंकण रेलवे ने भी अपने पूरे खंड का 100% रेल विद्युतीकरण पूरा कर लिया है| पूरे 741 किलोमीटर के मार्ग कार्य के विद्युतीकरण की आधारशिला नवंबर 2015 में रखी गई थी| पूरे कोंकण रेलवे मार्ग का सीआरएस निरीक्षण मार्च 2020 से शुरू होने वाले छह चरणों में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया| रत्नागिरी और थिविम के बीच अंतिम खंड का सीआरएस निरीक्षण 24/03/2022 को किया गया था और प्राधिकरण 28/03/2022 को प्राप्त कर लिया गया|
रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन के फायदे
- डीजल इंजिनों में पुरे साल अरबों लीटर तेल की खपत होती है, जिससे भारतीय रेलवे को कई हज़ार करोड़ का खर्चा आता है| रेलवे का अनुमान है कि एक बार सौ प्रतिशत विद्युतीकरण होने के बाद 14 हज़ार 566 करोड़ प्रति वर्ष की अपेक्षित बचत हो सकेगी, जो दूसरे रेलवे विकास कार्यों में लगाए जा सकेंगे|
- डीजल इंजिनों के उपयोग से प्रदुषण होता है, वहीँ इलेक्ट्रिफिकेशन करने का एक मुख्य उद्देश्य भारतीय रेलवे को हरित रेलवे बनाना भी है|
- सौ प्रतिशत विद्युतीकरण होने पर भारत रेलवे ट्रेनों को चलाने में लगने वाली ऊर्जा के लिए आत्मनिर्भर हो सकेगा| भारत में डीजल की मांग इसके उत्पाद से कहीं अधिक है इसलिए भारतीय रेलवे के खर्च अंतराष्ट्रीय बाजार में डीजल के दामों पर निर्भर है|
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