विश्व ब्रेल दिवस कब मनाया जाता है | World Braille Day 2023 Date

World Braille Day 2023: ब्रेल नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए पढ़ने और लिखने की एक स्पर्श प्रणाली है| ब्रेल लिपि से दृष्टि बाधित लोगों को आत्मनिर्भर बनने में बहुत सहायता मिली| आइये जानते हैं ब्रेल लिपि क्या होती है और विश्व ब्रेल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है (World Braille Day 2023 Date):

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ब्रेल प्रणाली क्या है (What is Braille)

ब्रेल प्रणाली नेत्रहीन लोगों के लिए एक लिपि है| ब्रेल छह बिंदुओं का उपयोग करके वर्णमाला और संख्यात्मक प्रतीकों का एक स्पर्शपूर्ण प्रतिनिधित्व है| इस प्रणाली से न केवल अक्षर और संख्या, बल्कि संगीत, गणितीय और वैज्ञानिक प्रतीकों को भी स्पर्श से समझा जाता है| ब्रेल के उपयोग से नेत्रहीन और आंशिक रूप से देखने वाले व्यक्ति विज़ुअल फॉण्ट में छपी पुस्तकों और पत्रिकाओं को पढ़ सकते हैं|    


विश्व ब्रेल दिवस कब मनाया जाता है (World Braille Day is celebrated on)

विश्व ब्रेल दिवस प्रत्येक वर्ष 04 जनवरी को मनाया जाने वाला एक अंतराष्ट्रीय दिवस है| यह तारीख नवंबर 2018 में सयुंक्त राष्ट्र महासभा द्वारा एक उद्घोषणा के माध्यम से चुनी गई थी| यह तारीख 19वीं शताब्दी में ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुइस ब्रेल की जन्म तिथि है| इन्हीं के नाम पर ब्रेल लिपि जानी जाती है| पहला विश्व ब्रेल दिवस 04 जनवरी 2019 को मनाया गया| यह दिन नेत्रहीन और दृष्टिबाधित लोगों के लिए मानवाधिकारों की पूर्ण प्राप्ति में संचार के साधन के रूप में ब्रेल के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाता है|   

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लुइस ब्रेल कौन थे (Who was Louis Braille)

लुइस ब्रेल का जन्म फ्रांस में 04 जनवरी 1809 को हुआ था| उन्होनें तीन साल की उम्र में अपनी आँखों की रौशनी खो दी थी जब उन्होंने अपने पिता के एक औजार से अपनी आँख में गलती से मार दिया था| कोई भी उपचार उनकी आँख को ठीक नहीं कर सका| उनकी इस आँख का संक्रमण दूसरी आँख तक फैल गया| पांच वर्ष तक आयु तक लुइस का संक्रमण तो ठीक हो गया पर उनकी दोनों आँखों की रौशनी पूरी तरह से चली गई| 

लुइस की बुद्धिमता और परिश्रम के कारण दस साल की उम्र में उन्हें ब्लाइंड स्कूल में जाने की अनुमति मिली| स्कूल में वे फ्रेंच आर्मी में कार्यरत चार्ल्स बार्बियर से मिले जिन्होंने नेत्रहीन लोगों के लिए नाईट राइटिंग का आविष्कार किया था| नाईट राइटिंग प्रणाली में बारह बिंदुओं से और उनके सयोंजन के स्पर्श के माध्यम से सभी अक्षर समझे जाते थे| इस प्रणाली की समस्या यह थी कि मानव उँगलियाँ एक स्पर्श से सभी बारह बिंदुओं को महसूस नहीं कर सकते थे|   

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इसके बाद लुइस ब्रेल को ग्यारह वर्ष की आयु में ही नाईट राइटिंग को सुधारने की प्रेरणा मिली और उन्होनें नाईट राइटिंग के बारह बिंदुओं के सेल को छह बिंदुओं में बदला| हर सेल अलग-अलग कॉम्बिनेशन के साथ 63 अलग अक्षर, शब्द, संख्या, साउंड या साइन दर्शाता है| लुइस ब्रेल की इस  विरासत ने नेत्रहीन लाखों लोगों के जीवन को प्रकाशित किया है|     

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