WAP7 लोकोमोटिव: प्रतिदिन हज़ार से अधिक WAP7 लोकोमोटिव भारतीय रेलवे के लिए अपनी सेवा देती हैं| यह रेल इंजन शीर्ष स्तरीय तेजस, राजधानी और शताब्दी सेवाओं से लेकर निम्न प्राथमिकता वाली गैर सुपर फ़ास्ट मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों तक सब को खींच रहा है| कैसे हुआ भारतीय रेलवे में WAP7 का आगमन और क्या है इस लोकोमोटिव के टेक्निकल स्पेसिफिकेशन, आइये जानते हैं:
कैसे हुआ भारतीय रेलवे में WAP 7 का आगमन
लोको पायलट के लिए आधुनिक, आरामदायक और उपयोगकर्ता के अनुकूल वातावरण के साथ कम रखरखाव और ऊर्जा कुशल के लिए डिज़ाइन किया गया, WAP 7 यक़ीनन भारतीय रेलवे के लिए एक आधुनिक लोकोमोटिव के निर्माण में सबसे सफल प्रयासों में से एक है| WAP7 का जन्म 1993 में भारतीय रेलवे और स्विट्ज़रलैंड की ABB के बीच हस्ताक्षरित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते के कारण हुआ था| इस समझौते के तहत अक्टूबर 1995 और मार्च 1997 के बीच WAP5 और WAG9 वर्गों की 30 इकाइयों को ABB द्वारा पूरी तरह से नॉक-डाउन और सेमी-नॉक्ड डाउन स्थिति में भारत डिलीवर किया गया था| इन थ्री फेज वाले आधुनिक इंजिनों को चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स में जोड़ा गया| इन दोनों रेल इंजिनों ने भारतीय रेलवे को आगे काम करने के लिए परिपक्व डिज़ाइन प्लेटफार्म प्रदान किया|
यात्रियों को ले जाने के लिए समर्पित WAP5 लोकोमोटिव अपने हल्के और उच्च गति वाले डिज़ाइन के साथ भारी 24-26 कार वाले, मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों को ढोने की सीमाओं में कार्य करता था| इसलिए पैसेंजर गाड़ियों में अधिक शक्तिशाली डिज़ाइन की आवश्यकता महसूस हुई| इसके लिए CLW द्वारा WAG9 क्लास फ्रेट लोकोमोटिव का यात्री क्लास करने का आंतरिक प्रयास किया गया|
WAG9 में गियर अनुपात को 77:15 से 72:20 तक और नियंत्रण सॉफ्टवेयर में भी परिवर्तन सहित कई संशोधन किये गए| इसका परिणाम बनकर निकला WAP7 लोकोमोटिव जो 6000 हॉर्स पावर से अधिक उत्पादन करने में सक्षम था और 140 किलोमीटर प्रति घंटा की शीर्ष गति हासिल कर 24 कोच ट्रेन को ढो सकता था|
WAG9 लोकोमोटिव के जीटीओ थायरिस्टर आधारित कोर को उन्नत और अधिक कुशल आईजीबीटी तकनीक से बदल दिया गया था| हाई स्पीड रन को सुरक्षित बनाने के लिए ब्रेकिंग उपकरण को अधिक पारम्परिक डिज़ाइन से बदला गया| ट्रांसफार्मर अपग्रेड के साथ, WAP 7 उस ट्रेन को होटल लोड पावर की आपूर्ति भी कर सकता है जिसे वह ढो रहा है| इस तकनीक को हेड ऑन जनरेशन (HOG) भी कहा जाता है| इससे ट्रेनों में शोर उत्पन्न करने वाली "एन्ड ऑन जनरेशन" (EOG) डीज़ल उत्पन्न कारों को संचालित करने की आवश्यकता ख़त्म हो गई है| इससे तकनीक से ईंधन की भी बचत होती है|
चूँकि मुंबई-दिल्ली और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर को 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार के लिए अपग्रेड किया जा रहा है एक उच्च गति संस्करण WAP 7 HS को व्यापक परिश्रम के बाद 160 kmph के लिए उपयुक्त पाया गया| इसका ट्रायल 12 अगस्त 2019 को कोटा डिवीज़न में किया गया जहाँ इस लोकोमोटिव ने 180 kmph की गति हासिल करी| इसके 9000 हॉर्स पावर के साथ अगले संस्करण में कार्य चल रहा है और जल्द ही परिक्षण के लिए बाहर आने की उम्मीद है|
WAP 7 की तकनीकी जानकारी (WAP7 टेक्निकल स्पेसिफिकेशन)
WAP 7 का क्या मतलब है (WAP7 means)
भारतीय लोकोमोटिव क्लास WAP7, चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स द्वारा विकसित किया गया 25 kV एसी इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का एक वर्ग है| इसका मॉडल नाम WAP 7 है, जहाँ:
W : वाइड गेज (Broad Gauge)
A : AC करंट
P : पैसेंजर ट्रैफिक इंजन
7 : 7th जनरेशन
वर्तमान में भारत में 1400+ WAP 7 हैं और इनका और निर्माण चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (30201+), बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (37001+) और डीज़ल-लोको मोडर्निज़ेशन वर्क्स,पटियाला (39000+) में किया जा रहा है|
WAP7 गियर रेश्यो: 72:20
WAP7 लोको वेट: 123 टन
WAP7 पैंटोग्राफ हाइट: 4255 मिलीमीटर
WAP7 बोगी प्रकार: को-को
WAP7 हार्सपावर: 6350 hp
WAP7 की अधिकतम गति (WAP7 max speed): 140 किलोमीटर प्रति घंटा
WAP7 ट्रॅक्टिव एफर्ट (WAP7 Tractive Effort): 322.4 किलोन्यूटन (शुरू करने में), 228 किलोन्यूटन (लगातार चलने पर)
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