Bike Parcel in Train: मोटर साइकिल यानि बाइक से छोटी दुरी का सफर करना बहुत सहूलियत भरा और हैंडी होता है| जॉब में ट्रांसफर के समय यूँ तो अपने सामान के साथ बाइक शिफ्ट करने के कई तरीके हैं लेकिन उन में से एक है रेलगाड़ी द्वारा अपनी बाइक पार्सल करना| भारतीय रेलवे परिवहन के सबसे बड़े साधनों में से एक है| आइये जानते हैं रेलवे से बाइक कैसे ले जा सकते हैं और इसके लिए भारतीय रेलवे द्वारा कितना शुल्क वसूला जाता है|
रेलवे द्वारा बाइक कैसे भेज सकते हैं
भारतीय रेलवे द्वारा एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक बाइक दो तरीकों से भेजी जा सकती है, पहला लगेज बुकिंग में और दूसरा पार्सल बुकिंग द्वारा| यदि आप लगेज (बाइक) के साथ उसी ट्रेन में यात्रा कर रहे हैं तो आप लगेज बुकिंग में बाइक ले जा सकते हैं| लगेज बुकिंग में बाइक को ले जाने के लिए रिज़र्व टिकट अनिवार्य होती है| इसमें यात्री की ट्रेन में ही बाइक को लोड कर दिया जाता है| लगेज बुकिंग द्वारा बाइक भेजने में पार्सल बुकिंग की तुलना लगभग 25 प्रतिशत अधिक चार्ज लगता है| लगेज बुकिंग 24x7 उपलब्ध रहता है|
यदि व्यक्ति बाइक के साथ स्वयं ट्रेन में यात्रा नहीं कर रहा तो वह पार्सल बुकिंग द्वारा बाइक को भेज सकता है| इसमें बाइक भेजने के लिए बुकिंग करने के बाद पहुँचने का समय पहले से निर्धारित नहीं होता| इसमें दुरी और ट्रेन के आधार पर (और पार्सल बुकिंग स्केल के आधार पर) 01-02 दिन से कई दिन लग सकते हैं| पार्सल बुकिंग केवल सुबह 10 बजे से शाम 05 बजे तक होती है|
बाइक को पार्सल बुकिंग में भेजने के स्टेप्स
यदि यात्री बाइक के साथ ट्रेन में यात्रा नहीं कर रहा होता है तो बाइक को पार्सल में बुक करना होता है|
- भारतीय रेलवे द्वारा पार्सल बुकिंग में बाइक भेजने के लिए उसमें से पेट्रोल पूरी तरह से निकालना होता है|
- भारतीय रेलवे को अपनी बाइक सौंपने से पहले उसे ट्रांसपोर्ट के दौरान किसी भी नुकसान से बचाने के लिए अच्छी तरह से पैक करना होता है| इसके लिए रेलवे कोई सेवा नहीं देती| लेकिन रेलवे पार्सल ऑफिस के पास प्राइवेट पैकिंग सर्विस आसानी से उपलब्ध होती है| बाइक पैकिंग करने वाले लोग (ब्रोकर) ही गाड़ी से पेट्रोल निकालने का काम कर देते हैं| बाइक पैक करने में कुल 350 से 800 रूपए तक खर्चा आ जाता है|
- अक्सर बाइक की पैकिंग सफ़ेद बोरे से होती है क्यूंकि इसमें मार्कर से लिखने में आसानी होती है| भारतीय रेलवे का पार्सल अफसर बाइक पार्सल बुकिंग होने पर उसमें पार्सल नंबर, स्रोत और गंतव्य स्टेशन का नाम और पार्सल करने वाले का मोबाइल नंबर लिखता/लिखवाता है|
- बाइक पैक करने के बाद पार्सल ऑफिस में पार्सल सर्विस फॉर्म भरकर फीस जमा करनी होती है| यह फॉरवार्डिंग फॉर्म ऑनलाइन भी उपलब्ध रहता है| इसमें बाइक भेजने वाले का नाम, स्रोत स्टेशन का पता, गंतव्य स्टेशन का पता, मोबाइल नंबर, इंश्योरेंस की जानकारी आदि लिखना होता है|
बाइक को लगेज बुकिंग में भेजने के स्टेप्स
भेजने वाला व्यक्ति यदि ट्रेन में यात्रा कर रहा है और उसे अपने साथ बाइक ले कर जानी है, तो उसे बाइक को लगेज बुकिंग कर ले जाना होता है| इसके लिए उसे ट्रेन चलने के निर्धारित समय से कम से कम आधे घंटे पहले लगेज बुकिंग की कार्यवाही पूरी करनी होती है| इसके बाद भी बाइक को उस ट्रेन में जगह होने पर ही ले जाया जायेगा, नहीं तो अगली ट्रेन में बाइक को लोड किया जाता है|
लगेज बुकिंग में भी पैकिंग और फॉर्म भरने की प्रक्रिया एक जैसी होती है| यात्री द्वारा ट्रेन की रिज़र्व टिकट दिखाने पर और निर्धारित शुल्क जमा करने पर पैक की हुई और खाली टैंक वाली बाइक उससे ले ली जाती है, और यात्री को लगेज टिकट (रेलवे रिसेप्ट) दे दिया जाता है| साथ ही ट्रेन की यात्रा टिकट पर भी पृष्ठांकन किया जाता है|
गंतव्य स्टेशन पर लगेज टिकट और रिजर्वेशन टिकट दिखाने पर भारतीय रेलवे द्वारा बाइक यात्री को सौंप दी जाती है|
रेल द्वारा बाइक ट्रांसफर करने में क्या डॉक्यूमेंट लगेगा
भारतीय रेलवे द्वारा बाइक भेजने के लिए, बाइक के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) और इंश्योरेंस की फोटो कॉपी की आवश्यकता होती है| और इसके साथ बाइक भेजने वाले व्यक्ति के आई-डी प्रूफ के साथ बाइक ओनर के आई-डी प्रूफ की जरुरत होती है| यदि यह डॉक्यूमेंट मौजूद हैं तो पार्सल बुकिंग फॉर्म या लगेज बुकिंग फॉर्म भरकर और बाइक ट्रांसपोर्टेशन चार्ज जमा कर के बाइक को भेजने के लिए बुकिंग की जा सकती है|
रेलवे द्वारा बाइक भेजने में कितना चार्ज लगेगा
भारतीय रेलवे द्वारा कोई भी सामान पार्सल करने में लगने वाले शुल्क का ब्यौरा रेलवे ने पहले से ही फिक्स किया हुआ है| यह सामान के वजन और आयात पर निर्भर होता है| बाइक के केस में वॉल्यूम के आधार पर शुल्क लिया जाता है| एक साधारण बाइक के लिए ट्रांसपोर्ट का खर्च लगभग 1-1.5 रूपए प्रति किलोमीटर आता है| इसके अतिरिक्त भारतीय रेलवे बाइक ट्रांसपोर्ट करने के इंश्योरेंस वैल्यू (आई.डी.वी) का 1 प्रतिशत वसूलती है| उदाहरण के तौर पर यदि किसी बाइक को 500 किलोमीटर दूर भेजना हो और उसकी आई.डी.वी वैल्यू 50000 हो, तो लेबर चार्ज आदि जोड़कर रेलवे 1100-1200 रूपए लेगी| यानि पैकिंग का खर्च जोड़कर बाइक भेजने में 1500 रूपए तक का खर्च आएगा|
भारतीय रेलवे द्वारा बाइक के लिए माल ढुलाई भाड़ा (आई.डी.वी और डेवलपमेंट चार्ज छोड़कर) भारतीय रेलवे की पार्सल वेबसाइट पर पता कर सकते हैं|
भारतीय रेलवे द्वारा बाइक भेजने का फ्राइट चार्ज कैलकुलेट करें
भारतीय रेलवे द्वारा बाइक भेजने में लिए जाने वाले शुल्क की गणना (Indian Railway Bike Parcel Charges Calculator) आप यहाँ पर कर सकते हैं: क्लिक करें
याद रहे इसमें लेबर चार्ज और पैकिंग चार्ज शामिल नहीं है|
भारतीय रेलवे द्वारा बाइक ट्रांसपोर्ट करने में कुछ आवश्यक बातें
यदि कोई व्यक्ति ट्रेन द्वारा बाइक भेज रहा है, तो उसे कुछ आवश्यक बातों का ज्ञान होना चाहिए:
- बाइक भेजते समय उसमें पेट्रोल नहीं होना चाहिए| पकड़े जाने पर फाइन और सजा के प्रावधान हैं|
- गंतव्य स्टेशन पर बाइक पहुँचने के बाद उसे लेना होता है, नहीं तो प्रति घंटा शुल्क वसूला जाता है|
- बाइक के खोने पर या एक्सीडेंट पर रेलवे में वैल्यू रिफंड का प्रावधान होता है|
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