इलेक्ट्रिक रेल इंजन कैसे काम करते हैं | How Electric Locomotives works | Electric Train Working

इलेक्ट्रिक ट्रेन वर्किंग: भारतीय रेलवे 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन की राह पर चल रही है| ऐसे में आने वाले रेल इंजन या लोकोमोटिव भी इलेक्ट्रिक श्रेणी के बनाए जा रहे हैं| ऐसा नहीं है कि विश्व में विद्युत् रेल इंजन हाल के दशकों में ही आये हैं| इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव 1837 से ट्रेनों को ढोने की शक्ति प्रदान कर रहे हैं| भारत में मौजूद इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के ट्रैक्शन मोटर डायरेक्ट करंट या अल्टेरनेटिंग करंट पर चलते हैं| जहाँ पुराने इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव जैसे WAM4, WAG5, WAG7, WAP4 के ट्रैक्शन मोटर डायरेक्ट करंट पर काम करते हैं, वहीँ नए आधुनिक इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव जैसे WAP5, WAP7, WAG9 के ट्रैक्शन मोटर 3-फेज अल्टेरनेटिंग करंट पर चलते हैं| आइये जानते हैं इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव कैसे काम करता है:


स्टीम और डीजल लोकोमोटिव के विपरीत इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव अपने साथ ईंधन या ऊर्जा स्रोत नहीं ले जाते हैं| इनको चलाने वाली ऊर्जा, लोकोमोटिव से सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित हो सकती है| दूर के पावर स्टेशन पर उत्पादित बिजली को ओवरहेड कैटेनरी के माध्यम से लोकोमोटिव तक पहुँचाया जाता है| इन ओवरहेड तारों पर सिंगल फेज के करीब 25000 वाल्ट का करंट होता है|

एक इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव अनिवार्य रूप से ट्रांसफार्मर और सेमीकंडक्टर से भरा एक बॉक्स होता है| एक पेंटाग्राफ ओवरहेड तारों से बिजली एकत्र करता है, और उसे सर्किट ब्रेकर से होते हुए लोकोमोटिव में मौजूद एक ट्रांसफार्मर में ट्रांसफर कर देता है, जो प्राप्त की विद्युत् शक्ति को वांछित वोल्टेज पर सेट करता है| ट्रांसफार्मर से एक्सल ब्रश के साथ एक कनेक्शन सर्किट को पूरा करता है| 


ट्रांफॉर्मर से, ओवरहेड तारों से खींची गई प्रत्यावर्ती धारा (अल्टेरनेटिंग करंट) को मुख्य रेक्टिफायर में स्थानांतरित किया जाता है जो इसे डायरेक्ट करंट में परिवर्तित करता है| यदि इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का ट्रैक्शन मोटर डायरेक्ट करंट पर काम करता है, तो उसे यहाँ से पावर मिल जाती है| लेकिन यदि लोकोमोटिव 3-फेज ए.सी पर काम करता है तो मुख्य और सहायक इन्वर्टर तब इस प्रत्यक्ष धारा (डायरेक्ट करंट) को तीन-चरण प्रत्यावर्ती धारा (3-फेज ए.सी.) में बदल देते हैं| थ्री-फेज अल्टेरनेटिंग करंट, ट्रैक्शन मोटर को शक्ति प्रदान करती है, जो तब लोकोमोटिव के पहियों को चलाती है| ट्रैक्शन मोटर के पहियों को कुशलतापूर्वक चलाने के लिए कई दूसरे महत्वपूर्ण कॉम्पोनेन्ट की भी आवश्यकता होती है| सहायक इन्वर्टर और रेक्टिफायर इन छोटे घटकों को भी शक्ति प्रदान करते हैं| 

ट्रांसफार्मर और रेक्टिफायर बहुत अधिक गर्मी पैदा करते हैं और उन्हें ठंडा रखना पड़ता है| यह महत्वपूर्ण कार्य सहायक इन्वर्टर और रेक्टिफायर द्वारा संचालित कूलिंग फैन द्वारा किया जाता है| 


एक कंप्रेसर भी सहायक इन्वर्टर द्वारा संचालित होता है, जो पैंटोग्राफ को संचालित करने के लिए आवश्यक दबाव पर हवा की आपूर्ति करता है| एक बैटरी भी स्टार्ट-अप संचालन के लिए शक्ति प्रदान करती है| बैटरी आमतौर पर डीसी नियंत्रित आपूर्ति सर्किट से जुड़ी होती है|  

ट्रैक्शन मोटर भी बहुत अधिक गर्मी पैदा करती हैं, जिन्हें ठंडा करने की आवश्यकता होती है| इन्हें अलग कूलिंग फैन द्वारा ठंडा किया जाता है, जो सहायक इन्वर्टर और रेक्टिफायर द्वारा ही संचालित होते हैं| 

Post a Comment

0 Comments