आज़ादी का अमृत महोत्सव: भारत वर्ष 2022 में आजादी के 75 साल पुरे करने जा रहा है| आजादी के 75 साल पुरे होने से 75 हफ़्ते पहले भारत सरकार ने इस खास मौके को यादगार बनाने के लिए आज़ादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत करी है| आइए जानते हैं क्या है आज़ादी का अमृत महोत्सव और इसे कैसे मनाएंगे:
क्या है आज़ादी का अमृत महोत्सव? (What is Azadi ka Amrit Mahotsav)
आज़ादी का अमृत महोत्सव भारत सरकार की एक पहल है जो प्रगतिशील भारत के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को उत्सव के रूप में मनाने के लिए है| यह महोत्सव भारत के लोगों को समर्पित है, जिन्होनें न केवल भारत को अपनी विकासवादी यात्रा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि उनके भीतर प्रधानमंत्री मोदी के भारत 2.0 को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को सक्षम करने की शक्ति और क्षमता भी है, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित है| आजादी का अमृत महोत्सव भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनितिक और आर्थिक पहचान के बारे में प्रगतिशील है| "आजादी का अमृत महोत्सव" की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च 2021 को शुरू हुई, जो हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75 सप्ताह की उल्टी गिनती शुरू करती है और 15 अगस्त 2022 को एक वर्ष के बाद समाप्त होगी|
आज़ादी के अमृत महोत्सव
12 मार्च से शुरू हुए आज़ादी के अमृत महोत्सव का आगाज ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह की भी 91वीं वर्षगांठ थी| इसीलिए आज़ादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत के लिए गुजरात के साबरमती को चुना गया| यहीं से महात्मा गाँधी के नेतृत्व में दांडी मार्च शुरू किया गया था| आज़ादी के 75 साल पुरे होने से पहले पुरे 75 सप्ताह तक देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है| देश के हर राज्य और हर केंद्र शासित प्रदेश के साथ, भारतीय दूतावासों में भी अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है|
भारत की आजादी के 75 साल होने के अवसर पर कार्यक्रमों के लिए 259 सदस्यीय उच्च स्तरीय राष्ट्रीय समिति का गठन किया गया है, जिससे प्रधानमंत्री की परिकल्पना है कि आज़ादी का अमृत महोत्सव जन महोत्सव बन जाए| देश की जनता की इस महोत्सव में सीधे भागीदारी हो|
आज़ादी का अमृत महोत्सव का उद्देश्य (Azadi ka Amrit Mahotsav Objective)
आज़ादी का अमृत महोत्सव का उद्देश्य एक गहन देशव्यापी अभियान तैयार करना है जो नागरिकों की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित होगा और इस अभियान को एक जन-आंदोलन में परिवर्तित करेगा जहाँ स्थानीय स्तर पर हुए छोटे-छोटे परिवर्तनों से देश को महत्वपूर्ण लाभ होगा|
इस महोत्सव के जरिए आज़ादी से जुड़े हुए उन अनसंग हीरोज की भी तलाश करना है जो इतिहास के पन्नों पर कहीं खो गए हैं|
0 Comments