उत्कल दिवस (ओडिशा डे) कब मनाया जाता है?
उत्कल दिवस या ओडिशा डे हर साल 01 अप्रैल को मनाया जाता है| 01 अप्रैल 2023 में ओडिशा अपना 88वां स्थापना दिवस मनाएगा| 01 अप्रैल 1936 को ओडिशा भाषा के आधार पर सयुंक्त ओडिशा-बिहार-बंगाल प्रान्त से अलग होकर भारत का पहला प्रान्त बना| इसी की याद को प्रोत्साहित करने और ओडिशा के नागरिकों के बीच एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए हर साल 01 अप्रैल को ओडिशा दिवस के रूप में मनाया जाता है|
ओडिशा का इतिहास
261 ईसा पूर्व में मगध राजा अशोक द्वारा अपने मौर्य शासन का विस्तार करने के लिए विजय प्राप्त करने के बाद यह क्षेत्र कलिंग का हिस्सा बन गया| मौर्य शासन के बाद ओडिशा में राजा खारवेल का शासन शुरू हुआ| खारवेल मगध को हराकर मौर्य आक्रमण का बदला लेने में सफल रहा| 1576 में तटीय ओडिशा मुग़ल साम्राज्य के अधीन हो गया| 1700 के दशक के मध्य में तट के कुछ हिस्सों पर मराठों ने कब्ज़ा कर लिया था| कर्नाटक युद्धों के बाद ओडिशा के दक्षिणी तट को ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा मद्रास प्रेसीडेंसी में मिला दिया गया था| 1912 में बंगाल तटीय क्षेत्र से बिहार और ओडिशा अलग प्रान्त बन गए| आधुनिक समय के ओडिशा उड़िया बोलने वाले लोगों के लिए 01 अप्रैल 1936 को एक अलग प्रान्त के रूप में बना दिया गया|
ओडिशा राज्य (Odisha State)
ओडिशा राज्य में 30 जिले हैं| यह क्षेत्रफल के हिसाब से देश का 08वां सबसे बड़ा और जनसँख्या के हिसाब से 11वां सबसे बड़ा राज्य है| ओडिशा के पडोसी राज्य पश्चिम में छत्तीसगढ़, दक्षिण में आँध्रप्रदेश, उत्तर में पश्चिम बंगाल और झारखण्ड हैं| आदिवासी आबादी के मामले में ओडिशा भारत का तीसरा राज्य है| 1135 से 1948 तक कटक राज्य की राजधानी थी, जिसके बाद भुवनेश्वर ने राज्य की राजधानी बनी| 09 नवंबर 2010 को भारत की संसद द्वारा उड़ीसा (Orissa) का नाम बदलकर ओडिशा (Odisha) कर दिया गया और साथ ही ओरिया (Oriya) भाषा का नाम बदलकर ओड़िया (Odia) कर दिया गया था|
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