World Sanskrit Day: भारतीय सविंधान के अनुच्छेद 344(1) और 351 के अनुसार, आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएं शामिल हैं, जिनमें से एक है संस्कृत भाषा| संस्कृत भाषा की एक संगठित व्याकरणीय सरंचना है| इसके हर स्वर और व्यंजन भी वैज्ञानिक पैटर्न में व्यस्थित हैं| ऐसा कहते हैं कि एक व्यक्ति संस्कृत भाषा के केवल एक शब्द से स्वयं को व्यक्त कर सकता है| लेकिन वर्तमान में इस भाषा को बहुत कम लोग ही बोल पाते हैं| इसलिए भारत की इस प्राचीन भाषा को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष वर्ल्ड संस्कृत डे मनाया जाता है|
वर्ल्ड संस्कृत डे 2023 कब है?
भारत की प्राचीन भाषा संस्कृत के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विश्व संस्कृत दिवस (World Sanskrit Day) हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाते हैं, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अगस्त महीने में पड़ता है| इस साल श्रावण की पूर्णिमा का यह दिन 31 अगस्त को पड़ रहा है| इसी दिन को यानी श्रावण पूर्णिमा को रक्षा बंधन का त्यौहार भी मनाया जाता है|
माना जाता है कि संस्कृत भाषा की उत्पत्ति लगभग 3500 साल पहले भारत में हुई थी| संस्कृत शब्द का अर्थ है सम + कृत जिसमें सम का अर्थ है "सम्यक" यानी "सम्पूर्ण" और कृत का मतलब "किया हुआ" दर्शाता है| संचार के सन्दर्भ में संस्कृत शब्द पूरी तरह से पढ़ना और सुनना दर्शाता है| साहित्यिक दृष्टि से देखें तो संस्कृत को वैदिक और शास्त्रीय, दो अलग-अलग अवधियों में बांटा गया है| वेदों के पवित्र ग्रंथों में, वैदिक संस्कृत मुख्य रूप से ऋग्वेद, पुराणों और उपनिषदों में पाई जाती है| वेदों की रचना 1000 से 1500 ईसा पूर्व में हुई थी|
विश्व संस्कृत दिवस क्यों मनाया जाता है?
भारत में उत्पत्ति होने के बावजूद, संस्कृत भाषा, आज सरंक्षण के मुहाने में आ खड़ी हुई है| इस प्राचीन भाषा को जनसँख्या का एक छोटा प्रतिशत ही बोलता है| इसलिए विश्व संस्कृत दिवस मनाने का उद्देश्य, संस्कृत भाषा को बढ़ावा देना है| इस प्राचीन भारतीय भाषा को बढ़ावा देने और पुनर्जीवित करने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में कई कार्यक्रम आयोजन किए जाते हैं| संस्कृत भाषा के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा वर्ष 1969 में संस्कृत दिवस (Sanskrit Day) की घोषणा की गई थी| तब से हर साल यह दिन मनाया जा रहा है|
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व संस्कृत दिवस 2023 के अवसर पर शुभकामनाएं दी| एक्स पोस्ट की एक श्रृंखला में, प्रधान मंत्री ने कहा:
"विश्वसंस्कृतदिवसे मम शुभकामनाः। अहं सर्वान् अभिनन्दामि ये एतदर्थं भावुकाः सन्ति। संस्कृतेन सह भारतस्य संबन्धः विशिष्टः। "
मोदी ने ट्वीट किया, ''विश्व संस्कृत दिवस की शुभकामनाएं| मैं उन सभी की सराहना करता हूं जो इसके बारे में भावुक हैं| संस्कृत के साथ भारत का बहुत ही खास रिश्ता रहा है| इस महान भाषा का जश्न मनाने के लिए, मैं आप सभी से संस्कृत में एक वाक्य साझा करने का आग्रह करता हूं| नीचे दिए गए पोस्ट में, मैं एक वाक्य भी साझा करूंगा| #CelebratingSanskrit का उपयोग करना न भूलें|" इसके बाद उन्होंने संस्कृत में एक पोस्ट साझा की:
"अग्रिमदिनेषु भारतं G20 संमेलनस्य आतिथ्यं करिष्यति। संपूर्णविश्वतः जनाः भारतम् आगमिष्यन्ति, अस्माकं श्रेष्ठसंस्कृतिं ज्ञास्यन्ति च। #CelebratingSanskrit"
संस्कृत भाषा की कुछ अहम् जानकारी
- भारत के दक्षिण राज्य कर्नाटक के मत्तूर जिले के शिमोगा गाँव में हर कोई संस्कृत भाषा बोलता है|
- उत्तराखंड भारत का केवल एक राज्य है जहाँ संस्कृत को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है|
- पुनरुत्थान के प्रयासों के बावजूद, भारत में प्रथम भाषा के रूप में संस्कृत बोलने वाले नहीं हैं|
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