World Breastfeeding Week 2024: स्तनपान शिशुओं को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने का सबसे अच्छा तरीका है| विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि जन्म के एक घंटे से छह महीने तक शिशु को केवल स्तनपान कराना चाहिए| इसके बाद भी दो साल की उम्र तक स्तनपान जारी रखते हुए बच्चे को पोषक पूरक खाद्य पदार्थ देना चाहिए| आइये जानते हैं विश्व स्तनपान सप्ताह कब है और क्या है वर्ल्ड ब्रैस्टफीडिंग वीक 2024 की थीम:
World Breastfeeding Week 2024
वर्ल्ड ब्रैस्टफीडिंग वीक की शुरुआत 1992 में हुई थी| इसका उद्देश्य स्तनपान के लिए समर्थन देने और सार्वजनिक जागरूकता पैदा करना था| स्तनपान को प्रोत्साहित करने और दुनिया भर में शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए तब से हर साल 01 अगस्त से 07 अगस्त तक वर्ल्ड ब्रैस्टफीडिंग वीक मनाया जाता है| यह विश्व स्तनपान सप्ताह 1990 में सरकारी निति निर्माताओं, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और अन्य संगठन द्वारा स्तनपान की रक्षा, प्रचार और समर्थन करने के लिए हस्ताक्षरित घोषणा की याद दिलाता है|
World Breastfeeding Week 2024 Theme
वर्ल्ड अलायन्स फॉर ब्रैस्टफीडिंग एक्शन (WABA), विश्व-भर के व्यक्तियों और संगठनों का एक वैश्विक नेटवर्क है, जो दुनिया भर में स्तनपान के सरंक्षण, प्रचार और समर्थन के लिए कार्य करता है| इसी के साथ WABA ही वार्षिक विश्व स्तनपान सप्ताह अभियान का समन्वय करता है| WABA द्वारा हर साल वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग सप्ताह के लिए एक विषय घोषित किया जाता है|
World Breastfeeding Week 2020 Theme : "Supporting Breastfeeding: For A Healthier Planet"
World Breastfeeding Week 2021 Theme : "Protect Breastfeeding: A Shared Responsibility"
World Breastfeeding Week 2022 Theme : "Step Up For Breastfeeding: Educate and Support"
World Breastfeeding Week 2023 Theme : "Let's Make Breastfeeding & Work, Work"
इस साल वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक की थीम है (World Breastfeeding Week 2024): "क्लोजिंग द गैप: ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट फॉर ऑल"।
World Breastfeeding Week 2024 Theme : "Closing the Gap: Breastfeeding support for all"
यह अभियान स्तनपान कराने वाली माताओं को उनकी स्तनपान यात्रा के दौरान, उनकी सभी विविधता में मनाएगा, जबकि परिवारों, समाजों, समुदायों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को हर स्तनपान कराने वाली मां की पीठ थपथपाने के तरीकों को प्रदर्शित करेगा|
स्तनपान (ब्रेस्टफीडिंग): सतत विकास (सस्टेनेबल डेवलपमेंट)
- स्तनपान शिशुओं और बच्चों को पोषण देने का एक प्राकृतिक और किफायती तरीका है जिससे बच्चों के कृत्रिम आहार की तुलना में कम लागत लगती है|
- दो साल और उसके बाद तक केवल स्तनपान और निरंतर स्तनपान हाई क्वालिटी वाले पोषक तत्व और पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है और भूख, कुपोषण, मोटापे को रोकने में मदद करता है|
- बच्चों के आहार के लिए फार्मूला उत्पादन उद्योगों की तुलना में स्तनपान में कम ऊर्जा लगती है और इसलिए घर में पानी, ईंधन आदि की आवश्यकता भी कम होती है|
- फार्मूला फीडिंग की तुलना में ब्रेस्टफीडिंग में कम वेस्ट होता है| फार्मूला फीडिंग उद्योग से वेस्ट उत्पन्न होता है जो समुन्द्र और समुंद्री जीवन पर असर डालता है|
- ग्लोबल वार्मिंग आदि के कारण प्रतिकूल परिस्थितियों और मौसम सम्बन्धी आपदा के समय में स्तनपान ही बच्चों को जरुरी पोषक दे कर उन्हें बचाता है|
स्तनपान (ब्रेस्टफीडिंग) किसी व्यक्ति और राष्ट्र के लिए एक निवेश के जैसा है जो स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक विकास में सुधार करता है| इसलिए ब्रेस्टफीडिंग का प्रचार बहुत जोरों से होना चाहिए| यह सभी की जिम्मेदारी है|
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