World Day Against Child Labour 2023: दुनिया भर में हर दस में से एक बच्चा बाल मजदूरी करता है| यूँ तो आकड़ों के अनुसार सन 2000 से बाल श्रम में बच्चों की संख्या में 9 करोड़ तक की कमी आई है परन्तु हाल के वर्षों में यह कमी आने की दर में भी दो-तिहाई की कमी हुई है| सयुंक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों में एक लक्ष्य 2025 तक विश्व से बाल श्रम को पूरी तरह ख़त्म करना है| इसी लक्ष्य को पूरा करने की प्रेरणा देने के लिए वर्ष में एक दिन वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर (एंटी चाइल्ड लेबर डे) या बालश्रम निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है| आइये जानते हैं World Day Against Child Labour कब मनाया जाता है, इसकी थीम और महत्व|
वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर कब मनाया जाता है
बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस हर वर्ष 12 जून को मनाया जाता है| सयुंक्त राष्ट्र का दुनिया भर में श्रम को नियंत्रण करने वाला संगठन -"अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन" (इंटरनेशनल लेबर आर्गेनाईजेशन, ILO) है| इस संगठन ने वर्ष 2002 में बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस की शुरुआत की| इसका मकसद दुनिया भर में बालश्रम के खिलाफ लड़ने के प्रयासों में शामिल होने और अलग-अलग व्यक्ति, समाज, संस्था, संगठन, सरकार का ध्यान आकर्षित करना था, जिससे यह सब बाल श्रमिकों की सहायता और श्रम नियमों से सम्बंधित दिशा-निर्देशों को परिभाषित करने के लिए एक मंच में आ सकें|
अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन के आकड़ों के अनुसार, आज भी दुनिया भर में कई बच्चे बाल श्रम में शामिल होने के कारण पर्याप्त शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी स्वतंत्रता से वंचित हैं| और इन सभी में से आधे से अधिक बच्चे तो बाल श्रम के बहुत खराब रूपों के संपर्क में हैं, जैसे खरतनाक वातावरण में काम, गुलामी, जबरन श्रम, मादक पदार्थ की तस्करी, वैश्यावृत्ति आदि|
वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर का महत्व
एंटी चाइल्ड लेबर डे का उद्देश्य दुनिया भर में बाल श्रम के खिलाफ आंदोलन को बढ़ावा देना है| इसके साथ बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस मनाने का महत्व बाल श्रम की समस्या पर ध्यान देना और विश्व भर से इसे ख़त्म करने के लिए नए तरीके खोजना है| इस दिन का उपयोग बाल श्रम के कारण दुनिया के लाखों बच्चों द्वारा सामना की जाने वाली हानिकारक मानसिक और शारीरिक समस्याओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए किया जाता है|
वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर 2023 थीम
हर साल बाल श्रम को के खिलाफ बनाए जाने वाले विश्व दिवस के लिए एक विषय (थीम) रखा जाता है| इस साल बालश्रम निषेध दिवस 2023 का विषय है- "सभी के लिए सामाजिक न्याय| बाल श्रम समाप्त करो"|
World Day Against Child Labour 2023 Theme- "Social Justice for All. End Child Labour"
12 जून को मनाया जाने वाला, बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस का उद्देश्य बाल श्रम के खिलाफ बढ़ते विश्वव्यापी आंदोलन के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करना है। सामाजिक न्याय और बाल श्रम के बीच संबंध पर जोर देते हुए, 2023 में विश्व दिवस का नारा 'सभी के लिए सामाजिक न्याय, बाल श्रम समाप्त करो है!'|
ग्लोबल कांफ्रेंस ऑन चाइल्ड चाइल्ड लेबर
1997 में पहली बार ओस्लो में बाल श्रम को ख़त्म करने के लिए एक ग्लोबल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था| इसमें दुनिया भर के देशों ने अपनी नीतियों और अच्छी प्रथाओं पर ज्ञान साझा किया| इस प्रकार का वैश्विक सम्मलेन दूसरी बार 2010 में हेग में और 2013 में ब्रासीलिया में आयोजित किया गया| चाइल्ड लेबर पर चौथा ग्लोबल कांफ्रेंस अर्जेंटीना सरकार द्वारा 14 से 16 नवंबर 2017 के बीच कराया गया था| वर्ष 2022 में पांचवा वैश्विक सम्मलेन का आयोजन दक्षिण अफ्रीका सरकार द्वारा किया गया|
आज के समय हम पिछले वैश्विक सम्मलेन और सयुंक्त राष्ट्र के 2025 तक बाल श्रम को मिटाने के लक्ष्य के मध्य बिंदु पर खड़े हैं| वर्ष 2000 से, लगभग दो दशकों से, दुनिया बाल श्रम को कम करने में लगातार प्रगति कर रही थी| लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, संघर्षों, संकटों और कोविड-19 महामारी ने अधिक परिवारों को गरीबी में धकेल दिया है – और लाखों और बच्चों को बाल श्रम में मजबूर कर दिया है|
भारत में चाइल्ड लेबर के लिए कानून
भारत में बाल मजदुर अधिनियम 2016 के तहत 14 वर्ष से छोटे किसी भी बच्चे से बाल मजदूरी करवाने पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध है| इसके साथ यह एक्ट 14 से 18 वर्ष के बच्चों को खतरनाक व्यवसाय पर रोजगार से रोक लगाता है| सरकार ने बाल श्रमिकों के पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना (नेशनल चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट) NCLP स्कीम की शुरुआत की है| इसके तहत 09-14 वर्ष की आयु के बच्चों को काम से छुड़ाया जाता है और उनका NCLP स्पेशल ट्रेनिंग सेण्टर पर नामांकन किया जाता है, जहाँ पर मुख्य धारा की पढ़ाई में जुड़ने से पहले उन्हें ब्रिज शिक्षा, व्यावसायिक परिक्षण, मिड-डे मील, स्वास्थ्य सुविधा आदि प्रदान की जाती है|
वहीँ 5-8 साल के बच्चों को सर्व शिक्षा अभियान के तहत सीधा फॉर्मल शिक्षा प्रणाली से जोड़ा जाता है| सर्व शिक्षा अभियान को 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा 06 से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था|
वर्ष 2017 में भारत के श्रम मंत्रालय ने Pencil (Platform for Effective Enforcement for No Child Labour) पोर्टल की शुरुआत करी| जिसकी सहायता से आम आदमी किसी भी बाल मजदूरी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है| भारत सरकार ने बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक आयोग भी बनाया है जिसका नाम National Commission for Protection of Child Rights (NCPCR), जो महिला और बाल विकास अंतर्गत काम करता है|
भारत ने जून 2017 में अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के कन्वेंशन नंबर 138 और कन्वेंशन नंबर 182 के रूप में दो कानूनों पर सहमति की पुष्टि करी है| ILO के कन्वेंशन नंबर 138 के तहत देश को एक न्यूनतम आयु सीमा निर्धारित करनी होती है जिसके नीचे किसी भी बच्चे को हल्के काम और कलात्मक प्रदर्शन को छोड़कर, रोजगार या किसी भी व्यवसाय में काम करने की अनुमति नहीं दी जाती| ILO के कन्वेंशन नंबर 182 में सहमति जता कर भारत ने दासता, जबरन मजदूरी और तस्करी सहित बाल श्रम के सबसे ख़राब रूपों को मिटाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है|
बालश्रम निषेध दिवस 2023 (World Day Against Child Labour)
विधि और न्याय मंत्रालय का न्याय विभाग 12 जून, 2023 को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के एक भाग के रूप में 17वें राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन करेगा| बच्चों को बाल श्रम की बेड़ियों से मुक्त कर उनके भविष्य को नया रूप देकर उन्हें सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा|
वेबिनार में भाग लेने के लिए यहाँ क्लिक करें|
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