Global Wind Day 2024: वैश्विक पवन दिवस यानि ग्लोबल विंड डे एक उत्साहजनक और पवन ऊर्जा को लेकर जागरूकता बढ़ाने का दिन है, जिस दिन ऊर्जा के इस प्राकृतिक रूप के महत्व पर प्रकाश डालने का कार्य किया जाता है|
ग्लोबल विंड डे कब और क्यों मनाया जाता है?
ग्लोबल विंड डे हर वर्ष 15 जून को मनाया जाने वाला एक विश्वव्यापी इवेंट है| इसे वर्ल्ड विंड डे के नाम से भी जानते हैं| यह डे यूरोप और ग्लोबल विंड एनर्जी कॉउन्सिल द्वारा आयोजित किया जाता है| यूरोपीय पवन ऊर्जा संघ (EWEA) ने साल 2007 में विंड डे (पवन दिवस) की स्थापना की, बाद में 2009 में EWEA और GWEC (ग्लोबल विंड एनर्जी कॉउन्सिल) ने मिलकर विश्व स्तर पर अलग-अलग इवेंट्स का समन्वय किया और इस दिन का नाम ग्लोबल विंड डे कर दिया गया|
यह पवन ऊर्जा, उसकी शक्ति और हमारी ऊर्जा प्रणालियों को फिर से आकार देने, हमारी अर्थव्यवस्थाओं को डीकार्बोनाइज़ करने और विश्व में नौकरियों और विकास को बढ़ावा देने की संभावनाओं को तलाशने का दिन है| यह पवन ऊर्जा को मनाने का और इससे सम्बंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान करने का भी दिन है| इस दिन लोगों को पवन ऊर्जा की शक्ति और इसके द्वारा ऊर्जा खपत के क्षेत्र में दुनिया को बदलने की संभावनाओं के बारे में पता चलता है|
भारत ने भी अक्षय ऊर्जा के महत्व और समय अनुसार आवश्यकता को समझा है| पिछले कुछ वर्षों में भारत की पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता में बहुत बढ़ोतरी हुई है| भारत की स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता 45 गीगा वाट से अधिक है, जो विश्व में चौथी सबसे बड़ी स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता है| तमिलनाडु राज्य भारत में स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता में सबसे आगे है|
पवन ऊर्जा कैसे बनाई जाती है?
विंड एनर्जी (पवन ऊर्जा), विंड टरबाइन का उपयोग करके बनाई जाती है जिसमें हवा की शक्ति को चैनल करके टरबाइन से बिजली उत्पन्न की जाती है| तेज बहती हवा टरबाइन की ब्लेड को घुमाती है| यह ब्लेड्स रोटर से जुड़े हुए होते हैं| रोटर के घूमने से जनरेटर से बिजली उत्पादन होता है|
पवन ऊर्जा बहुत मायने में आज के समय की जरुरत है| इस तरीके से ऊर्जा उत्पादन में कम लागत लगती है| इससे रोजगार मिलता है और उद्योग के विकास में यह अहम् भूमिका निभाता है| यह एक घरेलु, टिकाऊ, स्वच्छ ईंधन श्रोत है, जिससे हमारी कोयले पर निर्भरता कम होती है| पवन ऊर्जा का उत्पादन बड़ी आसानी से विंड फार्म द्वारा किया जाता है|
विंड एनर्जी का सबसे बड़ा अलाभ यह है कि इससे बनने वाली ऊर्जा लगातार नहीं बनती| इसके साथ इससे ध्वनि प्रदुषण भी होता है| यूँ तो ऊर्जा उत्पादन के लिए पवन ऊर्जा से कोई पर्यावरणीय समस्याएं नहीं होती, पर इससे जरूर वन्य जीवन प्रभाव होता है|
भारत में कैसे मनाया गया वैश्विक पवन दिवस (Global Wind Day 2024)
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने 15 जून 2024 को 'वैश्विक पवन दिवस' का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य भारतीय पवन क्षेत्र की अब तक की शानदार सफलता का जश्न मनाना और भारत में पवन ऊर्जा को अपनाने में तेजी लाने के लिए संभावित रास्ते पर चर्चा करना है। "पवन-ऊर्जा: पॉवरिंग द फ्यूचर ऑफ इंडिया" के केंद्रीय विषय के साथ, इस कार्यक्रम ने 'बिजली की मांग को पूरा करने में पवन ऊर्जा की भूमिका', 'भारत में तटवर्ती पवन ऊर्जा अपनाने में तेजी लाना' के आसपास पैनल चर्चा सफलतापूर्वक आयोजित की।
भारत में पवन ऊर्जा उत्पादन का चार दशकों से अधिक का इतिहास रहा है। मई 2024 तक 46.4 GW की संचयी स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता के साथ, यह दुनिया में चौथा सबसे बड़ा बनने के लिए प्रगति कर रहा है। इस कार्यक्रम में पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए उत्पादन क्षमता, चुनौतियों और व्यवहार्य तरीके पर चर्चा की गई जो राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित प्रतिबद्धताओं (एनडीसी) को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। पवन ऊर्जा 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से अपनी विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता का 50% और 2070 तक शुद्ध शून्य प्राप्त करने के भारत के प्रयासों के लिये महत्त्वपूर्ण है।
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