Integral Rail Factory: भारत की चार रेलवे रेक बनाने वाले कारखानों में से पहला और दुनिया का सबसे अधिक रेलवे कोच उत्पादन कर्ता, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री 1955 से भारतीय रेलवे की प्रगति में एक अहम् योगदान दे रहा है| हाल ही में (मई 2022) इसने 12000वां LHB कोच बनाकर एक नई उपलब्धि हासिल करी| आइये जानते हैं कहाँ पर है यह इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF, Railway located at):
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई (ICF) कहाँ पर है?
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री स्वतंत्र भारत की शुरूआती कोच उत्पादन इकाइयों में से एक है, जो तमिल नाडु के पेरुम्बुर , चेन्नई में स्थित है| इसका उद्घाटन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 02 अक्टूबर 1955 को किया था| बाद में 02 अक्टूबर 1962 को इसकी फर्निशिंग डिवीज़न का उद्घाटन किया गया, जिससे पूरी तरह से तैयार हुए डब्बों का उत्पादन तेजी से बढ़ गया| 511 एकड़ में फैले इस कोच फैक्ट्री में 9500 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं और हर साल 4000 से अधिक कोचों को चालु करने का कार्य किया जाता है, जिनमें पारम्परिक और LHB और अन्य डिज़ाइन के स्वचालित कोच शामिल हैं|
ICF द्वारा बनाये जाने वाले कोच
ICF में पैसेंजर कोच (ए.सी और नॉन ए.सी स्लीपर और चेयर कार), लक्ज़री रेल के कोच, स्व-चालित ट्रेन शेल जैसे MEMU, EMU और DMU, भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन-18 के कोच और साथ ही निर्यात के लिए रेल कोचों का उत्पादन किया जाता है|
2018-2019 में, ICF ने भारत के पहले सेमी-हाई स्पीड ट्रेन सेट, ट्रेन 18 (वन्दे भारत एक्सप्रेस) को शुरू किया, जिसे भारत के प्रधानमंत्री ने नई-दिल्ली से वाराणसी के लिए रवाना किया था| वन्दे भारत की दूसरी रेक भी ICF द्वारा मई 2019 में निकली गई| मेक इन इंडिया के तहत ICF द्वारा निर्मित और 80 प्रतिशत स्वदेशी इनपुट के साथ यह 16 कोच वाली रेलगाड़ी को 160 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम परिचालन गति के लिए डिज़ाइन किया गया है|
ICF द्वारा LHB प्लेटफार्म पर निर्मित दो नए डिज़ाइन "विस्टाडोम पर्यटक कोच" का 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ़्तार पर सफलता पूर्वक परिक्षण किया गया| भारत के प्रधानमंत्री ने विस्टाडोम कोच के साथ जुड़े जन शताब्दी एक्सप्रेस रेलगाड़ी को केवड़िया से अहमदाबाद के बीच शुभारम्भ किया|
वर्ष 2020-2021 में कोरोना काल के बावजूद 1954 कोचों का निर्माण किया जिसमें 7 विस्टाडोम टूरिस्ट कोच और 1209 LHB कोच शामिल हैं| मई 2022 में ICF ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में अपने 12000वें LHB कोच को हरी झंडी दिखाई|
ICF : एक कार्बन नेगेटिव जोन
ICF एक जीरो डिस्चार्ज ग्रीन वर्कशॉप है, जिसने अपनी औद्योगिक गतिविधि के कारण ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को पूरी तरह से निष्प्रभाव कर, कार्बन नेगेटिव स्थिति प्राप्त कर ली है| ICF ने तमिल नाडु के तिरुनेलवेली जिले में 10.5 मेगावाट की कुल क्षमता की सात पवनचक्की (विंडमिल) को स्थापित किया है| अपने इन प्रयासों के कारण ICF अपनी वर्कशॉप में इस्तेमाल होने वाली ऊर्जा खपत से अधिक अक्षय ऊर्जा और ग्रीन ऊर्जा का उत्पादन करता है|
ICF स्वतंत्र भारत का पहला आधुनिकृत कोच फैक्ट्री है, जहाँ आधुनिक तरीके से कोच का उत्पादन किया जाता है| पेरुम्बुर में स्थापित इस कोच फैक्ट्री ने न केवल रेलवे का आधुनिकरण किया बल्कि भारत को रेलवे के लिए सबसे एकल निर्यात के मार्ग दिखाए| आज यह विश्व का सबसे अधिक रेल पैसेंजर कोच उत्पादन करने वाला कारखाना है| समय के साथ कोचों की अधिक मांग होने के कारण दूसरे कोच फैक्ट्री की जरुरत महसूस हुई और वर्तमान में 04 रेलवे कोच कारखाने अस्तित्व में हैं|
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