Study Leave Rules in Railway | भारतीय रेलवे में स्टडी लीव के नियम

Study Leave in Railway : भारतीय रेलवे अपने कर्मचारियों को Study Leave में जाने की अनुमति देता है पर इसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं: 


स्टडी लीव किन कर्मचारियों को मिल सकती है 

  • भारतीय रेलवे सेवक को उच्च शिक्षा या किसी पेशेवर और तकनिकी प्रशिक्षण, जिसका रेलवे सेवा में उसके कार्य से संबंध है, के लिए स्टडी लीव दी जा सकती है| 
  • उस पढ़ाई के लिए भी कर्मचारी स्टडी लीव ले सकता है, जिसके अध्ययन से रेलवे के कर्मचारी के रूप में उसकी क्षमताओं में व्यापक बढ़ोतरी हो| 
  • लोक प्रशासन (पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन) से जुड़े अध्ययन के लिए स्टडी अवकाश ली जा सकती है| 
  • रेलवे कर्मचारियों के कर्तव्यों से सम्बंधित और जनहित के दृष्टिकोण से सरकार के लिए लाभप्रद अध्ययन के लिए भी रेल सेवक को स्टडी लीव प्रादन की जा सकती है|         
  • स्टडी लीव वह रेलवे कर्मचारी ले सकते हैं जिन्होंने संतोषजनक रूप से अपना प्रोबेशन पीरियड पूरा कर पाँच साल की सेवा रेलवे को दे दी हो| 
  • स्टडी लीव उन रेलवे कर्मचारियों को दी जाती है जिनकी सेवानिवृत्ति, छुट्टियां समाप्त होने के बाद ड्यूटी में आने के संभावित समय से तीन वर्ष से अधिक हो| और यह समय तीन वर्ष से अधिक होने पर भी रेलवे कर्मचारी ने छुट्टियां के बाद कम से कम तीन साल के लिए रेलवे को अपनी सेवा देने के लिए बॉन्ड भरा हो|      
  • शैक्षणिक या साहित्यिक विषय में अध्ययन के लिए स्टडी लीव की अनुमति नहीं मिलती|  


क्या भारत के बाहर अध्ययन के लिए जा सकता है रेलवे कर्मचारी 

  • भारत के बाहर अध्ययन के लिए जाने वाले रेलवे कर्मचारी को वित्त मंत्रालय से आज्ञा लेनी होती है|  

स्टडी लीव की अवधि 

  • स्टडी लीव पूरी सर्विस के दौरान अधिकतम 24 महीनों के लिए ली जा सकती है और एक बारी में यह 12 महीने तक ही मिल सकती है|  
  • एक्स्ट्रा आर्डिनरी लीव को छोड़कर अन्य प्रकार के अवकाश (LAP/LHAP) के साथ सयुंक्त रूप से पी.एच.डी करने वाले रेलवे कर्मचारी को 36 महीने (24 महीने स्टडी लीव + 12 महीने अन्य लीव) तक की अनुमति दी जा सकती है|       


कौन सैंक्शन करता है स्टडी लीव 

अध्ययन अवकाश देने के लिए प्राधिकृत अधिकारी इस प्रकार हैं:

  • भारत में या विदेश में दोनों ही केस में रेलवे मंत्रालय स्टडी लीव में जाने की परमिशन दे सकता है| 
  • भारत में अध्ययन के लिए ली जाने वाली स्टडी लीव को जोन के महा प्रबंधक द्वारा सैंक्शन कराया जा सकता है| 
  • ग्रुप सी और ग्रुप डी रेलवे कर्मचारियों को भारत में अध्ययन के लिए मिलने वाली स्टडी लीव हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट या डिवीजनल रेलवे मैनेजर(DRM) द्वारा सैंक्शन करवाई जा सकती है|   

   

स्टडी लीव के दौरान मिलने वाली लीव सैलरी 

  • विदेश में अध्ययन के लिए मिली स्टडी लीव के दौरान रेलवे कर्मचारी को छुट्टियों में जाने से ठीक पहले मिलने वाली पे और डी.ए के साथ नियमों के अनुसार मिलने वाला स्टडी अलाउंस मिलता है| 
  • भारत में अध्ययन के लिए मिली स्टडी लीव के दौरान रेलवे कर्मचारी को छुट्टियों में जाने से ठीक पहले मिलने वाली पे और डी.ए के बराबर सैलरी मिलती है| इस दौरान उसे किसी भी प्रकार का स्टडी अलाउंस नहीं मिलता| 
  • भारत में स्टडी लीव के दौरान रेलवे कर्मचारी को एक सर्टिफिकेट पेश करना होता है कि वह किसी भी प्रकार की स्कॉलरशिप, स्टिपेन्ड या पार्ट-टाइम एम्प्लॉयमेंट से फायदा नहीं ले रहा है| यदि वह इस प्रकार की स्कॉलरशिप, स्टिपेन्ड आदि का फायदा लेता है तो मिलने वाली राशि अवकाश वेतन के साथ समायोजित की जाती है|        


स्टडी लीव की अवधि में LAP और LHAP कमाई जा सकती है और इस अवकाश अवधि को वरिष्ठता और पदोनत्ति के लिए सर्विस में गिना जाता है|    

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