USBRL Project | जम्मू उधमपुर श्रीनगर बारामुला रेलवे प्रोजेक्ट की जानकारी

भारतीय रेलवे द्वारा जम्मू-कश्मीर केंद्र-शासित प्रदेश में बनाई जा रही महत्वाकांक्षी परियोजना- USBRL Project: (उधमपुर श्रीनगर बारामुला रेल लिंक प्रोजेक्ट) का कार्य अब अपने आखिरी फेज में पहुँच गया है| कश्मीर क्षेत्र को भारत के शेष भाग से जोड़ने के लिए बनाई जा रही यह परियोजना को इसी वर्ष में पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है| आइये जानते हैं USBRL प्रोजेक्ट की विशेष जानकारियां: 

usbrl project baramula railway
          

  1. USBRL फुल फॉर्म 
  2. USBRL प्रोजेक्ट: एक राष्ट्रीय प्रोजेक्ट 
  3. USBRL का कौनसा सेक्शन पूरा किया जा चूका है
  4. USBRL प्रोजेक्ट की मुख्य विशेषताएँ 
  5. USBRL प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति 
  6. USBRL प्रोजेक्ट के मुख्य ब्रिज और टनल  


USBRL Full Form: Udhampur-Srinagar-Baramula Rail Link  

USBRL प्रोजेक्ट: एक राष्ट्रीय प्रोजेक्ट 

भारत के जम्मू-कश्मीर क्षेत्र को एक वैकल्पिक और विश्वसनीय परिवहन प्रणाली देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने USBRL प्रोजेक्ट के तहत उधमपुर को कश्मीर घाटी के बारामुला से जोड़ने के लिए 272 किलोमीटर लम्बी रेलवे लाइन बिछाने की योजना बनाई| यह परियोजना भारतीय रेलवे द्वारा स्वतंत्रता के बाद बनाई जा रही सबसे चुनौतीपूर्ण कार्यों में से एक है| USBRL परियोजना की महत्वता को देखते हुए सन 2002 में इसे एक राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित कर दिया गया| 

हिमालय क्षेत्र के अत्यधिक कठिन पहाड़ी इलाकों से होती हुई इस USBRL परियोजना में बड़ी संख्या में पुलों और टनलों का निर्माण हुआ है| इस परियोजना में कई टनल बनाई जा रही हैं जिसमें से देश की सबसे लम्बी परिवहन सुरंग टी-49 (पुराना नाम) (12.75 किलोमीटर) इसी परियोजना का हिस्सा है| इसके साथ ही इस परियोजना में कई पुलों का भी निर्माण हुआ है, जिनमें विश्व का सबसे ऊँचा रेल ब्रिज- चिनाब पुल और भारत का पहला केबल रेल पुल- अंजी पुल शामिल है| 

usbrl project present status


USBRL का कौनसा सेक्शन पूरा किया जा चूका है

राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित होने के बाद उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना से कश्मीर क्षेत्र के बारामुला को रेल लाइन द्वारा उधमपुर से जोड़ने का कार्य चलता रहा और सेक्शन-वाइज इसका उद्घाटन भी होता रहा| सबसे पहले जम्मू से उधमपुर के 55 किलोमीटर के सेक्शन को देश के प्रधान मंत्री ने अप्रैल 2005 में जनता के लिए खोला| कश्मीर घाटी में 118 किलोमीटर लम्बे क़ाज़ीगुंड से बारामुला सेक्शन को तीन चरणों में खोला गया| 26 जून 2013 को बनिहाल से काजीगुंड के 18 किलोमीटर के सेक्शन को जिसमें 11.215 किलोमीटर की पीर पंजाल टनल शामिल है, देश को सौंपा गया| 04 जुलाई 2014 को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा उधमपुर से कटरा के 25 किलोमीटर सेक्शन का उद्घाटन किया|

कटरा से बनिहाल के 111 किलोमीटर सेक्शन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है| इस शेष भाग के बनिहाल से संगलदान सेक्शन में 16 फरवरी 2024 को सीआरएस सफलता पूर्वक पूरा कर लिया गया| अब बचे हुए भाग को इसी वर्ष मध्य तक पूरा होने की उम्मीद की जा रही है, जिसके बाद लोग कश्मीर घाटी का सफर रेल द्वारा कर सकेंगे|                   


USBRL प्रोजेक्ट की मुख्य विशेषताएँ 

उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना की कुछ मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

कुल लम्बाई 
272 किलोमीटर 
पुलों की संख्या 
931 
पुलों की लम्बाई (जोड़कर) 
13.008 किलोमीटर 
सबसे ऊँचा पुल 
चिनाब पुल (359 मीटर)*  
 सबसे बड़ा पुल स्पान 
467 मीटर (चिनाब पुल) 
सुरंगों की संख्या 
38 
सुरंगों की लम्बाई (जोड़कर) 
186.21 किलोमीटर (एस्केप टनल जोड़कर)    
 सबसे लम्बी सुरंग 
टी-49 (12.75 किलोमीटर)*   
 सबसे अधिक घुमाव 
4.86 डिग्री (कटरा-बनिहाल सेक्शन में)  

USBRL प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति

सेक्शन  (किलोमीटर) 
स्थिति  
उधमपुर से कटरा (25) 
पूरा हो चूका है-जुलाई 2014 में कमीशन    
कटरा से बनिहाल (111)  
कार्य प्रगति में 
बनिहाल से काजीगुंड (18) 
पूरा हो चूका है-जून 2013 में कमीशन  
काजीगुंड से अनंतनाग (18)  
पूरा हो चूका है-अक्टूबर 2009 में कमीशन 
अनंतनाग से माझोम (68) 
पूरा हो चूका है-अक्टूबर 2008 में कमीशन
माझोम से बारामुला (32)  
पूरा हो चूका है-फरवरी 2009 में कमीशन   

longest tunnel in india

USBRL प्रोजेक्ट के मुख्य ब्रिज और टनल

ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना में कई महत्वपूर्ण पुल और सुरंगें बनाई जा चुकी है और कई बनाई जा रही हैं| बनिहाल से काजीगुंड सेक्शन में बनी 11.215 किलोमीटर की पीर-पंजाल टनल भारत की सबसे लम्बी परिवहन टनल थी| लेकिन कटरा-बनिहाल सेक्शन में हाल ही में बनी टी-49 टनल (12.75 किलोमीटर) का कार्य पूरा होने पर यह सबसे लम्बी सुरंग होने का कीर्तिमान अपने नाम कर चुकी है| इसी तरह इस परियोजना में बन रहा चिनाब पुल पूरा होने पर विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे पुल (359 मीटर) बन जाएगा| इसी सेक्शन में बन रहा अंजी पुल भी एक बार पूरा होने पर भारत का पहला रेलवे केबल-स्टे ब्रिज कहलाया जाएगा|       

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