Indian Rail Coach Factory: भारतीय रेलवे प्रतिदिन करोड़ो यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुँचाने का कार्य करती है| यात्रियों को अपने गंतव्य स्टेशन तक पहुँचने के लिए सीटिंग क्लास, स्लीपर क्लास व ए.सी क्लास पर आरामदायक सफर की अनुभूति कराने के लिए अच्छे रेल कोच की आवश्यकता होती है| क्या आप जानते हैं कि भारतीय रेलवे में उपयोग आने वाले कोच कहाँ बनाये जाते हैं| आइये जानते हैं:
- इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई (ICF)
- रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला (RCF कपूरथला)
- मॉडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली
- मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री, लातूर
- रेल कोच नवीनीकरण कारखाना, सोनीपत
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई (ICF)
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई स्वतंत्र भारत की शुरूआती उत्पादन इकाइयों में से एक है| इसका उद्घाटन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 02 अक्टूबर 1955 को किया था| ICF एक जीरो डिस्चार्ज ग्रीन वर्कशॉप है, जिसने अपनी औद्योगिक गतिविधि के कारण ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को पूरी तरह से निष्प्रभाव कर, कार्बन नेगेटिव स्थिति प्राप्त कर ली है| वर्ष 2020-2021 में कोरोना काल के बावजूद इस कारखाने में 1954 कोचों का निर्माण किया गया जिसमें 7 विस्टाडोम टूरिस्ट कोच और 1209 LHB कोच शामिल हैं| 2018-2019 में, ICF ने ही भारत के पहले सेमी-हाई स्पीड ट्रेन सेट, ट्रेन 18 (वन्दे भारत एक्सप्रेस) को शुरू किया था| ICF चेन्नई की एक नई इकाई हल्दिया, पश्चिम बंगाल में बनाई जा रही है, इसका नाम ICF हल्दिया रखा गया है|
रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला (RCF कपूरथला)
1986 में पंजाब के कपूरथला में एक कोच फैक्ट्री स्थापित की गई, जिसका नाम रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला रखा गया| यह रेल कोच फैक्ट्री आधुनिक कोच फैक्ट्री के रूप में बनाई गयी जो अत्याधुनिक मशीनरी से लैस थी| यह इंडियन रेलवे का वह कोच कारखाना था जिसने टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के तहत वर्तमान में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रिक कोच का उत्पादन किया| इसके साथ RCF कपूरथला ने मीटर गेज की ट्रेनों को दूसरे देश में निर्यात करके उच्च राजस्व कमाया| RCF कपूरथला ही भारत की पहली कोच फैक्ट्री थी जिसने DRDE के सहयोग कोचों में बायो-वेस्ट के उपचार के लिए एक कम लागत वाली स्वदेशी तकनीक विकसित की| तेजस रेलगाड़ी के हाई स्पीड कोच का निर्माण इसी कारखाने में हुआ|
मॉडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली
रेल कोच कारखाना, रायबरेली की स्थापना IRCON द्वारा 2012 में की गई, जिसका बाद में नाम बदलकर मॉडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली रखा गया| इस कोच फक्ट्री में LHB कोच का निर्माण किया जाता है| मेक इन इंडिया के तहत MCF द्वारा एल्युमीनियम कोच बनाने का प्रस्ताव रखा गया है, जो 250 किलोमीटर प्रति घंटा की गति में संचालित होने में समर्थ होगी|
मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री, लातूर
मराठवाड़ा रेल कोच कारखाना, लातूर का निर्माण कार्य 2018 में शुरू हुआ जिसके बाद दो वर्षों के बाद 25 दिसंबर 2020 को यहाँ पर उत्पादन शुरू कर दिया गया| यह महाराष्ट्र के लातूर में स्थित है| इस फैक्ट्री को शुरूआती रूप से 250 रेलवे कोच प्रति वर्ष बनाने के लिए तैयार किया गया है जिसकी बाद में मांग अनुसार क्षमता में इजाफा किया जाएगा|
इन कोच फैक्ट्री के साथ भारत में रेल कोच के लिए आधुनिकरण और रखरखाव के लिए भी फैक्ट्री हैं जिनमें कैरिज रिपेयर वर्कशॉप, हुबली / कैरिज रिपेयर वर्कशॉप, हरनौत / कैरिज रिपेयर वर्कशॉप, मंचेस्वर / कैरिज रिपेयर वर्कशॉप, पारेल शामिल हैं| मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री में वन्दे भारत ट्रेन के स्लीपर संस्करण के निर्माण करने की योजना है|
रेल कोच नवीनीकरण कारखाना, सोनीपत
रेल कोच नवीनीकरण कारखाना, सोनीपत की आधारशिला माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में रखी थी| 535 करोड़ रूपए की लागत से तैयार और 161 एकड़ क्षेत्र में फैला यह कारखाना 90 से अधिक मशीनों से सुसज्जित है| इस कारखाने में ऊर्जा के सरंक्षण और हरियाले के उपाय भी किये गए हैं, जिसके लिए शेड की छतों पर 01 मेगावाट का सौर ऊर्जा सयंत्र और 20 हजार से अधिक पेड़ लगाए गए हैं| इस कारखाने में सौ वन्दे भारत ट्रेन के निर्माण की भी योजना है|
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