ICF और LHB कोच में क्या अंतर है और क्यों ICF ट्रेन कोच बदले जा रहे हैं

भारतीय रेलों में लगभग 70 सालों से ICF कोच का उपयोग किया जाता रहा है, लेकिन समय के साथ तकनीक और बेहतर और आरामदायक सफर को ध्यान में रखते हुए ICF कोचों का निर्माण बंद कर दिया गया है| वर्तमान में ICF कोच की जगह ले रहे हैं LHB कोच| आइये जानते हैं ICF और LHB कोच में क्या अंतर है और क्यों ICF ट्रेन कोच बदले जा रहे हैं| 

LHB vs ICF

ICF कोच 

  • ICF का फुल फॉर्म है Integral Coach Factory| ICF कोच का नाम इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के नाम पर ही पड़ा है जो पेरम्बूर, चेन्नई में स्थित है|   
  • ICF कोच भारत के पारम्परिक पैसेंजर कोच की तरह हैं जिसका उपयोग आज भी ज्यादातर मुख्य-लाइन ट्रेनों में किया जा रहा है| हालाँकि अब ऐसे कोचों का निर्माण बंद कर दिया गया है| 

इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ICF, चेन्नई के बारे में जानिये 

  • ICF कोच का डिज़ाइन इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई द्वारा स्विस कंपनी के सहयोग से 50 के दशक में विकसित किया गया था| भारत के पहले ICF कोच को 02 अक्टूबर 1955 में पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा हरी झंडी दिखाई गई| 
  • ICF कोच को नीले रंग से पेंट किया होता है| इस प्रकार के कोच 160 किलोमीटर प्रति घंटा की गति तक सुरक्षित दौड़ सकते हैं| 
  • ICF कोच में एयर ब्रेक सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे रफ़्तार पर चल रही रेलगाड़ी को अचानक रोकने में ज्यादा समय लगता है|   
  • ICF कोच को माइल्ड स्टील से बनाया जाता है| चलने पर इस प्रकार के रेल डब्बों से 100 डेसिबेल की आवाज़ आती है, जिससे यात्रियों को ध्वनि प्रदुषण से असुविधा होती है| 
  • ICF कोच को LHB की तुलना में ज्यादा रखरखाव की जरुरत पड़ती है| 

  

LHB कोच 

  • LHB कोच का फुल फॉर्म है Linke Hofmann Busch| LHB कोच को जर्मनी की Linke Hofmann Busch कंपनी द्वारा विकसित किया गया था, इसलिए इन कोच को LHB कोच कहा जाता है| 
  • LHB कोच को सन 2000 से भारत में इस्तेमाल किया जा रहा है| पहले 24 LHB कोचों का जर्मनी से आयात हुआ था पर बाद में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के बाद इन कोचों का निर्माण भारत की RCF कपूरथला में होने लगा| आज के समय में LHB कोच भारत की सभी रेल रेक उत्पादन निर्माता फैक्ट्री में बनाए जाते हैं| 
difference between icf and lhb coaches

  

  • LHB कोच 160 किलोमीटर प्रति घंटा के लिए डिज़ाइन किये गए हैं, हालाँकि यह 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार पकड़ सकते हैं| 
  • LHB कोच को स्टेनलेस स्टील से और इसका इंटीरियर एल्युमीनियम से बनाया जाता है, जिससे इसका वजन भी हल्का होता है और कम रखरखाव लागत लगती है| 
  • LHB कोच में डिस्क ब्रेक का उपयोग होता है जिससे अचानक ब्रेक लगने पर रेलगाड़ी कम समय और कम दुरी पर रुकने में सक्षम होती है|     


difference between LHB and ICF

  • इस प्रकार के आधुनिक कोचों में हाइड्रोलिक सस्पेंशन होता है,  इनसे केवल 60 डेसिबेल की आवाज़ होती है|  
  • LHB कोच वाली रेल गाड़ियों में एक जनरेटर बोगी लगाई जाती है जिससे रेल को बिजली मिलती है|    
  • LHB कोच को लाल और सिल्वर रंग से रंगा जाता है| इन कोचों में ICF की तुलना कम रखरखाव लागत लगती है| 
  • LHB कोच को एंटी-टेलीस्कोपिक तकनीक से इन ट्रेनों के टकराने पर यह पलटते नहीं है| साथ ही ICF कोच की तुलना में LHB कोच अधिक क्षमता वाले होते हैं|   


why ICF coaches stopped


भारत में ICF कोच का निर्माण लगभग 70 सालों से किया जा रहा था जबकि LHB कोच सन 2000 में ही भारत में बनना शुरू हुए| ICF कोच का उत्पादन अब पूरी तरह से बंद कर दिया गया है और 19 जनवरी 2018 को आखरी ICF कोच को रवाना किया गया| वर्तमान में चल रहे सभी ICF कोचों को उनकी मानकों अनुसार लाइफ के पुरे होने पर और उनकी जगह LHB कोच द्वारा लेने पर रिटायर कर दिया जाएगा| 

उपरोक्त सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए ICF कोच को LHB कोच से बदला जा रहा है| भारतीय रेलवे द्वारा ICF कोच के बदले LHB कोच के इस्तेमाल का मुख्य कारण अधिक सुरक्षा और सहूलियत प्रदान करना है|       

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