भारत के जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना में बन रहे चेनाब पुल (Chenab Bridge) का निर्माण कार्य हर भारतीय के लिए गौरवान्वित करने वाला है| विश्वभर में इस अजूबे का बेसब्री से इन्तजार हो रहा है| यह एक स्टील आर्च ब्रिज है जिसके आर्च वाले हिस्से को जोड़ने का कार्य अपने अंतिम चरण में है| आइये जानते हैं इस मानव चमत्कार की कुछ विशेषताएं:
1. चेनाब पुल (Chenab Bridge) का निर्माण पूरा होने पर यह दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे पुल (World's Highest Railway Bridge) होगा| जी हाँ, रेलवे पुल | अगर दुनिया के सबसे ऊँचे पुल की बात करें तो यह है "ड्यूग ब्रिज" (Duge Bridge),चीन, जिसकी ऊंचाई 565 मीटर है| चेनाब पुल की ऊंचाई नदी तल से 359 मीटर होगी, और एक बार बन जाने पर यह चीन के "नाजीहे रेलवे आर्च पुल" (Najiehe Railway Bridge) को पीछे छोड़ देगा, जिसकी ऊंचाई 310 मीटर है|
2. चेनाब पुल की कुल लम्बाई 1315 मीटर होगी, जिसमें से 530 मीटर वायाडक्ट (जमीन के ऊपर पुल) और शेष भाग(785 मीटर) मुख्य पुल (चेनाब वैली पर) होगा|
3. चेनाब पुल (Chenab Bridge) को अगले 120 वर्षो के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसका मतलब यह एक सदी से अधिक समय तक बड़ी आसानी से भारतीय रेलवे को अपनी सेवाएं देगा|
4. चेनाब पुल का डिज़ाइन 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रेल रफ़्तार के लिए किया गया है|
5. चेनाब पुल का मुख्य आर्च स्पान 467 मीटर है, जो भारतीय रेल का सबसे लम्बा स्पान वाला आर्च ब्रिज होगा|
6. यह पुल भूकंपीय क्षेत्र पांच (V) के लिए डिज़ाइन किया गया है| हालाँकि जम्मू कश्मीर का यह क्षेत्र जोन IV में आता है|
7. चेनाब पुल (Chenab Bridge) का निर्माण यहाँ बहने वाली हवा की तीव्र गति के हिसाब से किया जा रहा है| इसकी डिज़ाइन विंड वेलोसिटी (Wind Velocity) 266 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गयी है|
8. चेनाब पुल को दो ट्रैक (Double track) के लिए बनाया जा रहा है|
9. चेनाब पुल को इंक्रीमेंटल लॉन्चिंग (Incremental Launching- Push/Pull method) से लांच किया गया है| इसकी एक विशेषता यह भी है कि इस तरीके से लॉन्च करते हुए इसे एक कर्व (curve) में भी धकेला गया है| इस तरह का कार्य उच्च कोटि की इंजीनियरिंग का एक नमूना है|
10. चेनाब पुल में कुल मिलाकर 18 खम्बे (pier/column) हैं, जिसके बीच में 17 स्पान आते हैं| सबसे ऊँचा कंक्रीट पियर (pier) 49.343 मीटर का है और सबसे ऊँचा स्टील पियर (pier) 130.734 मीटर है|
11. चेनाब नदी पर बन रहे इस ब्रिज में 27,051 टन स्टील की खपत होगी|
12. दुनिया के सबसे ऊँचे इस पुल को DRDO की मदद से ब्लास्ट लोड के लिए भी डिज़ाइन किया गया है|
13. स्टील ब्रिज होने के कारण इस पुल को जोड़ने के लिए विश्व स्तरीय वेल्डिंग को उपयोग में लाया गया| वेल्डिंग की गुणवत्ता की जांच के लिए भारतीय रेल में पहली बार फेज्ड ऐरे अल्ट्रासोनिक टेस्टिंग का इस्तेमाल किया गया है|
इंजीनियरिंग की मिसाल बन रहे इस ब्रिज के निर्माण का कार्य "उत्तर रेलवे" ने "कोंकण रेलवे" को सौंपा है, जिसने आगे इसे "एफकोन्स " कंपनी को दिया है| 15 मार्च 2021 को रेल मंत्री पियूष गोयल ने ट्वीट करके आर्च सेगमेंट के निचे वाले हिस्से की जुड़ने की जानकारी दी थी| 05 अप्रैल 2021 को वीडियो कंफ़ेरन्सिंग के जरिये जुड़ कर वह आर्च के जुड़ने वाले ऐतिहासिक पल के गवाह बने थे| अब इस ब्रिज के डेक लॉन्चिंग का कार्य भी पूरा होने जा रहा है| 13 अगस्त 2022 को ब्रिज के कौड़ी और बक्कल छोरों से धकेले जा रहे सेगमेंट को जोड़ा गया था|
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