World Music Day 2024: कहते हैं संगीत की कोई एक भाषा नहीं होती, यह तो यूनिवर्सल है| एक मधुर और पसंदीदा धुन की आवाज जब कानों में पड़ती है तो उस जैसा एहसास हमें कहीं और नहीं मिल सकता| भारत में भी संगीत के बहुत दीवाने हैं| यहाँ के संगीत में शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, बॉलीवुड, रॉक एंड पॉप के कई किस्में शामिल है| भारत की शास्त्रीय संगीत परंपरा का शताब्दियों पुराना इतिहास रहा है| इसी कारण भारत में संगीत सामाजिक-धार्मिक जीवन के अभिन्न अंग के रूप में स्थापित हुआ है| भारत समेत विश्व भर में साल में एक दिन विश्व संगीत दिवस के रूप में मनाया जाता है| आइये जानते हैं विश्व संगीत दिवस कब है (World Music Day 2024 Date) और क्या है इस वर्ष की थीम (World Music Day 2024 Theme):
कब मनाया जाता है वर्ल्ड म्यूजिक डे (World Music Day is celebrated on)
वर्ल्ड म्यूजिक डे (World Music Day) यानि विश्व में संगीत दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है| इस दिन कई संगीत के कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जहाँ किसी शहर या देश के नागरिक को अपनी प्रतिभा को सार्वजनिक जगहों पर प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है| विश्व में पहली बार सन 1982 में पेरिस में संगीत का एक दिन मनाया गया जिसमें पुरे दिन संगीत के ही समारोह का आयोजन हुआ| इसका आयोजन गर्मियों के सक्रांति के दिन यानी 21 जून को फ्रांस के सांस्कृतिक मंत्री जैक और मौरिस फ्लॉरेट द्वारा किया गया था| बाद में इस दिन की लोकप्रियता के कारण यह विश्व के 120 से अधिक देशों में मनाया जाने लगा| ज्ञात को इसी दिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया जाता है|
विश्व संगीत दिवस की शुरुआत कैसे हुई
असल में विश्व संगीत दिवस की शुरुआत फ्रांस देश में हुई| अक्टूबर 1981 में फ्रांस के तत्कालीन सांस्कृतिक मंत्री जैक लैंग के अनुरोध पर मौरिस फ्लॉरेट को सांस्कृतिक मंत्रालय में संगीत और नृत्य का निर्देशक बनाया गया| उन्होनें संगीत के अभ्यास और इसके विकास के लिए बहुत काम किया| 1982 में जब एक अध्ययन से वह रूबरू हुए कि फ्रांस का हर दूसरे युवा का किसी न किसी रूप से संगीत से जुड़ाव है, तो वह लोगों की इस रूचि को दुनिया के सामने रखने का सपना देखने लगे| और यह पहली बार 1982 में ही पेरिस में "फेते डे ला मसिक" के रूप में हुआ, जिसका अर्थ है म्यूजिक फेस्टिवल या संगीत उत्सव|
क्या मकसद था "फेते डे ला मसिक" मनाने का
इस उत्सव का उद्देश्य दो तरीकों से संगीत को बढ़ावा देना था| एक तो शौकिया और पेशेवर, दोनों तरह के संगीतकारों को सड़कों पर दिल खोल कर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करना| दूसरा इस दिन फ्री संगीत कार्यक्रमों का आयोजन करना, जिससे हर किस्म का संगीत जनता की पहुँच तक आ सके|
21 जून को हर फ़्रांसीसी कुछ-न-कुछ गाने, या वाद्य बजाने, थिरकने या तो सिर्फ थिरकने के लिए ही सड़क पर उतर आता है| क्या बच्चे, क्या बूढ़े हर कोई मस्ती में नाचता-गाता दिखाई पड़ता है और इस प्रकार हर किसी संगीतप्रेमी का जूनून इस दिन देखते ही बनता है|
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