विश्व हाथी दिवस (World Elephant Day 2023) का महत्व और उद्देश्य

12 अगस्त: विश्व हाथी दिवस (World Elephant Day)

World Elephant day

'विश्व हाथी दिवस' (World Elephant Day) हर साल 12 अगस्त को मनाया जाता है| इस अंतराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम से लोगों और संगठनों को उन खतरों से सूचित किया जाता है जिससे हाथियों को दिन-प्रतिदिन सामना करना पड़ता है| हालाँकि लोगों के बीच हाथियों के प्रति प्यार और स्नेह स्वयं दिखाई देता है फिर भी इन्हें विलुप्त होने से बचाने के लिए विशेष देखरेख की जरुरत है| प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को पूरी दुनिया में विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है जिससे पृथ्वी की सबसे प्रतिष्ठित प्रजातियों में से एक का संरक्षण करने में मानव जाति की सामूहिक प्रतिज्ञा की पुष्टि की जा सके| भारत में, हाथियों को राष्ट्रीय विरासत पशु के रूप में देख जाता है और वे हमारी संस्कृति प्रमुख हिस्सा हैं|


विश्व हाथी दिवस कब से मनाते हैं (World Elephant Day)

सन 2011 में 'पेट्रीसिया सिम्स' और 'माइकल क्लार्क', (कनाडा के दो फिल्म निर्माताओं) और 'सिवापॉर्न डार्डरानंद' 'एलीफैंट री-इंट्रोडक्शन फाउंडेशन' के महासचिव ने विश्व हाथी दिवस मनाने की कल्पना की| आधिकारिक तौर पर 'विश्व हाथी दिवस' की 12 अगस्त 2012 को स्थापना 'पेट्रीसिया सिम्स' और 'एलीफैंट री-इंट्रोडक्शन फाउंडेशन' द्वारा की गई| तब से हर साल 12 अगस्त को यह दिन मनाया जाता है जिसे आज विश्वभर के कई हस्तियों और वन्यजीव संघठन द्वारा समर्थन मिल चुका है| यह खास दिन लोगों को हाथियों के सरंक्षण और सुरक्षा के लिए किये गए और आवश्यकता अनुसार किये जाने वाले कार्यों का स्मरण कराता है|       
world elephant day 2023

विश्व में हाथियों की प्रजाति को खतरा 

आई.यु.सी.एन (International Union for conservation of nature) द्वारा प्रजातियों के खतरे की लाल सूची में अफ्रीकन और एशियाई हाथियों को लुप्तप्राय (Vulnerable and Endangered) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है| इनकी खस्ता हालत की वजह अनेक प्रकार के कारणों से है जैसे-
  • हाथी दांतों की तस्करी के लिए इन्हें मारना 
  • मानव द्वारा जंगलों में अतिक्रमण 

विश्व हाथी दिवस मनाए जाने का उद्देश्य (World Elephant Day Significance)     

पृथ्वी पर हर प्राणी के रहने का अधिकार है, लेकिन मानव प्रजाति अपना वर्चस्व कायम करने के लिए प्रकृति के नियमों का अनदेखा करती रहती है| भारत में भी एक रिपोर्ट अनुसार मात्र 29 हज़ार हाथी ही बचे हैं जो कुछ समय पहले लाखों में हुआ करते थे| विश्व हाथी दिवस जैसे अंतराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम हमें यह आभास कराते हैं कि जाने-अनजाने हम विशालकाय जानवर पर जुर्म कर रहे हैं और केवल जंगल ही हाथी का प्राकृतिक आवास है|  
vishwa hathi diwas 2023

भारत में हाथियों का अस्तित्व (Asian Elephant in India)

विश्व के करीब पचास-साठ हज़ार एशियाई हाथियों का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा भारत में रहता है| इसका श्रेय 'प्रोजेक्ट एलीफैंट' जैसे अभियानों को जाता है| विश्व हाथी दिवस 2023 के अवसर पर भुवनेश्वर में आज एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारत में जंगली एशियाई हाथियों की सबसे बड़ी आबादी है और यह प्रजातियों के दीर्घकालिक संरक्षण के लिए मुख्य स्थान है| उन्होंने बल देकर कहा कि हाथी संरक्षण को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए स्थानीय समुदायों के साथ सक्रिय भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है| उन्होंने आगे कहा कि पिछले दो वर्षों में देश में हाथी रिजर्व नेटवर्क 76,508 किमी2 से बढ़कर 80,777 किमी2 हो गया है जिसमें 33 हाथी रिजर्व शामिल हैं| 2017 में की गई पिछली हाथी गणना में दर्ज 29,964 हाथियों की आबादी भारतीय संस्कृति में निहित वन्यजीव संरक्षण के जुनून की मात्रा बताती है| हमारे पास हाथियों और उनके आवासों की रक्षा के लिए कुछ बेहतरीन कानून हैं| हमारे पास सबसे अद्भुत लोग हैं जो हाथियों से प्यार करते हैं और उनकी पूजा करते हैं|

आगे भी हाथियों के सरंक्षण के लिए कई कदम उठाए जाने की जरुरत है| भारत में वन्यजीव सरक्षण अधिनियम 1972 के तहत, किसी भी जंगल से जंगली जानवर को नहीं उठाया जा सकता| लेकिन जब यह कानून बना तब कैद में रह रहे हाथियों को इससे बाहर ही रखा गया| कैद में रह रहे हाथियों के लिए उनके मालिक को स्वामित्व प्रमाणपत्र देने की अनुमति मिल गई| और शायद इसी कारण पिछले वर्षों में 'विनायकी हाथी', 'लक्ष्मी हाथी' (2020) की दुखद खबरें सुनने को मिली थी| हालाँकि नए हाथियों को पकड़कर और स्वामित्व प्रमाण पत्र बनाकर लगाए गए कानून का दुरुपोग किया जाता है| यह कानून बेतुका चौराहे पर खड़ा दिखाई पड़ता है, क्यूंकि कई सौ जानवरों में से केवल हाथी को राष्ट्रीय विरासत पशु अनुसूची 1 के तहत, निजी व्यक्ति द्वारा क़ानूनी रूप से स्वामित्व में रखा जा सकता है|

विश्व हाथी दिवस 2023 (World Elephant Day 2023)

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विश्व हाथी दिवस के अवसर पर हाथी संरक्षणवादियों के प्रयासों की सराहना की| वर्ष 2022 में भी प्रधानमंत्री ने 8 वर्षों में एलीफैंट रिज़र्व की संख्या में वृद्धि पर भी प्रसन्नता व्यक्त की थी| ट्वीट के माध्यम से अपनी बात रखते हुए उन्होनें लिखा था-"#WorldElephantDay पर, हाथी की रक्षा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए| आपको यह जानकर खुशी होगी कि भारत में सभी एशियाई हाथियों का लगभग 60% हिस्सा है| पिछले 8 वर्षों में हाथी रिजर्व की संख्या बढ़ी है| मैं हाथियों की रक्षा में शामिल सभी लोगों की भी सराहना करता हूं|" ज्ञात हो भारत में 31 हाथी रिजर्व हैं| पिछले 3 वर्षों में कर्नाटक राज्य द्वारा दांडेली हाथी रिजर्व, नागालैंड द्वारा सिंगफान हाथी रिजर्व और छत्तीसगढ़ में लेमरू हाथी रिजर्व को अधिसूचित किया गया है| 

एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, ''विश्व हाथी दिवस पर, हम हाथी की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं, जो भारत की समृद्ध प्राकृतिक विरासत से बहुत निकटता से जुड़ा हुआ है| मैं इस दिशा में काम करने वाले सभी लोगों की भी सराहना करता हूं|" इस मौके पर प्रधानमंत्री ने मुदुमलाई टाइगर रिजर्व की कुछ झलकियां साझा की| 

परियोजना हाथी (Project Elephant)

भारत में फरवरी 1992 में हाथियों के सरंक्षण के लिए "Project Elephant" नामक एक वन्यजीव सरक्षण परियोजना शुरू की गई, जिसका उद्देश्य हाथियों, उनके आवास और गलियारों की सुरक्षा के लिए देश में हाथी बहुल्य राज्यों को वित्तीय और तकनिकी सहायता प्रदान करना था|    

हम अपने जहन में भी हाथी जैसे जानवर को जंगल के वन्य जीवों की कल्पना से अलग नहीं रख सकते| आज साथ मिलकर हाथियों के लिए बेहतर सुरक्षा की दिशा में काम करने की जरुरत है| इसका सबसे अच्छा तरीका अपने साथ दूसरों को इस शानदार जानवर के प्रति शिक्षित करना और इनके मुद्दों को समाज में उठाना है| भारत जैसे देश में तो 'गजराज' (हाथी) को पूजा भी जाता है तो इनके लिए काम करने में असमंजस क्यों?         

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