Uttarakhand Harela Festival -हरेला त्यौहार -Happy Harela festival 2024

हरेला त्यौहार-Harela Festival 2024

हरेला- नाम से ही पता चल जाता है कि इसका सम्बन्ध हरियाली से है| हरेला एक हिन्दू त्यौहार है जो उत्तराखंड के कुमाऊँ छेत्र में प्रति वर्ष बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है| 

happy harela festival 2022 harela images


हरेला त्यौहार (Harela festival 2024) कब मनाया जाता है 

यूँ तो भारत में ज्यादातर हिन्दू धर्म के त्यौहार चंद्र कैलेंडर (जैसे विक्रम संवत) से सम्बन्ध रखते हैं, तभी  ग्रेगोरियन कैलेंडर में इनकी तारीख बदलती रहती है| लेकिन हरेला त्यौहार श्रावण महीने में कर्क सक्रांति के दिन मनाया जाता है, जो चंद्र की चाल पर निर्भर ना होकर, पृथ्वी से सूरज की दिशा पर निर्भर होता है| इसलिए यह हर साल 16 या 17 जुलाई को ही पड़ता है| इस दिन सूरज कर्क राशि में प्रवेश करता है|      

हरेला फेस्टिवल 2024- Harela festival 2024 date 

इस साल सूरज कर्क राशि में 16 जुलाई 11:20 बजे प्रवेश करेगा| इसलिए उत्तराखंड में हरेला भी इसी दिन मनाया जाएगा|     


कैसे मनाते हैं हरेला पर्व (Harela Festival 2024) 

हरेला त्यौहार से नौ दिन पहले हरेला बोने के लिए साफ़ मिट्टी खोदकर सुखाई जाती है| फिर किसी पात्र या टोकरी में मिटटी डालकर सात प्रकार के बीज जैसे गेहूं, जौ, धान, गहत, उड़द, सरसों, मक्का आदि बो दिए जाते हैं| फिर अगले नौ दिनों तक प्रतिदिन सुबह और शाम की पूजा के वक्त इसमें पानी डालकर देखरेख की जाती है| नौवे दिन हरेले की गुड़ाई की जाती है| 

मान्यता यह है कि जितना अच्छा हरेला होगा उतना ही अच्छी फसल होगी| साथ ही भगवान् से प्राथना भी की जाती है कि उनकी फसल अच्छी हो| दसवे दिन हरेले को काटकर सर्वप्रथम मंदिर में चढ़ाया जाता है तथा स्थानीय देवता जैसे गोलू देवता, भूमिया देवता आदि मंदिरों में भी जाकर हरेले को चढ़ाया जाता है| इस दिन घर पर पकवान भी बनाये जाते हैं| बड़ों द्वारा हरेला चढ़ाते वक्त दीर्घायु और बुद्धिमता का आशीर्वाद देते हुए लोकगीत (Harela song) गया जाता है 

"जी रया जागि रया, यों दिन महैंण भेट्नै रया  
आकाश जस उच्च,धरती जस चाकव है जया, 
स्यावै क जैस बुद्धि, स्यू जस तराण है जौ, 
सिल पिसी भात खाया,
जांठि टेकि भैर जया, दूब जैसी फैलि जया.... "   

आज भी पहाड़ो में बड़ों की कृपा से उत्तराखंड का लोकपर्व बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है| इस दिन घर से बहार रह रहे बच्चों को भी हरेला भेजा जाता है| इस दिन नवविवाहित महिला भी अपने मायके आकर हरेला त्यौहार मनाती हैं| कई स्थान पर हरेले के पावन पर्व पर मेले का भी आयोजन होता है|                  

happy harela festival 2020

मानव और प्रकृति के परस्पर प्रेम को दर्शाता यह पर्व हरियाली का प्रतीक है|

नीम करोली बाबा का कैंची धाम आश्रम

हरेला त्यौहार 2024 (Harela Festival 2024 Theme)

पिछले साल मुख्यमंत्री धामी ने हरेला समारोह का विषय "हर जिले में जल संसाधनों, नदियों, नालों और धाराओं का पुनरुद्धार" घोषित किया था| उन्होनें कहा-"विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच हमेशा संतुलन होना चाहिए| यह सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध वातावरण मिले|" उन्होनें श्रावण माह में उत्तराखंड में मनाया जाने वाला हरेला पर्व को एक अनूठा त्योहार बताया जो पर्यावरण संरक्षण को संस्कृति से जोड़ता है| 

For important days of other maah, please click the following month:
हिन्दू कैलेंडर के महीनों के महत्वपूर्ण दिनों के लिए क्लिक करें-

Post a Comment

0 Comments