Bhadrapada - भाद्रपद
सनातन संस्कृति के कैलेंडर (या पंचांग या संवत) में भाद्रपद को साल का छठा महीना माना जाता है| यह ग्रेगोरियन कैलेंडर के अगस्त-सितम्बर में पड़ता है| इस साल 2024 में 'विक्रम संवत' (calendar) का 2081वा साल और 'शक संवत' के हिसाब से 1946वा साल का आरम्भ हुआ है| विक्रम संवत के अनुसार श्रावण महीने में पूर्णिमा के बाद वाली प्रतिपदा, भाद्रपद मास की पहली तिथि होती है|
भाद्रपद मास का नक्षत्र (Bhadrapad month)
श्रावण मास को यह नाम 'पूर्वाभाद्रपद' और 'उत्तराभाद्रपद' नक्षत्र की वजह से मिला है| 'पूर्वाभाद्रपद' और 'उत्तराभाद्रपद' हिन्दू पंचांग की काल गणना में उपयोग में आने वाले 27 नक्षत्रों में से 25वा और 26वा नक्षत्र है|
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भाद्र का अर्थ 'कल्याण करने वाला' और भाद्रपद को भद्र परिणाम देने वाले व्रतों का माह बताया गया है| मान्यतानुसार भाद्रपद महीना चतुर्मास के चार पवित्र महीनों में से दूसरा महीना है जिसे आम भाषा में भाद्र, भादवा या भादो भी कहते हैं|
भादो माह का महत्व
भाद्रपद महीने में सनातन धर्म के अनेक पर्व आते हैं| गणेश चतुर्थी, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव और कलंक चतुर्थी का पर्व इसी महीने मनाया जाता है| भादो माह में स्नान, दान तथा व्रत करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नाश हो जाते हैं|
इस महीने में नए घर का निर्माण, विवाह आदि कार्य शुभ नहीं माने जाते और इन लोक व्यवहार के कार्यों में मनाही के कारण इस माह को शून्य मास भी कहते हैं|
भाद्रपद महीने की महत्वपूर्ण तिथियां (Important Days in Bhadrpad Month)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भाद्र का अर्थ 'कल्याण करने वाला' और भाद्रपद को भद्र परिणाम देने वाले व्रतों का माह बताया गया है| मान्यतानुसार भाद्रपद महीना चतुर्मास के चार पवित्र महीनों में से दूसरा महीना है जिसे आम भाषा में भाद्र, भादवा या भादो भी कहते हैं|
भादो माह का महत्व
भाद्रपद महीने में सनातन धर्म के अनेक पर्व आते हैं| गणेश चतुर्थी, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव और कलंक चतुर्थी का पर्व इसी महीने मनाया जाता है| भादो माह में स्नान, दान तथा व्रत करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नाश हो जाते हैं|
इस महीने में नए घर का निर्माण, विवाह आदि कार्य शुभ नहीं माने जाते और इन लोक व्यवहार के कार्यों में मनाही के कारण इस माह को शून्य मास भी कहते हैं|
भाद्रपद महीने की महत्वपूर्ण तिथियां (Important Days in Bhadrpad Month)
विक्रम संवत के श्रावण (सावन) महीने की पूर्णिमा के बाद ही भाद्रपद( भादो) मास का आरम्भ होता है| आइये जानते हैं भादो मास की कुछ महत्वपूर्ण तिथियां|
तिथि | महत्वता |
---|---|
प्रतिपदा (कृष्ण पक्ष) |
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द्धितीया | |
तृतीया | कजरी तीज (Kajri Teej) |
चतुर्थी | संकष्टी चतुर्थी व्रत (Sankashti Chaturthi Vrat) |
पंचमी | |
षष्ठी | |
सप्तमी | |
अष्टमी | जन्माष्टमी (Janmashtmi) |
नवमी | |
दशमी | |
एकादशी | आनन्दा एकादशी (Ananda Ekadashi) |
द्धादशी | |
त्रयोदशी | |
चतुर्दशी | |
अमावस्या | भाद्रपद अमावस्या (Bhadrapad Amavasya) पिठोरी अमावस्या (Pithori Amavasya) |
प्रतिपदा (शुक्ल पक्ष) | |
द्धितीया | |
तृतीया | हरतालिका तीज (Hartaalika Teej) |
चतुर्थी | गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) |
पंचमी | |
षष्ठी | |
सप्तमी | |
अष्टमी | राधा अष्टमी (Radha Ashtami) महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) |
नवमी | |
दशमी | |
एकादशी | परिवर्तनी एकादशी (Parivartani Ekadashi) |
द्धादशी | |
त्रयोदशी | |
चतुर्दशी | अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) |
पूर्णिमा | श्राद्ध (Shradhh) |
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