09 Jan: Pravasi Bhartiya Diwas - NRI Day - प्रवासी भारतीय दिवस
प्रवासी भारतीय दिवस (NRI Day) एक ऐसा दिन है जो विदेश में रह रहे भारतीय समुदाय के योगदान को चिन्हित करने के लिए 9 जनवरी को उत्सव के रूप में मनाते हैं| यह उस दिन का भी स्मरण कराता है जब महात्मा गाँधी कई साल साउथ अफ्रीका में रहने के बाद वापस भारत (मुंबई) लौटे थे|
प्रवासी भारतीय कौन हैं (Who are NRIs)
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार, एक भारतीय नागरिक जो रोजगार के लिए विदेश में बस गया है और एक वित्तीय वर्ष में 240 दिनों से अधिक समय से शारीरिक रूप से देश में मौजूद नहीं है, उसे अनिवासी भारतीय माना (NRI-Non-Resident Indians) जाता है| पहले यह सीमा 182 दिनों की थी जिसे 2020 के केंद्रीय बजट में 240 दिन करके नई परिभाषा दी गई|
ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ़ इंडिया (Overseas Citizenship of India) उन लोगों को दिया जाता है जो भारत से जाकर दूसरे देश में बस गया और उस देश की नागरिकता हासिल कर ली| यह पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों के अलावा सभी पर लागू होता है| यह उन लोगों पर लागू होता है जिनका गृह देश का कानून दोहरी नागरिकता की अनुमति देता है|
प्रवासी भारतीय दिवस का इतिहास (History of NRI Day)
8 जनवरी 2002 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को दिल्ली के विज्ञान भवन में एक सामाजिक समारोह में एल.एम.सिंघवी की अध्यक्षता में प्रवासी भारतियों पर तैयार एक रिपोर्ट प्राप्त होती है| जिसमें विदेश में रह रहे भारतियों के सम्मान में 'प्रवासी भारतीय दिवस' मनाने की सिफारिश की गई थी| प्रधानमंत्री जी ने 9 जनवरी 2002 को यह घोषणा कर दी कि इस दिन 'प्रवासी भारतीय दिवस' मनाया जाएगा क्यूंकि इस दिन का एक इतिहास भी रहा था| 9 जनवरी 1915 में ही महात्मा गाँधी साउथ अफ्रीका से वापस भारत लौटे थे|
फिर 2003 से प्रतिवर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय द्वारा किया जाता है| अक्टूबर 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने अगले साल 2016 में होने वाला प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम रद्द कर दिया और इसके फॉर्मेट में बदलाव करते हुए यह घोषणा करी कि अब से हर दूसरे साल इसे भारत के अलग-अलग राज्य में मनाया जाएगा|
प्रवासी भारतियों का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान (NRI's contribution to Indian economy)
प्रवासी भारतीय, भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं| यह पूंजी संशय, निवेश आदि से राष्ट्रीय बचत को मजबूती दे कर, आंतरिक रूप से रोजगार पैदा करते हैं जिससे बड़े पैमाने में भारतीय अर्थव्यवस्था को मदद मिलती है| 2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व बैंक ने भारत के रेमिटेंस (देश में आया पैसा-78 बिलियन डॉलर) को दुनिया में सबसे अधिक बताया| रेमिटेंस एक देश की साख की माप होती है, इसका मतलब वो अधिक धन उधार ले सकता है| यह भारतीय विदेशी मुद्रा भण्डार का 25 प्रतिशत तक है|
प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का उद्देश्य
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम होता है| यह विदेशों में रहने वाले भारतीयों के साथ जुड़ने और सम्पर्क स्थापित करने तथा प्रवासी भारतीयों को एक-दूसरे के साथ बातचीत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है| इसमें कोई शक नहीं की भारतीय मूल के प्रवासी विश्व के कोने-कोने में रहकर भी भारतीयता अपने दिल में रखते हैं| 9 जनवरी को 'प्रवासी भारतीय दिवस' मनाकर भारत को उन सभी के भारत के कल्याण और विकास के लिए किये गए योगदान को याद करने का मौका मिलता है|
क्षेत्रीय प्रवासी भारतीय दिवस (Regional Pravasi Bhartiya Diwas)
प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 तक भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है| और इस लक्ष्य को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सरकार ने विभिन्न कदम उठाए हैं| उसमें से एक प्रवासी भारतीय को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना भी है|
विदेश मंत्रालय समय-समय पर भारत के बाहर भारतियों से जुड़ने के लिए क्षेत्रीय प्रवासी भारतीय दिवस मनाता है| इससे वह उन्हें भारत की स्थिति, नीतियों और कार्यक्रमों से अवगत कराता है और भारत के विकास में योगदान देने और अपनी राय रखने का मौका उपलब्ध कराता है|
सुषमा स्वराज भवन (Sushma Swaraj Bhawan)
प्रवासी भारतीय पर बनी एल.एम.सिंघवी कमिटी ने जनवरी 2002 में सरकार से यह सिफारिश करी कि प्रवासी भारतियों को अपने लोगों और अपनी जन्मभूमि से जोड़ने की आवश्यकता है| इसके लिए उन्होनें प्रवासी भारतीय भवन बनाने का सुझाव दिया जो रिश्तों को नया आयाम देने में केंद्र बिंदु की तरह होगा|
इसपर उस समय के प्रधान मंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने नई दिल्ली में भवन को बनाने की घोषणा की| इसकी नीव 2011 के प्रवासी भारतीय दिवस में पी.एम डॉ मनमोहन सिंह ने रखी| अप्रैल 2013 में इसका निर्माण शुरू हुआ और भवन का उद्घाटन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गाँधी जयंती पर किया| बाद में पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देते हुए 'प्रवासी भारतीय केंद्र' का नाम बदलकर 'सुषमा स्वराज भवन' रख दिया गया|
प्रवासी भारतीय दिवस का लोगो
2016 में जब प्रवासी भारतीय दिवस को हर दो साल में मनाने की घोषणा हुई तब प्रवासी भारतीय दिवस सम्मलेन के लिए एक लोगो (प्रतीक) की आवश्यकता महसूस हुई| इसके लिए ऑनलाइन खुली प्रतियोगिता रखी गई जिसके विजेता देबाशीष सरकार को पुरुस्कृत किया गया| फिर इस लोगो को 14वे प्रवासी भारतीय दिवस अपना लिया गया|
प्रवासी भारतीय दिवस 2023 (Pravasi Bhartiya Diwas)
17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन मध्य प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी में 08-10 जनवरी 2023 तक इंदौर में आयोजित किया जा रहा है| इस पीबीडी सम्मेलन का विषय है "प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति में विश्वसनीय भागीदार"/ Diaspora: Reliable Partners for India's Progress in Amrit Kaal.
लगभग 70 विभिन्न देशों के 3,500 से अधिक प्रवासी सदस्यों ने पीबीडी सम्मेलन के लिए पंजीकरण कराया है| पीबीडी सम्मेलन के तीन खंड होंगे| 08 जनवरी 2023 को, युवा प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के साथ साझेदारी में होगा| युवा प्रवासी भारतीय दिवस पर ऑस्ट्रेलिया की सांसद महामहिम सुश्री ज़नेटा मैस्करेनहास सम्मानीय अतिथि होंगी|
भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 09 जनवरी 2023 को पीबीडी सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे और गुयाना सहकारी गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम डॉ. मोहम्मद इरफ़ान अली मुख्य अतिथि और सूरीनाम गणराज्य के माननीय राष्ट्रपति महामहिम श्री चंद्रिकाप्रसाद संतोखी विशेष सम्मानित अतिथि के रूप में सम्मेलन को संबोधित करेंगे|
आगामी 17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे चार साल के अंतराल के बाद और कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार वास्तविक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया जा रहा है|महामारी के दौरान 2021 में अंतिम प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन वर्चुअली आयोजित किया गया था| इस कार्यक्रम का पीबीडी की वेबसाइट पर सीधा वेब प्रसारण किया जाएगा http://www.pbdindia.gov.in और https://www.youtube.com/user/MEAIndia.
1.Where was 10th Regional Pravasi Bhartiya Diwas organised?
| "Singapore" It was organised in singapore at Marina Bay sands, on 6 & 7 January 2018. The theme of 2018 RPBD convention-"Ancient Route, New journey:Diaspora in the Dynamic India-ASEAN partnership" |
2.Where is Pravasi Bhartiya Diwas 2023 is being organised? | "Indore" Madhya Pradesh |
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