International Literacy Day 2024: साक्षरता दुःख में आशा की एक किरण है, यह किसी विकास का एक ढांचा है, यह लोकतंत्रीकरण का एक मंच है और यह ही मानव प्रगति का आखरी रास्ता है| साक्षरता पढ़ने और लिखने के लिए भाषा का उपयोग करने की एक क्षमता है| जहाँ बोलना और सुनना स्वाभाविक रूप से विकसित होता है हमें पढ़ने और लिखने की कला सीखनी पड़ती है|
अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस कब मनाया जाता है (International Literacy Day 2024 Date)
इंटरनेशनल लिटरेसी डे हर साल 8 सितम्बर को साक्षरता और कौशल को बढ़ावा देने, समर्थन करने के लिए और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लोगों तक पहुँचाने का प्रयास करने के लिए मनाया जाता है| यह दिन व्यक्तियों, समुदायों और समाजों को साक्षर होने के महत्व के प्रति जागरूक करता है और उन अभियानों का समर्थन करता है जिससे लोगों की साक्षारता वृद्धि में मदद होती है|
इंटरनेशनल लिटरेसी डे का इतिहास (International Literacy Day: History)
26 अक्टूबर 1966 को यूनेस्को के सामान्य सम्मलेन के 14वे सत्र में यूनेस्को द्वारा 8 सितम्बर को (International literacy day) अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने की घोषणा की गई| इसे पहली बार 1967 में मनाया गया| यूनेस्को दुनिया भर में साक्षरता में सुधार करने के लिए केंद्र रहा है इसी कारण वह सरकारों, स्थानीय समुदायों और विशेषज्ञों के साथ मिलकर साक्षरता दिवस को बढ़ावा देता है| हर साल बदलती दुनिया के साथ लोगों का साक्षरता की तरफ ध्यान केंद्रित करने के लिए वह अलग-अलग विचार लाता है|
भारत की साक्षरता (Literacy in India)
भारत में साक्षरता दर बहुत असमान है, इसलिए विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसकी दर में अंतर है| 2011 में हुई जनगणना के समय केरला की साक्षरता दर (93.91%) सबसे अधिक और बिहार (63.82%) की सबसे कम थी| भारत का कुल लिटरेसी रेट 74 प्रतिशत रहा था, जिसमें भी पुरुष(82.37 %) और महिलाओं(65.79 %) में काफी अंतर देखने को मिला|
अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2024 का विषय (International Literacy Day 2024 Theme)
इस वर्ष 2024 में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2024 की थीम "बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देना: आपसी समझ और शांति के लिए साक्षरता" है|
International Literacy Day 2024 is "Promoting Multilingual Education: Literacy for Mutual Understanding and Peace".
यह विषय संचार बढ़ाने और विविध संस्कृतियों के बीच आपसी समझ को प्रोत्साहित करने के लिए कई भाषाओं में शिक्षा प्रदान करने के महत्व पर प्रकाश डालता है| बहुभाषी शिक्षा का समर्थन करके, हम विभिन्न भाषाई और सांस्कृतिक समूहों के बीच अंतराल को पाट सकते हैं, शांति और एकता को बढ़ावा दे सकते हैं| यह दृष्टिकोण न केवल व्यक्तियों को उनकी मूल भाषाओं में शिक्षा तक पहुंचने में मदद करता है बल्कि सांस्कृतिक विविधता के लिए वैश्विक सहयोग और सम्मान को भी प्रोत्साहित करता है| अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2024 इन लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और दुनिया भर में अधिक समावेशी और प्रभावी साक्षरता कार्यक्रमों की दिशा में प्रयासों को प्रेरित करता है|
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2024 की प्रस्तावना के रूप में भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय 7 सितंबर, 2024 को “स्पेक्ट्रम ऑफ लिट्रेसी” विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। ये सम्मेलन सीआईईटी, एनसीईआरटी, नई दिल्ली से वर्चुअल तौर पर आयोजित किया जाएगा। आज की दुनिया में साक्षरता के विविध और विकसित आयामों का पता लगाने के लिए ये सम्मेलन वैश्विक और राष्ट्रीय विशेषज्ञों, शिक्षकों, नीति निर्माताओं और साक्षरता कार्यकर्ताओं को एक साथ लाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का वर्ष 2023 का विषय इस प्रकार था:
International Literacy Day 2023 Theme: "Promoting literacy for a world in transition: Building the foundation for sustainable and peaceful societies."
2022 Theme for International Literacy Day: "Transforming Literacy Learning Spaces, Exploring Opportunities and Possibilities"
2021 Theme for International Literacy Day: "Literacy for a human-centered recovery: Narrowing the digital divide."
2020 Theme for International Literacy Day: "Literacy teaching and learning in the Covid-19 crisis and beyond."
2019 Theme for International Literacy Day: "Literacy and Multilingualism"
विश्व साक्षरता दिवस पर विचार (International Literacy Day Quotes)
**"Today a reader, tomorrow a leader. Happy International Literacy Day 2024"**
**"For millions of people in this world, these letters are nothing but tangled lines. International Literacy Day 2024"**
**"पढ़ेगा लिखेगा भारत, तो आगे बढ़ेगा भारत!!! विश्व साक्षरता दिवस की शुभकामनाएं "**
**"One child, one teacher, one book and one pen can change the world: Malala Yousafzai"**
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