Chaitra- चैत्र
Chaitra Important Days | Chaitra Navratri |
सनातन संस्कृति के कैलेंडर (या पंचांग या संवत) में चैत्र को साल का पहला महीना माना जाता है| यह ग्रेगोरियन कैलेंडर के मार्च-अप्रैल में पड़ता है| चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पहली तारीख (प्रतिपदा तिथि) से ही हिन्दू नववर्ष आरम्भ होता है जिस तिथि को देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से नववर्ष मनाते है| साल 2023 में 'विक्रम संवत' (calendar) का 2080वा साल और 'शक संवत' के हिसाब से 1945वा साल का आरम्भ होगा| इसी दिन चैत्र नवरात्रों की भी शुरुआत होती है|
चैत्र माह 2023 कब शुरू है | Indian New Year
साल 2023 में चैत्र माह की शुरुआत 08 मार्च 2023 से होगी जिस दिन चैत्र माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा है| वहीँ चैत्र माह शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 2023 में 22 मार्च 2023 को पड़ रही है| इसी दिन अधिकतर भारतीय चंद्र कैलेंडर के हिसाब से नव वर्ष प्रारम्भ होता है| इसी तिथि को विक्रम सम्वत 2080 की भी शुरुआत होगी| साल 2022 में चैत्र माह की शुरुआत 19 मार्च 2022 से हुई थी| साथ ही चैत्र माह शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 2022 में 02 अप्रैल 2022 को पड़ी थी|
चैत्र मास का नाम कैसे पड़ा (Chaitra month)
चैत्र मास को यह नाम 'चित्रा' नक्षत्र की वजह से मिला है| चित्रा 27 नक्षत्रों में से 14वा नक्षत्र है| अमावस्या के बाद जब मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में प्रकट होकर रोज एक-एक कला बढ़ता हुआ 15वें दिन चित्रा नक्षत्र में पूर्णता को प्राप्त करता है तब वह मास 'चित्रा' नक्षत्र के कारण 'चैत्र' कहलाता है|
चित्रा नक्षत्र अंग्रेजी में (Chitra in english)
चित्रा नक्षत्र को अंग्रेजी में स्पाइका 'Spica' constellation कहते हैं|
चैत महीने की महत्वपूर्ण तिथियां
पंचांग (हिन्दू कैलेंडर) जिसमें ग्रहों, नक्षत्रों की दशा व दिशा पर तिथि, त्यौहार आदि का निर्धारण होता है उसमें प्रत्येक दिन में पड़ने वाले शुभाशुभ योग एवं मुहूर्त का विवरण भी होता है| चाहे किसी भी घडी पर तिथि का आरम्भ हो पर उस तिथि का अपना इतिहास और महत्व होता है| आइये जानते हैं चैत्र मास की तिथियों के खास महत्व|
तिथि | महत्वता |
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प्रतिपदा
(शुक्ल पक्ष)
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द्धितीया
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तृतीया
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चतुर्थी
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पंचमी
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षष्ठी
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सप्तमी
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अष्टमी
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नवमी
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दशमी
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एकादशी
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पापमोचनी एकादशी (Paapmochni Ekadashi)
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द्धादशी
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त्रयोदशी
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चतुर्दशी
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अमावस्या
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प्रतिपदा
(शुक्ल पक्ष)
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चैत्र शुक्लादी (Chaitra Sukladi)
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द्धितीया
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तृतीया
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मत्स्य जयंती (Matsya Jayanti)
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चतुर्थी
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पंचमी
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षष्ठी
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सप्तमी
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अष्टमी
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नवमी
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दशमी
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एकादशी
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कामदा एकादशी (Kamda Ekadashi)
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द्धादशी
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त्रयोदशी
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चतुर्दशी
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चैत्र मास माहात्म्य (Chaitra Maas Mahatmya)
शास्त्रों की मान्यता के हिसाब से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना आरम्भ की थी|शक संवत की शुरुआत भी इसी से होती है| इसी मास में भगवान् राम और आदि शक्ति देवी दुर्गा का प्रादुर्भाव हुआ है, इसी लिए यह मास सर्व उत्तम माना गया है| इस मास में देवी देवताओं की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है| इस मास में नवरात्रों का पर्व और मत्स्य जयंती भी मनाई जाती है| माना जाता है की भगवान् विष्णु ने दशवतारों में से पहला मत्स्य अवतार लेकर प्रलयकाल में अथाह जलराशि में से मनु की नाव को सुरक्षित जगह पर पहुँचाया था| प्रलयकाल के समाप्त होने पर मनु से ही सृष्टि का प्रारम्भ हुआ था|
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